शिमला: राजधानी शिमला के निजी स्कूल 5 फीसदी से ज्यादा फीस में बढ़ोतरी नहीं कर पाएंगे. शिक्षा विभाग की ओर से निजी स्कूलों को निर्देश जारी किए गए हैं. आदेशों के अनुसार हर साल 5 फीसदी फीस ही निजी स्कूल बढ़ा सकेंगे.
विभाग ने अपने आदेशों में ये स्पष्ट किया है कि अगर तय नियम से ज्यादा फीस निजी स्कूल वसूलते हैं तो उन्हें उसे वापस करना होगा. विभाग के इस फैसले पर शिमला के निजी स्कूलों ने भी सहमति जताई है.
बता दें कि छात्र अभिभावक मंच की शिक्षा निदेशालय में किए गए उग्र प्रदर्शन के बाद शिक्षा निदेशालय में निजी स्कूलों की बैठक बुलाई गई थी. इस बैठक में शिमला के बड़े निजी स्कूलों के प्रिंसिपल शामिल हुए. इस दौरान जहां शिक्षा निदेशालय ने निदेशक ने उन्हें बढ़ाई गई फीस में कमी करने को कहा तो वहीं यह भी निर्देश जारी किए केवल 5 फीसदी बढ़ोतरी फीस दरों में की जाए.
शिक्षा विभाग के इस निर्देश पर निजी स्कूलों ने अपनी समस्याएं शिक्षा निदेशक के समक्ष रखी. उन्होंने कहा कि हर साल स्कूलों में स्मार्ट क्लासरूम के साथ ही फर्नीचर जैसी सुविधाएं देने के लिए अतिरिक्त बजट की आवश्यकता होती है.
बैठक में निजी स्कूलों को 31 जुलाई तक पीटीए का गठन करने के आदेश में शिक्षा विभाग की ओर से जारी किए गए. इस प्रक्रिया को पूरा करने के लिए जनरल हाउस स्कूलों में बुलाना होगा जिसमें छात्रों की संख्या के आधार पर पीटीए का गठन स्कूलों को करना होगा. शिक्षा विभाग निजी स्कूलों से पीटीए गठन के लेकर रिपोर्ट तलब करेगा.
बता दें कि छात्र अभिभावक मंच ने शिक्षा विभाग से निजी स्कूलों पर कार्रवाई करने की मांग की थी. छात्र अभिभावक मंच ने मांग की थी कि स्कूलों को पीटीए गठन करना अनिवार्य किया जाए. इसके साथ ही बच्चों की सुरक्षा को लेकर भी इंतजाम करने के निर्देश निजी स्कूलों को जारी किए जाएं, जब तक यहां मांगे पूरी नहीं होती हैं तब तक अपना आंदोलन जारी रखने की चेतावनी दी थी. इसी को देखते हुए अब शिक्षा निदेशक ने निजी स्कूलों के साथ बैठक बुलाकर उन्हें बढ़ाई गई फीस दरों में कटौती करने के साथ ही पीटीए गठन की प्रक्रिया को पूरा करने के निर्देश जारी किए हैं.
इसके साथ ही बैठक में निजी स्कूलों को छात्रों की सुरक्षा के लिए कड़े कदम उठाने के निर्देश भी जारी किए गए हैं. साथ ही यह भी निर्देश दिए गए हैं कि निजी स्कूल छात्रों को स्कूल पहुंचाने के लिए अपनी निजी बसें खरीदे.