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फिर 250 करोड़ का कर्ज लेगी जयराम सरकार, 5 जुलाई को लिया था 500 करोड़ लोन - शिमला

बता दें कि राज्य पर 50 हजार करोड़ से अधिक का कर्ज हो चुका है. सरकार ने हाल ही में 5 जुलाई को 500 करोड़ रुपए कर्ज लेने का निर्णय लिया गया था. अब महीने के अंत में 250 करोड़ रुपए का और कर्ज उठाया जा रहा है. यानि इस तरह जुलाई माह में सरकार 750 करोड़ रुपए कर्ज उठा रही है. इससे पहले मई माह में भी दो अलग-अलग मदों में 400 करोड़ रुपए का कर्ज लिया था.

Jairam Govt
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Published : Jul 31, 2019, 7:08 PM IST

शिमला: हिमाचल के कर्ज का मर्ज दूर होता नहीं दिख रहा. जुलाई महीने के शुरू में 500 करोड़ का कर्ज लेने के बाद अब फिर लोन लेने की नौबत आ गई है. इस तरह मौजूदा वित्त वर्ष के पहले चार महीनों में ही करीब 1550 करोड़ के लिए गए हैं.


यहां बता दें कि राज्य पर 50 हजार करोड़ से अधिक का कर्ज हो चुका है. सरकार ने हाल ही में 5 जुलाई को 500 करोड़ रुपए कर्ज लेने का निर्णय लिया गया था. अब महीने के अंत में 250 करोड़ रुपए का और कर्ज उठाया जा रहा है. यानि इस तरह जुलाई माह में सरकार 750 करोड़ रुपए कर्ज उठा रही है. इससे पहले मई माह में भी दो अलग-अलग मदों में 400 करोड़ रुपए का कर्ज लिया था.


गौर किया जाए कि सरकार 1 अप्रैल से शुरू हुए नए वित्तीय वर्ष में ही चौथी बार कर्ज ले रही है. मौजूदा वित्तीय वर्ष में 1,550 करोड़ रुपए का कर्ज और हो गया है. इससे पूर्व सरकार ने जनवरी माह में 500 करोड़ रुपए, फरवरी माह में 800 करोड़ रुपए, अप्रैल माह में 400 करोड़ रुपए, मई माह में 400 करोड़ रुपए और अब जुलाई माह में क्रमश: 500 करोड़ रुपए और 250 करोड़ रुपए का कर्ज लिया जा रहा है. राज्य सरकार पर अब कुल 51,995 करोड़ रुपए का कर्ज चढ़ गया है.


उल्लेखनीय है कि प्रदेश सरकार की तरफ से की गई नई बजट घोषणाओं के अलावा वेतन व पैंशन की बढ़ती अदायगी के चलते सरकार को बार-बार कर्ज लेने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है. सरकार को प्राप्तियों एवं व्यय के बीच के अंतर को ऋण के माध्यम से पोषित किया जाएगा. इस कारण वित्तीय वर्ष में 5,068 करोड़ रुपए ऋण उठाने का अनुमान है.

शिमला: हिमाचल के कर्ज का मर्ज दूर होता नहीं दिख रहा. जुलाई महीने के शुरू में 500 करोड़ का कर्ज लेने के बाद अब फिर लोन लेने की नौबत आ गई है. इस तरह मौजूदा वित्त वर्ष के पहले चार महीनों में ही करीब 1550 करोड़ के लिए गए हैं.


यहां बता दें कि राज्य पर 50 हजार करोड़ से अधिक का कर्ज हो चुका है. सरकार ने हाल ही में 5 जुलाई को 500 करोड़ रुपए कर्ज लेने का निर्णय लिया गया था. अब महीने के अंत में 250 करोड़ रुपए का और कर्ज उठाया जा रहा है. यानि इस तरह जुलाई माह में सरकार 750 करोड़ रुपए कर्ज उठा रही है. इससे पहले मई माह में भी दो अलग-अलग मदों में 400 करोड़ रुपए का कर्ज लिया था.


गौर किया जाए कि सरकार 1 अप्रैल से शुरू हुए नए वित्तीय वर्ष में ही चौथी बार कर्ज ले रही है. मौजूदा वित्तीय वर्ष में 1,550 करोड़ रुपए का कर्ज और हो गया है. इससे पूर्व सरकार ने जनवरी माह में 500 करोड़ रुपए, फरवरी माह में 800 करोड़ रुपए, अप्रैल माह में 400 करोड़ रुपए, मई माह में 400 करोड़ रुपए और अब जुलाई माह में क्रमश: 500 करोड़ रुपए और 250 करोड़ रुपए का कर्ज लिया जा रहा है. राज्य सरकार पर अब कुल 51,995 करोड़ रुपए का कर्ज चढ़ गया है.


उल्लेखनीय है कि प्रदेश सरकार की तरफ से की गई नई बजट घोषणाओं के अलावा वेतन व पैंशन की बढ़ती अदायगी के चलते सरकार को बार-बार कर्ज लेने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है. सरकार को प्राप्तियों एवं व्यय के बीच के अंतर को ऋण के माध्यम से पोषित किया जाएगा. इस कारण वित्तीय वर्ष में 5,068 करोड़ रुपए ऋण उठाने का अनुमान है.

शिमला। हिमाचल के कर्ज का मर्ज दूर होता नहीं दिख रहा। महीने के आरंभ में 500 करोड़ का कर्ज लेने के बाद अब फिर लोन लेने की नौबत आ गई है।इस तरह मौजूदा वित्त वर्ष के पहले चार महीनों में ही करीब 1550 करोड़ के लिए गए हैं। यहां बता दें कि राज्य पर 50 हजार करोड़ से अधिक का कर्ज हो चुका है। सरकार ने हाल ही में 5 जुलाई को 500 करोड़ रुपए कर्ज लेने का निर्णय लिया गया था। अब महीने के अंत में 250 करोड़ रुपए का और कर्ज उठाया जा रहा है। यानि इस तरह जुलाई माह में सरकार 750 करोड़ रुपए कर्ज उठा रही है। इससे पहले मई माह में भी दो अलग-अलग मदों में 400 करोड़ रुपए का कर्ज लिया था। गौर किया जाए कि सरकार 1 अप्रैल से शुरू हुए नए वित्तीय वर्ष में ही चौथी बार कर्ज ले रही है। मौजूदा वित्तीय वर्ष में 1,550 करोड़ रुपए का कर्ज और हो गया है। इससे पूर्व सरकार ने जनवरी माह में 500 करोड़ रुपए, फरवरी माह में 800 करोड़ रुपए, अप्रैल माह में 400 करोड़ रुपए, मई माह में 400 करोड़ रुपए तथा अब जुलाई माह में क्रमश: 500 करोड़ रुपए और 250 करोड़ रुपए का कर्ज लिया जा रहा है। राज्य सरकार पर अब कुल 51,995 करोड़ रुपए का कर्ज चढ़ गया है। उल्लेखनीय है कि  प्रदेश सरकार की तरफ से की गई नई बजट घोषणाओं के अलावा वेतन व पैंशन की बढ़ती अदायगी के चलते सरकार को बार-बार कर्ज लेने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। सरकार को प्राप्तियों एवं व्यय के बीच के अंतर को ऋण के माध्यम से पोषित किया जाएगा। इस कारण वित्तीय वर्ष में 5,068 करोड़ रुपए ऋण उठाने का अनुमान है। 
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