शिमला: सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अंतरराष्ट्रीय आपदा जोखिम न्यूनीकरण दिवस (डिजास्टर रिडक्शन डे) पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए. इस दौरान सीएम ने राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (SDMA) के सौजन्य से आयोजित नागरिक एकजुटता मार्च को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. यह मार्च रिज पर संपन्न हुआ. इस मौके पर सीएम ने कहा आपदा से बेहतर ढंग से निपटने के लिए जागरूकता आवश्यक है. क्योंकि सही जानकारी होने पर चुनौतियों का बेहतर ढंग से सामना किया जा सकता है.
सीएम सुक्खू ने कहा भविष्य में भूकंप सहित अन्य प्राकृतिक आपदाओं के लिए तैयार रहने की आवश्यकता है. हिमाचल ने इस साल मानसून में भारी बारिश और भूस्खलन से आई आपदा का डटकर मुकाबला किया. इस मुश्किल घड़ी में सभी ने एकजुटता का परिचय दिया, जो कि हमारी हिमाचली संस्कृति एवं संस्कारों में भी शुमार है. आपदा प्रभावितों की मदद के लिए स्थापित आपदा राहत कोष-2023 में लोगों के सहयोग से अभी तक लगभग 222 करोड़ रुपए की धनराशि प्राप्त हो चुकी है.
सीएम सुक्खू ने अंशदान के लिए लोगों का आभार जताया. मुख्यमंत्री ने कहा छोटे बच्चों ने अपनी गुल्लक के पैसे जमा कर इस कोष के लिए दान किए. वहीं सरकारी कर्मचारियों, पेंशनरों, विधायकों और समाज के हर वर्ग ने बढ़-चढ़कर अपनी क्षमता के अनुसार इसमें अंशदान किया है. अपने जीवन काल में उन्होंने इससे बड़ी आपदा नहीं देखी, जिसमें लगभग 500 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई. जबकि 16000 से ज्यादा घरों को नुकसान पहुंचा है.
सीएम सुक्खू ने कहा प्रदेश में 12 हजार करोड़ से भी अधिक संपत्ति का नुकसान हुआ है. इस त्रासदी को देखते हुए राज्य सरकार ने अपने संसाधनों से ₹4500 करोड़ रुपए का विशेष राहत पैकेज जारी किया है, जिसमें पूरी तरह से क्षतिग्रस्त घर का मुआवजा 1.30 लाख रुपए से बढ़ाकर 7 लाख रुपए किया गया है. इसके साथ ही राज्य सरकार प्रभावितों को घर बनाने के लिए 280 रुपए प्रति बोरी की दर से सीमेंट तथा निःशुल्क बिजली-पानी कनेक्शन सुविधा उपलब्ध करवाएगी. राज्य सरकार हर प्रभावित तक राहत सुनिश्चित कर रही है.