शिमला: हिमाचल सरकार फिर एक हजार करोड़ रुपये का कर्ज लेगी. इस दीर्घकालिक कर्ज को 14-15 साल में चुकाया किया जाएगा. पिछले महीने ही सरकार ने एक हजार करोड़ रुपये का ऋण लिया था. करीब एक महीने के बाद फिर से इसकी अधिसूचनाएं जारी हुई हैं.
विधेयक पारित कर अनुपूरक बजट का प्रावधान
आमतौर पर 10 से 12 साल में कर्ज चुकाने की अधिसूचनाएं जारी होती थीं, लेकिन इस बार लंबी अवधि तय की गई है. यह अधिसूचना केंद्र सरकार से विशेष मंजूरी लेने के बाद जारी की गई है. राज्य सरकार का इस वित्तीय वर्ष का व्यय बजट अनुमानों से काफी ऊपर है. बजट सत्र में इसके लिए विधेयक पारित कर अनुपूरक बजट का प्रावधान किया जाएगा.
500-500 करोड़ रुपये की दो अधिसूचनाएं जारी
कर्ज लेने के लिए सरकार ने 500-500 करोड़ रुपये की दो अधिसूचनाएं जारी की हैं. एक अधिसूचना के अनुसार 500 करोड़ रुपये का कर्ज 17 फरवरी 2035 तक चुका दिया जाएगा. दूसरी अधिसूचना के अनुसार 500 करोड़ रुपये का दूसरा कर्ज 17 फरवरी 2036 तक चुकाना होगा. ब्याज साल में दो बार 17 फरवरी और 17 अगस्त को चुकाना होगा.
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कर्ज लेने की सीमा एक फीसदी बढ़ाई गई
दरअसल पंद्रहवें वित्तायोग की सिफारिश के अनुसार अब हिमाचल की कर्ज लेने की लिमिट एक फीसदी बढ़ा दी गई है. यानी तीन फीसदी से चार फीसदी कर दी गई है. ऐसे में प्रदेश सरकार की वित्तीय वर्ष में कर्ज की सीमा इस बार सात हजार करोड़ रुपए बन सकती है. पिछले वित्तीय वर्ष के मुकाबले ये 1800 करोड़ रुपए अधिक होगी. पहले ये लिमिट 5200 करोड़ रुपए थी. प्रदेश सरकार अपनी जीडीपी का तीन फीसदी कर्ज ले सकती है. राज्य सरकार की सालाना कर्ज लिमिट अपनी जीडीपी की तीन फीसदी रहती है. अब वित्तायोग की सिफारिश से ये चार फीसदी हो सकेगी.
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