शिमला: पौधे को पानी क्या दिया कि आसपास की घास भी तर हो गई. ये उदाहरण हिमाचल में देखने को मिला. हिमाचल सरकार में खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले मंत्री राजिंद्र गर्ग की धर्मपत्नी के साथ चालीस और शिक्षक प्रमोशन का तोहफा पा गए. मंत्री की पत्नी बिलासपुर जिले में तैनात हैं.
हुआ यूं कि कुछ शिक्षकों को टीजीटी से प्रमोट होने में एमए, एमएससी यानी पोस्ट ग्रेजुएशन के अंकों की शर्त रास्ते में आड़े आ रही थी. ऐसे शिक्षकों में राज्य सरकार के एक मंत्री की धर्मपत्नी भी हैं. ऐसे में सरकार ने मेहरबानी दिखाते हुए नियमों में छूट दे दी.
इस तरह टीजीटी से प्रमोट होकर स्कूल प्रवक्ता बनने के लिए नियमों में छूट से कई शिक्षकों की पौ-बारह हो गई. सोमवार को हिमाचल कैबिनेट की मीटिंग थी. मीटिंग में प्रमोट होकर स्कूल लेक्चरर बनने के लिए जिन शिक्षकों के पास पीजी की डिग्री में पर्याप्त नंबर नहीं थे, उन्हें एकमुश्त छूट दी गई.
यहां उल्लेखनीय है कि टीजीटी के रिक्रूटमेंट एंड प्रमोशन नियमों के तहत वर्ष 2010 के बाद प्रमोट होने वाले शिक्षकों के लिए पीजी में 50 प्रतिशत अंक जरूरी रखे गए थे. वहीं, 2010 से पहले प्रमोट हुए शिक्षकों के लिए यह नियम नहीं था. शिक्षा विभाग ने इस मामले पर एक प्रस्ताव तैयार कर सरकार को भेजा था.
प्रस्ताव के अनुसार वर्ष 2008 के बाद जो टीजीटी नियमित हुए उन्हें प्रमोशन के नियमों से छूट दी जानी चाहिए. कैबिनेट से इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई. उधर, सोशल मीडिया में सारा दिन ये मामला चर्चा का विषय बना रहा.