शिमला: वाटर सेस मामले को लेकर उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर पर पलटवार किया है. उन्होंने कहा केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर सहयोग देने की बजाए वाटर सेस लगाने का विरोध कर रहे हैं. केंद्रीय मंत्री को विरोध करने की बजाए दिल्ली में हिमाचल के हितों की पैरवी करनी चाहिए.
उद्योग मंत्री ने कहा हिमाचल ने अपने संसाधन बढ़ाने के लिए वाटर सेस लगाने का फैसला किया है. इस तरह का वाटर सेस पहले जम्मू-कश्मीर और उत्तराखंड भी लगा चुका है. केंद्र सरकार इसे असंवैधानिक बता रही है. विडंबना यह है कि हिमाचल के भाजपा नेता भी इसका विरोध कर रहे हैं. केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर भी इसका विरोध कर रहे हैं. वे नहीं चाहते कि हिमाचल अपने संसाधन बढ़ाए.
हर्षवर्धन चौहान ने कहा केंद्र सरकार ने कर्ज लेने की सीमा भी 5,000 करोड़ रुपए घटाकर प्रदेश के हितों से खिलवाड़ किया है. यही नहीं एक्सर्टनल एडेड प्रोजेक्ट पर भी केंद्र की भाजपा सरकार ने लिमट लगा दी है. केंद्र ने तीन सालों के लिए तीन हजार करोड़ रुपए की लिमिट तय की है. उन्होंने कहा इस समय केंद्र सरकार के पास हिमाचल प्रदेश के 8,500 करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट फंसे हैं, जिनकी विभिन्न वित्त पोषित एजेंसियों से फंडिंग होनी है.
उन्होंने कहा केंद्रीय मंत्री को विरोध करने की बजाए दिल्ली में हिमाचल के हितों की पैरवी करनी चाहिए. उन्होंने कहा मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इन मामलों को केंद्रीय वित्त मंत्री से उठाया है. सरकार हिमाचल को आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास कर रही है. भारी वित्तीय संकट होने पर भी सरकार सरकार संसाधन जुटा रही है. सरकार ने शराब ठेकों की नीलामी की है, जिससे 40 फीसदी आय बढ़ी है. जबकि पिछली भाजपा सरकार शराब के ठेके को हर साल रिन्यू करवा रही थी.
उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा मुख्यमंत्री ने सभी विभागों को संसाधन बढ़ाने के निर्देश दिए हैं. इसके साथ ही खर्चों को कम किया जा रहा है. उन्होंने कहा मुख्यमंत्री का लक्ष्य अगले 10 वर्ष में राज्य को आत्मनिर्भर बनाना है. हर्षवर्धन चौहान ने कहा सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार का छह माह का कार्यकाल उपलब्धियों भरा रहा है. जनता से जो वादे किए गए थे, उनको पूरा किया जा रहा है. हिमाचल में ओपीएस बहाल की गई है. जिसका फायदा 1.36 लाख कर्मचारियों को मिला है.
उन्होंने कहा कि महिलाओं को सम्मान निधि का वादा पूरा करते हुए 2.31 लाख महिलाओं के साथ ही स्पीति की सभी महिलाओं को यह राशि दी जा रही है. इसी तरह सभी 68 विधानसभा में मॉडल स्कूल खोलने के वादे पर अमल करते हुए राजीव गांधी डे-बोर्डिंग स्कूल खोलने का फैसला लिया गया है. अभी तक 16 स्कूलों को कैबिनेट ने मंजूरी दी है और प्रत्येक स्कूल के लिए 5-5 करोड़ रुपए भी मंजूर कर दिए गए हैं. अन्य वादों को भी सरकार चरणबद्ध तरीके से पूरा करेगी.
ये भी पढ़ें: हिमाचल में 92 नई जगहों पर शुरू होगा ईको-टूरिज्म, सीएम सुक्खू ने मास्टर प्लान बनाने के दिए निर्देश