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2000 rupee note: फैसले पर सवाल उठाने वाले नेताओं को जयराम ठाकुर ने खरी-खरी सुना दी - politics on 2000 rupee note issue

दो हजार रुपये के नोट को लेकर आरबीआई के बड़े फैसले पर अब सियासी बवाल छिड़ गया है. कांग्रेस समेत तमाम विरोधी केंद्र सरकार को इस फैसले पर घेर रहे हैं. हिमाचल में भी इस मुद्दे पर वार-पलटवार का दौर चल निकला है. सीएम सुखविंदर सुक्खू ने इस फैसले पर सवाल उठाए तो पलटवार का बीड़ा पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने उठाय. जयराम ठाकुर ने क्या कहा, जानने के लिए पढ़ें

2000 rupee note
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Published : May 20, 2023, 2:53 PM IST

पूर्व सीएम जयराम ठाकुर ने विपक्ष पर साधा निशाना

शिमला : भारतीय रिजर्व बैंक ने 2 हजार रुपये का नोट वापस लेने का फैसला लिया है. इस फैसले के बाद देशभर में सियासत भी उबाल मार रही है. कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी नेता इस फैसले पर सवाल उठा रहे हैं और इस फैसले की तुलना 2016 में हुई नोटबंदी से कर रहे हैं. हिमाचल के मुख्यमंत्री ने भी इस फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा था कि पहले काले धन को रोकने के लिए नोटबंदी की गई और 2000 रुपये का नोट जारी किया गया. 6 साल में ही उस नोट को चलन से बाहर किया जा रहा है, क्या सरकार को तब ये पता नहीं था कि 2000 रुपये के नोट से कालेधन को बढ़ावा मिलेगा. सुक्खू ने कहा कि इस तरह के फैसले से देश और प्रदेश की अर्थव्यवस्था को नुकसान होता है, सुक्खू ने कहा कि नोटबंदी के फैसले से देश को 2 फीसदी जीडीपी का नुकसान हुआ था.

जयराम ठाकुर का पलटवार- पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने 2000 रुपये के नोट को बंद करने के फैसले पर सवाल उठा रहे नेताओं को लेकर कहा कि विपक्ष इस मामले को बेवजह तूल दे रहा है और पैनिक क्रिएट कर रहा है. दरअसल हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू समेत देशभर के तमाम विपक्षी नेताओं ने दो हजार रुपये के नोट प्रचलन से बंद करने के फैसले पर सवाल उठाए हैं. विपक्ष की ओर से सरकार की आर्थिक और वित्तीय नीतियों पर सवाल उठाया जा रहा है. विपक्ष के मुताबिक अगर 6 साल में ही दो हजार रुपये का नोट वापस लेना था तो फिर चलन में क्यों लाया गया ? क्या 2016 की नोटबंदी के वक्त ये बात सरकार और आर्थिक नीति बनाने वालों के दिमाग में नहीं आई थी ?

30 सितंबर तक एक्सचेंज करवाए जा सकते हैं 2000 रुपये के नोट
30 सितंबर तक एक्सचेंज करवाए जा सकते हैं 2000 रुपये के नोट

ये समय की मांग है- जयराम ठाकुर ने कहा कि मैं इस फैसले का स्वागत करता हूं क्योंकि दो हजार रुपये का नोट बंद करना समय की मांग है. जनता को 30 सितंबर तक दो हजार के नोट बदलवाने का समय दिया गया है. जबकि विपक्ष इस मुद्दे पर पैनिक क्रिएट कर रहा है लेकिन जनता को इस फैसले से घबराने की आवश्यकता नहीं है.

इस फैसले का कोई नकारात्मक असर नहीं पड़ेगा- जयराम ठाकुर ने कहा कि इस फैसले का देश या किसी राज्य की अर्थव्यवस्था और विकास पर कोई फर्क नहीं पड़ने वाला क्योंकि काले धन के खिलाफ पीएम मोदी की ओर से उठाया गया ये एक और कारगर कदम है. इस फैसले के बाद 2 हजार रुपये का नोट प्रचलन में नहीं रहेगा लेकिन इसे नोट बंदी नहीं कह सकते. जनता की सुविधा के लिए 30 सितंबर तक नोट एक्सचेंज करने का समय दिया गया है, जबकि एक दिन में 20 हजार रुपये तक बैंक में एक्सचेंज किए जा सकते हैं. इसलिये इस फैसले से पैनिक ना करें.

ये भी पढ़ें: 2000 Rupee Note : कांग्रेस ने साधा निशाना, चिदंबरम बोले-हैरानी नहीं होगी कि 1000 का नोट फिर से जारी हो जाए

पूर्व सीएम जयराम ठाकुर ने विपक्ष पर साधा निशाना

शिमला : भारतीय रिजर्व बैंक ने 2 हजार रुपये का नोट वापस लेने का फैसला लिया है. इस फैसले के बाद देशभर में सियासत भी उबाल मार रही है. कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी नेता इस फैसले पर सवाल उठा रहे हैं और इस फैसले की तुलना 2016 में हुई नोटबंदी से कर रहे हैं. हिमाचल के मुख्यमंत्री ने भी इस फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा था कि पहले काले धन को रोकने के लिए नोटबंदी की गई और 2000 रुपये का नोट जारी किया गया. 6 साल में ही उस नोट को चलन से बाहर किया जा रहा है, क्या सरकार को तब ये पता नहीं था कि 2000 रुपये के नोट से कालेधन को बढ़ावा मिलेगा. सुक्खू ने कहा कि इस तरह के फैसले से देश और प्रदेश की अर्थव्यवस्था को नुकसान होता है, सुक्खू ने कहा कि नोटबंदी के फैसले से देश को 2 फीसदी जीडीपी का नुकसान हुआ था.

जयराम ठाकुर का पलटवार- पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने 2000 रुपये के नोट को बंद करने के फैसले पर सवाल उठा रहे नेताओं को लेकर कहा कि विपक्ष इस मामले को बेवजह तूल दे रहा है और पैनिक क्रिएट कर रहा है. दरअसल हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू समेत देशभर के तमाम विपक्षी नेताओं ने दो हजार रुपये के नोट प्रचलन से बंद करने के फैसले पर सवाल उठाए हैं. विपक्ष की ओर से सरकार की आर्थिक और वित्तीय नीतियों पर सवाल उठाया जा रहा है. विपक्ष के मुताबिक अगर 6 साल में ही दो हजार रुपये का नोट वापस लेना था तो फिर चलन में क्यों लाया गया ? क्या 2016 की नोटबंदी के वक्त ये बात सरकार और आर्थिक नीति बनाने वालों के दिमाग में नहीं आई थी ?

30 सितंबर तक एक्सचेंज करवाए जा सकते हैं 2000 रुपये के नोट
30 सितंबर तक एक्सचेंज करवाए जा सकते हैं 2000 रुपये के नोट

ये समय की मांग है- जयराम ठाकुर ने कहा कि मैं इस फैसले का स्वागत करता हूं क्योंकि दो हजार रुपये का नोट बंद करना समय की मांग है. जनता को 30 सितंबर तक दो हजार के नोट बदलवाने का समय दिया गया है. जबकि विपक्ष इस मुद्दे पर पैनिक क्रिएट कर रहा है लेकिन जनता को इस फैसले से घबराने की आवश्यकता नहीं है.

इस फैसले का कोई नकारात्मक असर नहीं पड़ेगा- जयराम ठाकुर ने कहा कि इस फैसले का देश या किसी राज्य की अर्थव्यवस्था और विकास पर कोई फर्क नहीं पड़ने वाला क्योंकि काले धन के खिलाफ पीएम मोदी की ओर से उठाया गया ये एक और कारगर कदम है. इस फैसले के बाद 2 हजार रुपये का नोट प्रचलन में नहीं रहेगा लेकिन इसे नोट बंदी नहीं कह सकते. जनता की सुविधा के लिए 30 सितंबर तक नोट एक्सचेंज करने का समय दिया गया है, जबकि एक दिन में 20 हजार रुपये तक बैंक में एक्सचेंज किए जा सकते हैं. इसलिये इस फैसले से पैनिक ना करें.

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