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हिमाचल हाई कोर्ट का अहम फैसला, Seniority और अन्य सेवा लाभ के लिए गिना जाए अनुबंध सेवाकाल

हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने अनुबंध सेवाकाल को सीनियरिटी और अन्य सेवा लाभ के लिए गिने जाने का आदेश जारी किया है. हाई कोर्ट में एक तहसील कल्याण अधिकारी चमन लाल व अन्य ने याचिका दाखिल की थी. पढ़ें पूरी खबर... (Himachal High Court News).

Himachal High Court News
हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट (फाइल फोटो).
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Oct 3, 2023, 8:07 PM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने एक अहम फैसला दिया है. अदालत ने अनुबंध सेवाकाल को सीनियरिटी और अन्य सेवा लाभ के लिए गिने जाने का आदेश जारी किया है. हाई कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति विवेक सिंह ठाकुर व न्यायमूर्ति बीसी नेगी की खंडपीठ ने ये आदेश जारी किया है. खंडपीठ ने इस मामले में याचिकाकर्ता की अनुबंध अवधि की सेवा को सीनियोरिटी व अन्य लाभ के लिए गिने जाने के लिए कहा है.

दरअसल, हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट में एक तहसील कल्याण अधिकारी चमन लाल व अन्य ने याचिका दाखिल की थी. उन्होंने अनुबंध सेवा अवधि को सीनियरिटी, पेंशन व अन्य सेवा लाभ के लिए गिने जाने की गुहार लगाई थी. इस पर न्यायमूर्ति विवेक सिंह ठाकुर व न्यायमूर्ति बिपिन चंद्र नेगी की खंडपीठ ने राज्य सरकार को आदेश दिए कि वह याचिकाकर्ताओं की अनुबंध सेवा को गिनते हुए सभी सेवा लाभ 31 दिसंबर 2023 तक अदा करें.

याचिकाकर्ता चमन लाल व अन्य ने अदालत को बताया था कि मई 2010 को उनकी नियुक्ति हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग की ओर से अनुबंध के आधार पर की गई थी. पांच वर्ष के अनुबंध सेवाकाल के बाद उनकी सेवाओं को नियमित किया गया. याचिका में आरोप लगाया गया कि उनकी तरफ से अनुबंध के आधार पर दी गई सेवाओं को सीनियरिटी के लिए नहीं गिना जा रहा है.

याचिकाकर्ताओं ने अदालत ने गुहार लगाई थी कि उनकी अनुबंध सेवाकाल को सीनियरिटी, पेंशन और वार्षिक वेतन वृद्धि के लिए गिना जाए. अदालत ने इस संदर्भ में दाखिल की गई याचिका को स्वीकार करते हुए राज्य सरकार को निर्देश दिए कि अनुबंध सेवा काल को गिना जाए और याचिकाकर्ताओं को सभी सेवा लाभ दिसंबर 2023 तक जारी किए जाएं. उल्लेखनीय है कि हिमाचल में ऐसे कई मामले हैं, जिनमें अनुबंध सेवा काल को सीनियरिटी के लिए गिने जाने के आवेदन आ रहे हैं.

ये भी पढ़ें- Himachal Crypto Currency Fraud: हिमाचल में क्रिप्टो करेंसी के नाम पर 18 करोड़ रुपये की ठगी को अंजाम देने वाले 3 मुख्य आरोपी गिरफ्तार, गुजरात में छिपे थे शातिर

शिमला: हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने एक अहम फैसला दिया है. अदालत ने अनुबंध सेवाकाल को सीनियरिटी और अन्य सेवा लाभ के लिए गिने जाने का आदेश जारी किया है. हाई कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति विवेक सिंह ठाकुर व न्यायमूर्ति बीसी नेगी की खंडपीठ ने ये आदेश जारी किया है. खंडपीठ ने इस मामले में याचिकाकर्ता की अनुबंध अवधि की सेवा को सीनियोरिटी व अन्य लाभ के लिए गिने जाने के लिए कहा है.

दरअसल, हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट में एक तहसील कल्याण अधिकारी चमन लाल व अन्य ने याचिका दाखिल की थी. उन्होंने अनुबंध सेवा अवधि को सीनियरिटी, पेंशन व अन्य सेवा लाभ के लिए गिने जाने की गुहार लगाई थी. इस पर न्यायमूर्ति विवेक सिंह ठाकुर व न्यायमूर्ति बिपिन चंद्र नेगी की खंडपीठ ने राज्य सरकार को आदेश दिए कि वह याचिकाकर्ताओं की अनुबंध सेवा को गिनते हुए सभी सेवा लाभ 31 दिसंबर 2023 तक अदा करें.

याचिकाकर्ता चमन लाल व अन्य ने अदालत को बताया था कि मई 2010 को उनकी नियुक्ति हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग की ओर से अनुबंध के आधार पर की गई थी. पांच वर्ष के अनुबंध सेवाकाल के बाद उनकी सेवाओं को नियमित किया गया. याचिका में आरोप लगाया गया कि उनकी तरफ से अनुबंध के आधार पर दी गई सेवाओं को सीनियरिटी के लिए नहीं गिना जा रहा है.

याचिकाकर्ताओं ने अदालत ने गुहार लगाई थी कि उनकी अनुबंध सेवाकाल को सीनियरिटी, पेंशन और वार्षिक वेतन वृद्धि के लिए गिना जाए. अदालत ने इस संदर्भ में दाखिल की गई याचिका को स्वीकार करते हुए राज्य सरकार को निर्देश दिए कि अनुबंध सेवा काल को गिना जाए और याचिकाकर्ताओं को सभी सेवा लाभ दिसंबर 2023 तक जारी किए जाएं. उल्लेखनीय है कि हिमाचल में ऐसे कई मामले हैं, जिनमें अनुबंध सेवा काल को सीनियरिटी के लिए गिने जाने के आवेदन आ रहे हैं.

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