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अब नहीं चलेगी प्राइवेट स्कूलों की मनमानी, ज्यादा फीस वसूली तो करनी पड़ेगी वापस

छात्र अभिभावक मंच ने शिक्षा विभाग से निजी स्कूलों पर कार्रवाई करने की मांग की थी. छात्र अभिभावक मंच ने मांग की थी कि स्कूलों को पीटीए गठन करना अनिवार्य किया जाए. इसके साथ ही बच्चों की सुरक्षा को लेकर भी इंतजाम करने के निर्देश निजी स्कूलों को जारी किए जाएं.

instructions to private schools
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Published : Jul 4, 2019, 9:40 PM IST

शिमला: राजधानी शिमला के निजी स्कूल 5 फीसदी से ज्यादा फीस में बढ़ोतरी नहीं कर पाएंगे. शिक्षा विभाग की ओर से निजी स्कूलों को निर्देश जारी किए गए हैं. आदेशों के अनुसार हर साल 5 फीसदी फीस ही निजी स्कूल बढ़ा सकेंगे.


विभाग ने अपने आदेशों में ये स्पष्ट किया है कि अगर तय नियम से ज्यादा फीस निजी स्कूल वसूलते हैं तो उन्हें उसे वापस करना होगा. विभाग के इस फैसले पर शिमला के निजी स्कूलों ने भी सहमति जताई है.


बता दें कि छात्र अभिभावक मंच की शिक्षा निदेशालय में किए गए उग्र प्रदर्शन के बाद शिक्षा निदेशालय में निजी स्कूलों की बैठक बुलाई गई थी. इस बैठक में शिमला के बड़े निजी स्कूलों के प्रिंसिपल शामिल हुए. इस दौरान जहां शिक्षा निदेशालय ने निदेशक ने उन्हें बढ़ाई गई फीस में कमी करने को कहा तो वहीं यह भी निर्देश जारी किए केवल 5 फीसदी बढ़ोतरी फीस दरों में की जाए.

स्पेशल रिपोर्ट


शिक्षा विभाग के इस निर्देश पर निजी स्कूलों ने अपनी समस्याएं शिक्षा निदेशक के समक्ष रखी. उन्होंने कहा कि हर साल स्कूलों में स्मार्ट क्लासरूम के साथ ही फर्नीचर जैसी सुविधाएं देने के लिए अतिरिक्त बजट की आवश्यकता होती है.


बैठक में निजी स्कूलों को 31 जुलाई तक पीटीए का गठन करने के आदेश में शिक्षा विभाग की ओर से जारी किए गए. इस प्रक्रिया को पूरा करने के लिए जनरल हाउस स्कूलों में बुलाना होगा जिसमें छात्रों की संख्या के आधार पर पीटीए का गठन स्कूलों को करना होगा. शिक्षा विभाग निजी स्कूलों से पीटीए गठन के लेकर रिपोर्ट तलब करेगा.

बता दें कि छात्र अभिभावक मंच ने शिक्षा विभाग से निजी स्कूलों पर कार्रवाई करने की मांग की थी. छात्र अभिभावक मंच ने मांग की थी कि स्कूलों को पीटीए गठन करना अनिवार्य किया जाए. इसके साथ ही बच्चों की सुरक्षा को लेकर भी इंतजाम करने के निर्देश निजी स्कूलों को जारी किए जाएं, जब तक यहां मांगे पूरी नहीं होती हैं तब तक अपना आंदोलन जारी रखने की चेतावनी दी थी. इसी को देखते हुए अब शिक्षा निदेशक ने निजी स्कूलों के साथ बैठक बुलाकर उन्हें बढ़ाई गई फीस दरों में कटौती करने के साथ ही पीटीए गठन की प्रक्रिया को पूरा करने के निर्देश जारी किए हैं.


इसके साथ ही बैठक में निजी स्कूलों को छात्रों की सुरक्षा के लिए कड़े कदम उठाने के निर्देश भी जारी किए गए हैं. साथ ही यह भी निर्देश दिए गए हैं कि निजी स्कूल छात्रों को स्कूल पहुंचाने के लिए अपनी निजी बसें खरीदे.

शिमला: राजधानी शिमला के निजी स्कूल 5 फीसदी से ज्यादा फीस में बढ़ोतरी नहीं कर पाएंगे. शिक्षा विभाग की ओर से निजी स्कूलों को निर्देश जारी किए गए हैं. आदेशों के अनुसार हर साल 5 फीसदी फीस ही निजी स्कूल बढ़ा सकेंगे.


विभाग ने अपने आदेशों में ये स्पष्ट किया है कि अगर तय नियम से ज्यादा फीस निजी स्कूल वसूलते हैं तो उन्हें उसे वापस करना होगा. विभाग के इस फैसले पर शिमला के निजी स्कूलों ने भी सहमति जताई है.


बता दें कि छात्र अभिभावक मंच की शिक्षा निदेशालय में किए गए उग्र प्रदर्शन के बाद शिक्षा निदेशालय में निजी स्कूलों की बैठक बुलाई गई थी. इस बैठक में शिमला के बड़े निजी स्कूलों के प्रिंसिपल शामिल हुए. इस दौरान जहां शिक्षा निदेशालय ने निदेशक ने उन्हें बढ़ाई गई फीस में कमी करने को कहा तो वहीं यह भी निर्देश जारी किए केवल 5 फीसदी बढ़ोतरी फीस दरों में की जाए.

स्पेशल रिपोर्ट


शिक्षा विभाग के इस निर्देश पर निजी स्कूलों ने अपनी समस्याएं शिक्षा निदेशक के समक्ष रखी. उन्होंने कहा कि हर साल स्कूलों में स्मार्ट क्लासरूम के साथ ही फर्नीचर जैसी सुविधाएं देने के लिए अतिरिक्त बजट की आवश्यकता होती है.


बैठक में निजी स्कूलों को 31 जुलाई तक पीटीए का गठन करने के आदेश में शिक्षा विभाग की ओर से जारी किए गए. इस प्रक्रिया को पूरा करने के लिए जनरल हाउस स्कूलों में बुलाना होगा जिसमें छात्रों की संख्या के आधार पर पीटीए का गठन स्कूलों को करना होगा. शिक्षा विभाग निजी स्कूलों से पीटीए गठन के लेकर रिपोर्ट तलब करेगा.

बता दें कि छात्र अभिभावक मंच ने शिक्षा विभाग से निजी स्कूलों पर कार्रवाई करने की मांग की थी. छात्र अभिभावक मंच ने मांग की थी कि स्कूलों को पीटीए गठन करना अनिवार्य किया जाए. इसके साथ ही बच्चों की सुरक्षा को लेकर भी इंतजाम करने के निर्देश निजी स्कूलों को जारी किए जाएं, जब तक यहां मांगे पूरी नहीं होती हैं तब तक अपना आंदोलन जारी रखने की चेतावनी दी थी. इसी को देखते हुए अब शिक्षा निदेशक ने निजी स्कूलों के साथ बैठक बुलाकर उन्हें बढ़ाई गई फीस दरों में कटौती करने के साथ ही पीटीए गठन की प्रक्रिया को पूरा करने के निर्देश जारी किए हैं.


इसके साथ ही बैठक में निजी स्कूलों को छात्रों की सुरक्षा के लिए कड़े कदम उठाने के निर्देश भी जारी किए गए हैं. साथ ही यह भी निर्देश दिए गए हैं कि निजी स्कूल छात्रों को स्कूल पहुंचाने के लिए अपनी निजी बसें खरीदे.

Intro:राजधानी शिमला के निजी स्कूल 5 फ़ीसदी से ज्यादा फीस में बढ़ोतरी नहीं कर पाएंगे। शिक्षा विभाग की ओर से निजी स्कूलों को निर्देश जारी किए गए हैं कि हर साल 5 फ़ीसदी फीस ही निजी स्कूल बढ़ाएं और इससे ज्यादा फीस अभिभावकों से ना वसूली जाए। अगर इस तय नियम से ज्यादा फीस निजी स्कूल वसूलते हैं तो उन्हें उसे वापस करना होगा। शिक्षा विभाग के इस फैसले पर शिमला के निजी स्कूलों ने भी सहमति जताई है। स्कूल प्रबंधन में शिक्षा विभाग को कहां है कि फीस बढ़ोतरी को लेकर लिखित में निर्देश जारी किए जाएं जिससे कि उन्हें स्पष्ट हो सके की कितनी फीस में कमी उन्हें करनी है। बता दें कि छात्र अभिभावक मंच की शिक्षा निदेशालय में किए गए उग्र प्रदर्शन के बाद शिक्षा निदेशालय में निजी स्कूलों की बैठक बुलाई गई थी। इस बैठक में शिमला के बड़े निजी स्कूलों के प्रिंसिपल शामिल हुए। इस दौरान जहां शिक्षा निदेशालय ने निदेशक ने उन्हें बढ़ाई गई फीस में कमी करने को कहा तो वहीं यह भी निर्देश जारी किए केवल 5 फ़ीसदी बढ़ोतरी फीस दरों में की जाए।


Body: शिक्षा विभाग के इस निर्देश पर निजी स्कूलों ने अपनी समस्याएं शिक्षा निदेशक के समक्ष रखी। उन्होंने कहा कि हर साल स्कूलों में स्मार्ट क्लासरूम के साथ ही फर्नीचर जैसी सुविधाएं देने के लिए अतिरिक्त बजट की आवश्यकता होती है। यही वजह है कि निजी स्कूल हर साल फीस में बढ़ोतरी कर रहे हैं। ऐसे में उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग यह तय करें कि कितनी फीस उन्हें बढ़ानी है और बढ़ाई गई फीस में से कितनी प्रतिशत फीस अभिभावकों को वापस लौटानी है। बैठक में निजी स्कूलों को पीटीए का गठन करने के आदेश में शिक्षा विभाग की ओर से जारी किए गए। शिक्षा निदेशक ने निर्देश जारी किए की सभी निजी स्कूल 31 जुलाई तक पीटीए की गठन की प्रक्रिया को पूरा करें। इस प्रक्रिया को पूरा करने के लिए जनरल हाउस स्कूलों में बुलाना होगा जिसमें छात्रों की संख्या के आधार पर पीटीए का गठन स्कूलों को करना होगा। पीटीए में उन अभिभावकों का चयन करना आवश्यक होगा जिनके बच्चे स्कूल में पढ़ रहे हैं। पीटीए गठन के लिए स्कूलों ने भी शिक्षा विभाग से समय मांगा है और इस प्रक्रिया को 30 जुलाई तक पूरा करने का समय शिक्षा विभाग की ओर से दिया गया है। इसके बाद शिक्षा विभाग निजी स्कूलों से पीटीए गठन के लेकर रिपोर्ट तलब करेगा।


Conclusion:छात्र अभिभावक मंच ने शिक्षा विभाग से निजी स्कूलों पर कार्रवाई करने की मांग की थी। छात्र अभिभावक मंच ने मांग की थी कि स्कूलों को पीटीए गठन करना अनिवार्य किया जाए। इसके साथ ही बच्चों की सुरक्षा को लेकर भी इंतजाम करने के निर्देश निजी स्कूलों को जारी किए जाएं जब तक यहां मांगे पूरी नहीं होती हैं तब तक अपना आंदोलन जारी रखने की चेतावनी छात्र अभिभावक मंच ने दी थी। इसी को देखते हुए अब शिक्षा निदेशक ने निजी स्कूलों के साथ बैठक बुलाकर उन्हें बढ़ाई गई फीस दरों में कटौती करने के साथ ही पीटीए गठन की प्रक्रिया को पूरा करने के निर्देश जारी किए हैं। इसके साथ ही बैठक में निजी स्कूलों को छात्रों की सुरक्षा के लिए कड़े कदम उठाने के निर्देश भी जारी किए गए हैं। साथ ही यह भी निर्देश दिए गए हैं कि निजी स्कूल छात्रों को स्कूल पहुंचाने के लिए अपनी निजी बसें खरीदे।
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