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Himachal News: सुखविंदर सरकार पर भाजपा का वार, जयराम ठाकुर और सुरेश कश्यप ने लगाए गंभीर आरोप

हिमाचल प्रदेश में उद्योगों पर बिजली शुल्क बढ़ाने पर नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने सुखविंदर सरकार पर तीखा हमला किया है. वहीं, सांसद सुरेश कश्यप ने भी सेब बागवानों पर प्रदूषण बोर्ड द्वारा जुर्माना लगाने का कड़ा विरोध किया है. (Jairam Thakur And Suresh Kashyap attack on Sukhu Govt)

Jairam Thakur And Suresh Kashyap attack on Sukhu Govt
सुखविंदर सरकार पर भाजपा मंत्रियों का तीखा हमला
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Sep 11, 2023, 1:53 PM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश में उद्योगों के लिए बिजली महंगी कर दी गई है. सरकार द्वारा प्रदेश में उद्योगों के लिए 19 फीसदी शुल्क बढ़ा दिए गए हैं. जिसे लेकर पूर्व सीएम एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने सुखविंदर सरकार पर तीखा हमला बोला है. जयराम ठाकुर ने कहा कि उद्योगों के लिए बिजली की दरों में डेढ़ गुणा बढ़ोतरी करके कांग्रेस सरकार प्रदेश में उद्योगों को बर्बाद करना चाहती है. वहीं, प्रदेश में सेब बागवानों पर प्रदूषण बोर्ड द्वारा लगाए गए भारी शुल्क पर सांसद सुरेश कश्यप ने प्रदेश सरकार पर निशाना साधा है.

'बदले की भावना से लिया फैसला': नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार ने बिजली की दरों में बढ़ोतरी के साथ-साथ पूर्व भाजपा सरकार द्वारा नए उद्योगों की स्थापना को प्रोत्साहित करने के लिए दी गई रियायत भी वापस ले ली है. यह राजनीतिक बदले की भावना से लिया गया दुर्भाग्यपूर्ण फैसला है. सरकार किसी पार्टी की नहीं होती है, सरकार पूरे प्रदेश की होती है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में जहां एक सरकार नए उद्योग स्थापित करने के लिए प्रोत्साहन देती है तो वहीं, दूसरी सरकार उन सुविधाओं को छीनने का काम करती है.

'उद्योगों को खत्म कर रही सरकार': जयराम ठाकुर ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रदेश सरकार हिमाचल में उद्योगों को खत्म करना चाहती है, जबकि उद्योगों के बिना प्रदेश में विकास की कल्पना भी नहीं की जा सकती है. प्रदेश में उत्पादन उद्योगों से होता है. हजारों लोगों को सीधे रोजगार मिल रहा है. उन्होंने कहा कि जो लोग इस तरह के फैसले लेते हैं, वो उसी शाखा को काटने लगते हैं जिस पर वो खुद बैठे होते हैं.

प्रदेश में माफिया तंत्र का आतंक: नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि हिमाचल में उद्योगों को खत्म करने और योजनाबद्ध तरीके से बाहर भेजने का काम किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि एक ओर सुखविंदर सरकार के फैसलों से उद्यमियों में असुरक्षा की भावना बढ़ रही है तो वहीं, बेखौफ माफिया तंत्र उद्योगपतियों को डरा रहा है. जयराम ने सरकार को घेरते हुए पूछा की आखिर किसकी शह पर ये माफिया काम कर रहे हैं. कौन इन्हें सुरक्षा दे रहा है, जिनके डर से उद्योगपति अब प्रदेश छोड़ना चाहते हैं. उन्होंने मुख्यमंत्री को नसीहत दी है कि वह माफिया और इन्हें शह देने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करे.

बागवान विरोधी सरकार का आरोप: इसके अलावा भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और सांसद सुरेश कश्यप ने सेब पर भारी जुर्माना लगाने के बाद प्रदेश सरकार पर बागवान विरोधी होने का आरोप लगाया है. गौरतलब है कि बागवानों ने खराब सेबों को नाले में फेंक दिया था, जिसके कारण हिमाचल प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने बागवानों पर 1 लाख रुपये का भारी जुर्माना लगाया है.

सेब बागवानों को 1 लाख जुर्माना: सांसद सुरेश कश्यप ने प्रदेश सरकार पर तीखा हमला करते हुए कहा कि सुखविंदर सरकार को यह स्पष्ट कर देना चाहिए कि आखिर सेब में ऐसा कौन सा रसायन था, जो प्रदूषण फैला रहा था. जिसके चलते प्रदूषण बोर्ड ने बागवानों पर इतना 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है.

प्रदेश में बागवानों की हालत दयनीय: सुरेश कश्यप ने कहा कि हिमाचल में आई आपदा के कारण पहले ही बागवानों का सेब बर्बाद हो चुका है. प्रदेश में बागवानों को इस बार भारी नुकसान झेलना पड़ा है, उनकी हालत दयनीय हो चुकी है. ऐसे में सुखविंदर सरकार बागवानों को राहत और मुआवजा देने की जगह उनसे जुर्माना वसूल रही है. कश्यप ने कहा कि मौसम की मार से हिमाचल की 6,000 करोड़ रुपये की सेब अर्थव्यवस्था पर संकट मंडरा रहा है. सरकार को इस संकट से उभरने के लिए त्वरित कदम उठाने चाहिए.

ये भी पढ़ें: Electricity duty Hike on Industries: हिमाचल के उद्योगों पर बिजली की मार, मंदी से जूझ रहे इंडस्ट्रीज जगत की बढ़ेगीं मुश्किलें!

शिमला: हिमाचल प्रदेश में उद्योगों के लिए बिजली महंगी कर दी गई है. सरकार द्वारा प्रदेश में उद्योगों के लिए 19 फीसदी शुल्क बढ़ा दिए गए हैं. जिसे लेकर पूर्व सीएम एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने सुखविंदर सरकार पर तीखा हमला बोला है. जयराम ठाकुर ने कहा कि उद्योगों के लिए बिजली की दरों में डेढ़ गुणा बढ़ोतरी करके कांग्रेस सरकार प्रदेश में उद्योगों को बर्बाद करना चाहती है. वहीं, प्रदेश में सेब बागवानों पर प्रदूषण बोर्ड द्वारा लगाए गए भारी शुल्क पर सांसद सुरेश कश्यप ने प्रदेश सरकार पर निशाना साधा है.

'बदले की भावना से लिया फैसला': नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार ने बिजली की दरों में बढ़ोतरी के साथ-साथ पूर्व भाजपा सरकार द्वारा नए उद्योगों की स्थापना को प्रोत्साहित करने के लिए दी गई रियायत भी वापस ले ली है. यह राजनीतिक बदले की भावना से लिया गया दुर्भाग्यपूर्ण फैसला है. सरकार किसी पार्टी की नहीं होती है, सरकार पूरे प्रदेश की होती है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में जहां एक सरकार नए उद्योग स्थापित करने के लिए प्रोत्साहन देती है तो वहीं, दूसरी सरकार उन सुविधाओं को छीनने का काम करती है.

'उद्योगों को खत्म कर रही सरकार': जयराम ठाकुर ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रदेश सरकार हिमाचल में उद्योगों को खत्म करना चाहती है, जबकि उद्योगों के बिना प्रदेश में विकास की कल्पना भी नहीं की जा सकती है. प्रदेश में उत्पादन उद्योगों से होता है. हजारों लोगों को सीधे रोजगार मिल रहा है. उन्होंने कहा कि जो लोग इस तरह के फैसले लेते हैं, वो उसी शाखा को काटने लगते हैं जिस पर वो खुद बैठे होते हैं.

प्रदेश में माफिया तंत्र का आतंक: नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि हिमाचल में उद्योगों को खत्म करने और योजनाबद्ध तरीके से बाहर भेजने का काम किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि एक ओर सुखविंदर सरकार के फैसलों से उद्यमियों में असुरक्षा की भावना बढ़ रही है तो वहीं, बेखौफ माफिया तंत्र उद्योगपतियों को डरा रहा है. जयराम ने सरकार को घेरते हुए पूछा की आखिर किसकी शह पर ये माफिया काम कर रहे हैं. कौन इन्हें सुरक्षा दे रहा है, जिनके डर से उद्योगपति अब प्रदेश छोड़ना चाहते हैं. उन्होंने मुख्यमंत्री को नसीहत दी है कि वह माफिया और इन्हें शह देने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करे.

बागवान विरोधी सरकार का आरोप: इसके अलावा भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और सांसद सुरेश कश्यप ने सेब पर भारी जुर्माना लगाने के बाद प्रदेश सरकार पर बागवान विरोधी होने का आरोप लगाया है. गौरतलब है कि बागवानों ने खराब सेबों को नाले में फेंक दिया था, जिसके कारण हिमाचल प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने बागवानों पर 1 लाख रुपये का भारी जुर्माना लगाया है.

सेब बागवानों को 1 लाख जुर्माना: सांसद सुरेश कश्यप ने प्रदेश सरकार पर तीखा हमला करते हुए कहा कि सुखविंदर सरकार को यह स्पष्ट कर देना चाहिए कि आखिर सेब में ऐसा कौन सा रसायन था, जो प्रदूषण फैला रहा था. जिसके चलते प्रदूषण बोर्ड ने बागवानों पर इतना 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है.

प्रदेश में बागवानों की हालत दयनीय: सुरेश कश्यप ने कहा कि हिमाचल में आई आपदा के कारण पहले ही बागवानों का सेब बर्बाद हो चुका है. प्रदेश में बागवानों को इस बार भारी नुकसान झेलना पड़ा है, उनकी हालत दयनीय हो चुकी है. ऐसे में सुखविंदर सरकार बागवानों को राहत और मुआवजा देने की जगह उनसे जुर्माना वसूल रही है. कश्यप ने कहा कि मौसम की मार से हिमाचल की 6,000 करोड़ रुपये की सेब अर्थव्यवस्था पर संकट मंडरा रहा है. सरकार को इस संकट से उभरने के लिए त्वरित कदम उठाने चाहिए.

ये भी पढ़ें: Electricity duty Hike on Industries: हिमाचल के उद्योगों पर बिजली की मार, मंदी से जूझ रहे इंडस्ट्रीज जगत की बढ़ेगीं मुश्किलें!

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