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जयराम सरकार के तीन साल पर बोले सुरेश भारद्वाज, बदले की भावना नहीं, विकास रही पहचान - cabinet Minister Suresh Bhardwaj

जयराम ठाकुर के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार के कार्यकाल के 3 साल पूरे होने जा रहे हैं. कैबिनेट मंत्री सुरेश भारद्वाज ने इस अवसर पर ईटीवी भारत से भाजपा सरकार की उपलब्धियों और चुनौतियों पर खास बातचीत की. कैबिनेट मंत्री सुरेश भारद्वाज के पास पहले शिक्षा विभाग था और अब अब उन्हें शहरी विकास विभाग जैसे महत्वपूर्ण महकमें का मुखिया बनाया गया है.

Interview of cabinet Minister Suresh Bhardwaj
Interview of cabinet Minister Suresh Bhardwaj
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Published : Dec 24, 2020, 10:44 AM IST

Updated : Dec 24, 2020, 12:10 PM IST

शिमला: हिमाचल में जयराम ठाकुर के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार के कार्यकाल के 3 साल पूरे होने जा रहे हैं. कैबिनेट मंत्री सुरेश भारद्वाज ने इस अवसर पर ईटीवी भारत से भाजपा सरकार की उपलब्धियों और चुनौतियों पर खास बातचीत की.

सुरेश भारद्वाज ने कहा कि जयराम सरकार ने बदले की भावना वाली राजनीति को छोड़कर विकास को अपनी पहचान बनाया है. शपथ लेने के तुरंत बाद पहली कैबिनेट बैठक में जनहित का एक ऐसा फैसला लिया गया, जिसकी कहीं मिसाल नहीं मिलती.

इसमें बुजुर्ग लोगों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन के तहत बड़ी राहत देते हुए आयु सीमा को 80 साल से घटाकर 70 साल किया गया, जिसका लाभ लाखों बुजुर्गों को मिल रहा है. यही नहीं जयराम सरकार ने बजट में हर बार ऐसी योजनाओं का प्रावधान किया, जिससे विकास का लाभ प्रदेश के हर वर्ग को पहुंचा है.

पहले शिक्षा मंत्री, अब शहरी विकास विभाग का जिम्मा

सुरेश भारद्वाज पहले शिक्षा मंत्री थे और अब उन्हें शहरी विकास विभाग जैसे महत्वपूर्ण महकमें का मुखिया बनाया गया है. ढाई साल तक शिक्षा मंत्री रहे सुरेश भारद्वाज ने अपने विभाग की कई योजनाओं का जिक्र किया और बताया कि किस तरह रूसा सिस्टम सहित अन्य मुद्दों पर सक्रियता से काम किया गया. उन्होंने अटल आदर्श विद्यालय केंद्र जैसी नवीन योजना को प्रदेश के लिए बड़ी उपलब्धि बताया.

कैबिनेट मंत्री सुरेश भारद्वाज का साक्षात्कार. भाग-एक

उन्होंने कहा कि हाल ही में शहरी विकास विभाग का कार्यभार संभालने के बाद नगर नियोजन के क्षेत्र में आ रही अड़चनों को दूर करने का प्रयास किया जा रहा है. हिमाचल में पहले बिना किसी योजना के नगरों की बसावट हुई.

अब एनजीटी का आदेश है कि ढाई मंजिल से अधिक निर्माण नहीं किया जा सकेगा. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष रखा है, क्योंकि हिमाचल पहाड़ी राज्य में ढाई मंजिल वाली शर्त बाधा बन रही है. इसके लिए ऐसी प्रक्रिया तैयार की जा रही है जिससे एनजीटी के आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी जा सके.

कोविड के कारण बाधित हुए स्मार्ट सिटी के कार्य

स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट की धीमी गति पर पूछे गए सवाल के जवाब में सुरेश भारद्वाज ने कहा कि कुछ परियोजनाएं जरूर देरी से शुरू हुई हैं. इसका कारण कोविड के दौरान गतिविधियों का बाधित होना है. शुरुआत में धर्मशाला को स्मार्ट सिटी घोषित किया गया था, लेकिन शिमला इस सूची में स्थान नहीं बना पाया था.

कैबिनेट मंत्री सुरेश भारद्वाज का साक्षात्कार. भाग-दो

शिमला भी बाद में स्मार्ट सिटी की सूची में आया और शुरुआती औपचारिकताओं को पूरा करने में समय लगा है. इसके लिए हिमाचल सरकार केंद्र से आग्रह करेगी कि 2022 की समय सीमा जो तय की गई है उसे बढ़ाया जाए. हिमाचल के परिस्थितियों को देखते हुए ऐसी छूट मिलनी चाहिए.

कर्ज लेना सरकार की मजबूरी

राज्य सरकार पर भारी भरकम कर्ज के बोझ को लेकर सुरेश भारद्वाज ने कहा कि कोई भी सरकार या निजी उद्यम बिना कर्ज के नहीं चल सकते. हिमाचल के पास वैसे भी आर्थिक संसाधन सीमित हैं. उन्होंने हिमाचल में सरकारों पर कर्ज की पृष्ठभूमि का जिक्र किया और बताया कि किन परिस्थितियों में सरकार कर्ज लेने को मजबूर होती है.

2022 में होगा मिशन रिपीट

सुरेश भारद्वाज ने दावा किया कि हिमाचल में आने वाले समय में भाजपा की सरकार रिपीट होगी. उन्होंने कहा कि वैसे तो 1990 के बाद हिमाचल में कोई भी रिपीट नहीं कर पाया है, लेकिन भाजपा इस बार यह संभव करेगी.

उन्होंने कहा कि वीरभद्र सिंह बेशक एक बड़े नेता रहे हैं, लेकिन वह भी कभी सरकार रिपीट नहीं कर पाए हैं. सुरेश भारद्वाज ने कहा कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के नेतृत्व में जिस तरह से विकास कार्य हुए हैं, उससे प्रदेश की जनता एक बार फिर 2022 में भाजपा को सत्ता में आएगी.

शिमला: हिमाचल में जयराम ठाकुर के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार के कार्यकाल के 3 साल पूरे होने जा रहे हैं. कैबिनेट मंत्री सुरेश भारद्वाज ने इस अवसर पर ईटीवी भारत से भाजपा सरकार की उपलब्धियों और चुनौतियों पर खास बातचीत की.

सुरेश भारद्वाज ने कहा कि जयराम सरकार ने बदले की भावना वाली राजनीति को छोड़कर विकास को अपनी पहचान बनाया है. शपथ लेने के तुरंत बाद पहली कैबिनेट बैठक में जनहित का एक ऐसा फैसला लिया गया, जिसकी कहीं मिसाल नहीं मिलती.

इसमें बुजुर्ग लोगों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन के तहत बड़ी राहत देते हुए आयु सीमा को 80 साल से घटाकर 70 साल किया गया, जिसका लाभ लाखों बुजुर्गों को मिल रहा है. यही नहीं जयराम सरकार ने बजट में हर बार ऐसी योजनाओं का प्रावधान किया, जिससे विकास का लाभ प्रदेश के हर वर्ग को पहुंचा है.

पहले शिक्षा मंत्री, अब शहरी विकास विभाग का जिम्मा

सुरेश भारद्वाज पहले शिक्षा मंत्री थे और अब उन्हें शहरी विकास विभाग जैसे महत्वपूर्ण महकमें का मुखिया बनाया गया है. ढाई साल तक शिक्षा मंत्री रहे सुरेश भारद्वाज ने अपने विभाग की कई योजनाओं का जिक्र किया और बताया कि किस तरह रूसा सिस्टम सहित अन्य मुद्दों पर सक्रियता से काम किया गया. उन्होंने अटल आदर्श विद्यालय केंद्र जैसी नवीन योजना को प्रदेश के लिए बड़ी उपलब्धि बताया.

कैबिनेट मंत्री सुरेश भारद्वाज का साक्षात्कार. भाग-एक

उन्होंने कहा कि हाल ही में शहरी विकास विभाग का कार्यभार संभालने के बाद नगर नियोजन के क्षेत्र में आ रही अड़चनों को दूर करने का प्रयास किया जा रहा है. हिमाचल में पहले बिना किसी योजना के नगरों की बसावट हुई.

अब एनजीटी का आदेश है कि ढाई मंजिल से अधिक निर्माण नहीं किया जा सकेगा. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष रखा है, क्योंकि हिमाचल पहाड़ी राज्य में ढाई मंजिल वाली शर्त बाधा बन रही है. इसके लिए ऐसी प्रक्रिया तैयार की जा रही है जिससे एनजीटी के आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी जा सके.

कोविड के कारण बाधित हुए स्मार्ट सिटी के कार्य

स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट की धीमी गति पर पूछे गए सवाल के जवाब में सुरेश भारद्वाज ने कहा कि कुछ परियोजनाएं जरूर देरी से शुरू हुई हैं. इसका कारण कोविड के दौरान गतिविधियों का बाधित होना है. शुरुआत में धर्मशाला को स्मार्ट सिटी घोषित किया गया था, लेकिन शिमला इस सूची में स्थान नहीं बना पाया था.

कैबिनेट मंत्री सुरेश भारद्वाज का साक्षात्कार. भाग-दो

शिमला भी बाद में स्मार्ट सिटी की सूची में आया और शुरुआती औपचारिकताओं को पूरा करने में समय लगा है. इसके लिए हिमाचल सरकार केंद्र से आग्रह करेगी कि 2022 की समय सीमा जो तय की गई है उसे बढ़ाया जाए. हिमाचल के परिस्थितियों को देखते हुए ऐसी छूट मिलनी चाहिए.

कर्ज लेना सरकार की मजबूरी

राज्य सरकार पर भारी भरकम कर्ज के बोझ को लेकर सुरेश भारद्वाज ने कहा कि कोई भी सरकार या निजी उद्यम बिना कर्ज के नहीं चल सकते. हिमाचल के पास वैसे भी आर्थिक संसाधन सीमित हैं. उन्होंने हिमाचल में सरकारों पर कर्ज की पृष्ठभूमि का जिक्र किया और बताया कि किन परिस्थितियों में सरकार कर्ज लेने को मजबूर होती है.

2022 में होगा मिशन रिपीट

सुरेश भारद्वाज ने दावा किया कि हिमाचल में आने वाले समय में भाजपा की सरकार रिपीट होगी. उन्होंने कहा कि वैसे तो 1990 के बाद हिमाचल में कोई भी रिपीट नहीं कर पाया है, लेकिन भाजपा इस बार यह संभव करेगी.

उन्होंने कहा कि वीरभद्र सिंह बेशक एक बड़े नेता रहे हैं, लेकिन वह भी कभी सरकार रिपीट नहीं कर पाए हैं. सुरेश भारद्वाज ने कहा कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के नेतृत्व में जिस तरह से विकास कार्य हुए हैं, उससे प्रदेश की जनता एक बार फिर 2022 में भाजपा को सत्ता में आएगी.

Last Updated : Dec 24, 2020, 12:10 PM IST
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