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कैबिनेट का अहम फैसला, IT के दायरे में आने वालों को नहीं मिलेगा डिपुओं का सस्ता राशन

जयराम कैबिनेट की बैठक में बुधवार को अहम फैसला लिया गया. इनकम टैक्स देने वालों को एक साल तक डिपुओं में सस्ते राशन का लाभ नहीं मिलेगा. बीपीएल/प्राथमिकता वाले परिवारों के लाभार्थियों के चयन के लिए अब ऊपरी आय सीमा को बढ़ाकर 45000 रुपये कर दी गई है.

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Published : May 13, 2020, 8:47 PM IST

Updated : May 13, 2020, 10:29 PM IST

himachal pradesh cabinet meeting
हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक

शिमलाः मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में बुधवार को कैबिनेट बैठक का आयोजन किया गया. जिसमें फैसला लिया गया कि इनकम टैक्स देने वालों को एक साल तक डिपुओं में सस्ते राशन का लाभ नहीं मिलेगा. इसके अलावा एपीएल परिवारों को दी जा रही दालों, खाद्य तेल और चीनी पर सब्सिडी के युक्तिकरण के लिए प्रदेश मंत्रिमंडल ने अपनी स्वीकृति प्रदान की है.

मंत्रिमंडल के फैसले के अनुसार बीपीएल/प्राथमिकता वाले परिवारों के लाभार्थियों के चयन के लिए अब ऊपरी आय सीमा को बढ़ाकर 45000 रुपये कर दी गई है. इससे राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम परिवारों की संख्या 1,50,000 तक बढ़ जाएगी, जिससे वे 3.30 रुपये प्रति किलो गेहूं आटा और 2 रुपये प्रति किलो चावल बहुत ही रियायती दरों पर लेने के लिए पात्र हो जाएंगे.

वीडियो

आयोजित मंत्रिमंडल की बैठक में प्रधानमंत्री केन्द्र सरकार का कोविड-19 महामारी के दृष्टिगत अर्थ-व्यवस्था से निपटने के लिए देश को 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज की घोषणा के लिए उनका धन्यवाद किया. मंत्रिमंडल ने कहा कि यह आर्थिक पैकेज कमजोर वर्गों, एमएसएमई, व्यापार समुदाय, कामगारों व आम जनता को आवश्यक राहत प्रदान कर देश की अर्थ-व्यवस्था को पुनर्जीवित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. यह पैकेज भारत को मजबूत, जीवंत और आत्मनिर्भर बनाने में मील का पत्थर साबित होगा.

मंत्रिमंडल ने रोजगार के अधिक अवसर सृजित करने, लघु एवं छोटी इकाइयों के नियोक्ताओं व छोटे ठेकेदारों को सुविधा प्रदान करने के लिए कॉन्ट्रैक्ट लेबर (आर एंड ए) अधिनियम, 1970 (1970 का 37वां) को प्रदेश में लागू करने के लिए धारा-1 सब सेक्सन-4 में जरूरी संशोधन को अनुमति प्रदान की.

संशोधन में अनुबंध रोजगार की सीमा को 20 से बढ़ाकर 30 श्रमिक करने का प्रस्ताव है. इससे राज्य में औद्योगिक निवेश, उत्पादन और व्यापार करने में आसानी के लिए भी सहायता मिलेगी. इसके साथ ही मंत्रिमंडल ने फैक्ट्री एक्ट 1948 में ऑफेसिंस को कम्पाउंड करने के लिए धारा-2 (एम) (प), 2 (एम) (पप), धारा-65 (3) (पअ), धारा-85(1) (प) में संशोधन करने और नई धारा 106 (बी) की प्रविष्टि करने की अनुमति दी.

इससे राज्य में छोटी इकाइयों में उत्पाद गतिविधियों के लिए श्रमिकों की वर्तमान सीमा 10 और 20 को बढ़ाकर 20 और 40 किया जाएगा. इस संशोधन से छोटी विनिर्माण इकाइयों की स्थापना को प्रोत्साहन मिलेगा और श्रमिकों को रोजगार के अधिक अवसर सृजित होंगे.

इसी तरह, वर्तमान में कोई भी कर्मचारी किसी भी तिमाही में अधिकतम 75 घंटे ओवर टाइम काम कर सकता है, लेकिन धारा-65 के खंड (4) 3 संशोधन में इस सीमा को बढ़ाकर 115 घंटे करना प्रस्तावित है. इसमें ओवरटाइम का भुगतान साधारण मजदूरी की दर से दोगुना करने की शर्त होगी, जिससे श्रमिकों को आय के अधिक अवसर मिल सके.

मंत्रिमंडल ने औद्योगिक विवाद अधिनियम, 1947 (1947 का 14वां) की धारा-22, (1) धारा 25 एफ (बी) धारा-25-के में संशोधन करने पर भी अपनी सहमति दी. इससे औद्योगिक निवेश, उत्पादन और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और राज्य में व्यापार करने में आसानी होगी. इससे औद्योगिक प्रतिष्ठानों को अनुकूल और व्यापार मित्र वातावरण पर्यावरण सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी और कामगारों के लिए रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे.

मंत्रिमंडल ने जिला मंडी के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र टीहरा को 50 बिस्तरों वाले नागरिक अस्पताल में स्तरोन्नत करने की मंजूरी प्रदान की. मंत्रिमंडल ने कुल्लू जिले के भेखली में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खोलने के लिए अपनी स्वीकृति प्रदान की.

बैठक में जिला सिरमौर की तहसील नाहन में ग्राम कुंडला (गुमटी) में मैसर्स एल्बो स्पिरिट्स प्राइवेट लिमिटेड के पक्ष में आश्रय पत्र की वैधता अवधि को बढ़ाने का निर्णय लिया गया, जिससे कंपनी को परियोजना के काम को पूरा करने में सुविधा हो सके, इसमें कोविड-19 महामारी के कारण विलंब हो रहा था. मंत्रिमंडल ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में 15 अटल आदर्श विद्यालय खोलने का निर्णय लिया, ताकि छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सके.

पढ़ेंः हिमाचल में करीब 1200 करोड़ का टैक्सी कारोबार, लॉकडाउन में हुआ 'ZERO'

शिमलाः मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में बुधवार को कैबिनेट बैठक का आयोजन किया गया. जिसमें फैसला लिया गया कि इनकम टैक्स देने वालों को एक साल तक डिपुओं में सस्ते राशन का लाभ नहीं मिलेगा. इसके अलावा एपीएल परिवारों को दी जा रही दालों, खाद्य तेल और चीनी पर सब्सिडी के युक्तिकरण के लिए प्रदेश मंत्रिमंडल ने अपनी स्वीकृति प्रदान की है.

मंत्रिमंडल के फैसले के अनुसार बीपीएल/प्राथमिकता वाले परिवारों के लाभार्थियों के चयन के लिए अब ऊपरी आय सीमा को बढ़ाकर 45000 रुपये कर दी गई है. इससे राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम परिवारों की संख्या 1,50,000 तक बढ़ जाएगी, जिससे वे 3.30 रुपये प्रति किलो गेहूं आटा और 2 रुपये प्रति किलो चावल बहुत ही रियायती दरों पर लेने के लिए पात्र हो जाएंगे.

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आयोजित मंत्रिमंडल की बैठक में प्रधानमंत्री केन्द्र सरकार का कोविड-19 महामारी के दृष्टिगत अर्थ-व्यवस्था से निपटने के लिए देश को 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज की घोषणा के लिए उनका धन्यवाद किया. मंत्रिमंडल ने कहा कि यह आर्थिक पैकेज कमजोर वर्गों, एमएसएमई, व्यापार समुदाय, कामगारों व आम जनता को आवश्यक राहत प्रदान कर देश की अर्थ-व्यवस्था को पुनर्जीवित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. यह पैकेज भारत को मजबूत, जीवंत और आत्मनिर्भर बनाने में मील का पत्थर साबित होगा.

मंत्रिमंडल ने रोजगार के अधिक अवसर सृजित करने, लघु एवं छोटी इकाइयों के नियोक्ताओं व छोटे ठेकेदारों को सुविधा प्रदान करने के लिए कॉन्ट्रैक्ट लेबर (आर एंड ए) अधिनियम, 1970 (1970 का 37वां) को प्रदेश में लागू करने के लिए धारा-1 सब सेक्सन-4 में जरूरी संशोधन को अनुमति प्रदान की.

संशोधन में अनुबंध रोजगार की सीमा को 20 से बढ़ाकर 30 श्रमिक करने का प्रस्ताव है. इससे राज्य में औद्योगिक निवेश, उत्पादन और व्यापार करने में आसानी के लिए भी सहायता मिलेगी. इसके साथ ही मंत्रिमंडल ने फैक्ट्री एक्ट 1948 में ऑफेसिंस को कम्पाउंड करने के लिए धारा-2 (एम) (प), 2 (एम) (पप), धारा-65 (3) (पअ), धारा-85(1) (प) में संशोधन करने और नई धारा 106 (बी) की प्रविष्टि करने की अनुमति दी.

इससे राज्य में छोटी इकाइयों में उत्पाद गतिविधियों के लिए श्रमिकों की वर्तमान सीमा 10 और 20 को बढ़ाकर 20 और 40 किया जाएगा. इस संशोधन से छोटी विनिर्माण इकाइयों की स्थापना को प्रोत्साहन मिलेगा और श्रमिकों को रोजगार के अधिक अवसर सृजित होंगे.

इसी तरह, वर्तमान में कोई भी कर्मचारी किसी भी तिमाही में अधिकतम 75 घंटे ओवर टाइम काम कर सकता है, लेकिन धारा-65 के खंड (4) 3 संशोधन में इस सीमा को बढ़ाकर 115 घंटे करना प्रस्तावित है. इसमें ओवरटाइम का भुगतान साधारण मजदूरी की दर से दोगुना करने की शर्त होगी, जिससे श्रमिकों को आय के अधिक अवसर मिल सके.

मंत्रिमंडल ने औद्योगिक विवाद अधिनियम, 1947 (1947 का 14वां) की धारा-22, (1) धारा 25 एफ (बी) धारा-25-के में संशोधन करने पर भी अपनी सहमति दी. इससे औद्योगिक निवेश, उत्पादन और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और राज्य में व्यापार करने में आसानी होगी. इससे औद्योगिक प्रतिष्ठानों को अनुकूल और व्यापार मित्र वातावरण पर्यावरण सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी और कामगारों के लिए रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे.

मंत्रिमंडल ने जिला मंडी के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र टीहरा को 50 बिस्तरों वाले नागरिक अस्पताल में स्तरोन्नत करने की मंजूरी प्रदान की. मंत्रिमंडल ने कुल्लू जिले के भेखली में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खोलने के लिए अपनी स्वीकृति प्रदान की.

बैठक में जिला सिरमौर की तहसील नाहन में ग्राम कुंडला (गुमटी) में मैसर्स एल्बो स्पिरिट्स प्राइवेट लिमिटेड के पक्ष में आश्रय पत्र की वैधता अवधि को बढ़ाने का निर्णय लिया गया, जिससे कंपनी को परियोजना के काम को पूरा करने में सुविधा हो सके, इसमें कोविड-19 महामारी के कारण विलंब हो रहा था. मंत्रिमंडल ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में 15 अटल आदर्श विद्यालय खोलने का निर्णय लिया, ताकि छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सके.

पढ़ेंः हिमाचल में करीब 1200 करोड़ का टैक्सी कारोबार, लॉकडाउन में हुआ 'ZERO'

Last Updated : May 13, 2020, 10:29 PM IST
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