शिमला: हिमाचल की सुखविंदर सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों का अधिक इस्तेमाल करेगी. इसके लिए सरकार ने तीन जिलों में सभी सरकारी कार्यालयों में इलेक्ट्रिकल गाड़ियां खरीदने का फैसला लिया है. शिमला, हमीरपुर और कांगड़ा जिले में सरकारी गाड़ियां इलेक्ट्रिक होंगी, इसके बाद यहां पर सरकारी बसों को भी इलेक्ट्रिक से बदला जाएगा. सुखविंदर सरकार हिमाचल प्रदेश ग्रीन एनर्जी स्टेट बनाने के लिए कई बड़े कदम उठा रही है. इसके तहत राज्य सरकार अब सरकारी अधिकारियों के लिए इलेक्ट्रिक गाड़ियों की खरीद करेगी.
इलेक्ट्रिक गाड़ियों का किया जाएगा ज्यादा इस्तेमाल: पहले चरण में शिमला, हमीरपुर और कांगड़ा जिला में सरकारी क्षेत्र के लिए इलेक्ट्रिक गाड़ियों की खरीद की जाएगी. इसके बाद 9 अन्य जिलों इलेक्ट्रिक गाड़ियों की खरीद की जाएगी. उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा है कि सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार का वित्तीय वर्ष 2023-24 के बजट में हिमाचल को ग्रीन स्टेट बनाने के लिए सरकार अपना विजन सामने लाएगी. इसके तहत हिमाचल में इलेक्ट्रिक गाड़ियों को ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल में लाया जाएगा.
जिलों में स्थापित किए जाएंगे 50 चार्जिंग स्टेशन: उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि पहले चरण में शिमला, हमीरपुर और कांगड़ा जिला की सरकारी गाड़ियों को इलेक्ट्रिक से बदला जाएगा. इलेक्ट्रिक गाड़ियों के लिए पर्याप्त चार्जिंग स्टेशन भी इन जिलों में स्थापित किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि शिमला जिले में सरकारी क्षेत्र में इलेक्ट्रिक गाड़ियों की खरीद को ध्यान में रखते हुए टूटीकंडी व सभी पार्किंग स्थलों पर चार्जिंग स्टेशन स्थापित किए जाएंगे. इस तरह पहले चरण में इलेक्ट्रिक गाड़ियों के 3 जिलों में 50 चार्जिंग स्टेशन स्थापित होंगे, जिसके लिए भूमि हस्तांतरण की प्रक्रिया को जल्द अंतिम रूप दिया जा रहा है. इसके बाद दूसरे चरण में बाकी के 9 जिलों में भी इलेक्ट्रिक गाड़ियां सरकारी स्तर पर इस्तेमाल होंगी.
150 इलेक्ट्रिक बसें भी खरीदेगी सरकार: हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि सरकार ने एचआरटीसी के लिए 150 बसें खरीदने का फैसला लिया है. अभी तक शिमला में 50 इलेक्ट्रिक बसों का फ्लीट है जिसको बढ़ाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि हिमाचल परिवहन विभाग को पूरी तरह से इलेक्ट्रिक गाड़ियों से बदला जा रहा है. सरकार ने तय किया है कि 31 मार्च तक विभाग की सभी सरकारी गाड़ियां इलेक्ट्रिक गाड़ियां होंगी. इस प्रक्रिया में तीन गाड़ियां आ चुकी हैं और 15 गाड़ियां अगले माह अंत तक आ जाएगी. उन्होंने कहा कि इससे पेट्रोल और डीजल की गाड़ियों की मेंटेनेंस पर होने वाले खर्च को कम किया जा सकेगा. मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि सरकारी क्षेत्र में इलेक्ट्रिक गाड़ियों की खरीद करना महंगा है, लेकिन आने वाले समय में खर्चों में कमी आएगी. यानी सरकारी वाहनों में डीजल और पेट्रोल पर होने वाला खर्च कम हो जाएगा, जिससे अधिक बचत होगी और साथ में पर्यावरण संरक्षण भी संभव होगा.
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