शिमला: मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर व उनके प्रतिनिधिमंडल ने गुरुवार को नीदरलैंड के एम्सटर्डम में कृषि, प्रकृति और खाद्य गुणवत्ता मंत्रालय के महासचिव जेन-कीस गोएट से कृषि व बागवानी क्षेत्रों पर सहयोग करने की चर्चा की. सीएम ने महासचिव को हिमाचल में फल उत्पादन के लिए प्रकृति द्वारा प्रदान की गई व्यापक क्षमताओं के बारे में जानकारी दी. उन्होंने कहा कि हिमाचल को भारत का फल राज्य कहा जाता है. प्रदेश में जलवायु विविधता होने के कारण विभिन्न प्रकार के फलों का उत्पादन होता है. उन्होंने कहा कि हिमाचल में फल एवं खाद्यान प्रसंस्करण में व्यापक निवेश की संभावनाएं उपलब्ध हैं.
सीएम ने कहा कि नीदरलैंड ने जल प्रबंधन, कृषि और बागवानी में कम भूमि का उपयोग करके उन्नत पद्धतियों को अपनाया है, जो हिमाचल जैसे राज्य के लिए बहुत फायदेमंद साबित हो सकती हैं. उन्होंने दिल्ली में 3-4 नवंबर को 'वर्ल्ड फूड एक्सपो' के तुरंत बाद नवंबर 2019 में धर्मशाला में आयोजित होने वाले ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट में नीदरलैंड के महासचिव और उनके मंत्रालय को आमंत्रित किया.
कृषि, प्रकृति और खाद्य गुणवत्ता मंत्रालय के महासचिव जेन-कीस गोएट ने कहा कि नीदरलैंड ने तीन मुख्य हितधारकों अर्थात सरकार, अनुसंधान केन्द्रों और कृषि व्यवसायों के बीच सहयोग का सुनहरा त्रिकोण बनाया है. उन्होंने ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट में भाग लेने के लिए मुख्यमंत्री के निमंत्रण को भी स्वीकार किया.
वहीं, सीएम जयराम ने दक्षिण हॉलैंड के आयुक्त, प्रोविंशियुइस, जुइद हॉलैंडलान, द हॉग जाप स्मिट के साथ कृषि और बागवानी आदि के क्षेत्र में सहयोग पर चर्चा की. जाप स्मिट ने हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में हिमाचल प्रदेश द्वारा आयोजित की जाने वाली पहली ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट के आयोजन में अपने सहयोग करने का आश्वासन दिया. मुख्यमंत्री और प्रतिनिधिमंडल के अन्य सदस्यों ने भी एम्सटर्डम आरएआई में ग्रीनटेक प्रदर्शनी का अवलोकन किया, जो विश्व की सबसे बड़ी ग्रीनटेक बागवानी आधारित प्रदर्शनी है. सीएम जयराम ने इस प्रदर्शनी में अपनी गहरी रूचि दिखाई.
बता दें कि सीएम जयराम 10 से 15 जून तक विदेश दौरे पर हैं. इस दौरान वो हिमाचल में नवंबर महीने में आयोजित होने वाली इन्वेस्टर्स मीट के लिए विदेशी निवेशकों को शामिल होने के लिए न्योता दे रहे हैं.