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IIT Mandi Controversy: आईआईटी मंडी में बढ़ा विवाद, निदेशक लक्ष्मीधर बेहरा के इस्तीफे और सार्वजानिक माफी की मांग - मंडी न्यूज

आईआईटी मंडी के निदेशक डॉ. लक्ष्मीधर बेहरा द्वारा मांस खाने से प्राकृतिक आपदा के बयान पर बवाल बढ़ता हुआ नजर आ रहा है. इस पर अब सीपीआईएम के राज्य सचिव ओंकार शाद ने बेहरा से इस्तीफे और सार्वजनिक माफी की मांग की है. उनका कहना है कि ये टिप्पणी हिमाचल प्रदेश के लोगों का अपमान है. (IIT Mandi Controversy) (CPIM on IIT Mandi Director Controversial Statement)

IIT Mandi Controversy
आईआईटी मंडी विवाद
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Sep 11, 2023, 9:39 AM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश में सीपीआईएम ने आईआईटी मंडी के निदेशक डॉ. लक्ष्मीधर बेहरा से उनके द्वारा की गई टिप्पणी के लिए इस्तीफा और माफी मांगने की मांग की है. गौरतलब है कि बीते दिनों आईआईटी मंडी के निदेशक डॉ. लक्ष्मीधर बेहरा ने यह बयान दिया था कि हिमाचल प्रदेश में लैंडस्लाइड और बादल फटने जैसी घटनाएं जानवरों पर क्रूरता का प्रभाव है. जो लोग मांस खाते हैं, वह हिमाचल में निर्दोष जानवरों को काट रहे हैं.

साइंटिफिक विजन पर उठाए सवाल: इस बारे में सीपीआईएम के राज्य सचिव ओंकार शाद ने कहा कि मांस खाने पर आईआईटी मंडी के निदेशक के विचार बिना किसी संदेह के साबित हो गए हैं कि इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि एक विशिष्ट प्रौद्योगिकी संस्थान में रहने वाले व्यक्ति के पास साइंटिफिक विजन है. उन्होंने कहा कि डॉ. लक्ष्मीधर बेहरा के विचार अवैज्ञानिक हैं और उनके प्रोफेशनल वैल्यू और एथिकल वैल्यू में बहुत बड़ा विरोधाभास है. स्टूडेंट्स पर अपने व्यक्तिगत विचार थोपना और उन्हें मांस न खाने के लिए कहना नॉन प्रोफेशनल बिहेव है.

इस्तीफे की मांग: सीपीआईएम के राज्य सचिव ओंकार शाद द्वारा आईआईटी मंडी के निदेशक डॉ. लक्ष्मीधर बेहरा को पत्र लिख कर मांगी और इस्तीफे की मांग की. जिसकी एक प्रति केंद्रीय मंत्री और हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को भी भेजी गई. सीपीआईएम नेता ने बेहरा के बयान पर सवाल किया कि क्या वह प्राकृतिक आपदाओं को रोकने की परियोजनाओं को छोड़ देंगे, फंडिंग एजेंसियों को ग्रांट राशि वापस कर देंगे और अपने अवैज्ञानिक विचारों के साथ प्राकृतिक आपदाओं से लड़ेंगे।

विवाद का कारण: बता दें की ये विवाद तब खड़ा हुआ, जब डॉ. लक्ष्मीधर बेहरा ने छात्रों से मांस न खाने की शपथ लेने को कहा और ये दावा किया कि हिमाचल प्रदेश में लैंडस्लाइड और बादल फटने की घटनाएं, जानवरों पर हो रही क्रूरता के कारण हो रही है. उन्होंने छात्रों से कहा कि अगर हमने जानवरों को काटना बंद नहीं किया तो हिमाचल प्रदेश का बहुत बड़ा नुकसान होगा. अच्छा इंसान बनने के लिए मांस खाना बंद करना होगा. जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है.

CPIM नेता का सवाल: सीपीआईएम ने आईआईटी मंडी के निदेशक के बयान पर सवाल उठाते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश के लोग सदियों से मांस खा रहे हैं, वर्तमान में बादल फटने और लैंडस्लाइड की घटनाएं सदियों से क्यों नहीं हुई. उन्होंने कहा कि निर्देशक ने जानबूझकर क्लाइमेट चेंज, मूसलाधार बारिश, हिमालय की नाजुक स्थिति और हिमाचल आपदा के पीछे मानव जनित कारणों के मुद्दे को टाल दिया है.

हिमाचल वासियों से माफी की मांग: ओंकार शाद ने पत्र में बेहरा से पूछा कि क्या आपको फोरलेन रोड के लिए पहाड़ियों की अंधाधुंध कटाई, पनबिजली बांधों के प्रतिकूल प्रभाव, पहाड़ों पर शहरों के अनुचित विस्तार और अनियोजित विकास के कारण पहाड़ियों की घटती वहन क्षमता नजर नहीं आ रही है. उन्होंने कहा कि लोगों की खान-पान की आदतों, सांस्कृतिक मूल्यों, जीवनशैली पर हमला करना और उनकी भावनाओं को ठेस पहुंचाना राज्य के लोगों का अपमान है. शाद ने कहा कि आईआईटी मंडी के निदेशक को हिमाचल प्रदेश के 80 लाख लोगों से बिना शर्त माफी मांगनी चाहिए.

ये भी पढ़ें: IIT Mandi Director का अजीबोगरीब बयान, इंसानों के मांस खाने के कारण हिमाचल में आई आपदा

शिमला: हिमाचल प्रदेश में सीपीआईएम ने आईआईटी मंडी के निदेशक डॉ. लक्ष्मीधर बेहरा से उनके द्वारा की गई टिप्पणी के लिए इस्तीफा और माफी मांगने की मांग की है. गौरतलब है कि बीते दिनों आईआईटी मंडी के निदेशक डॉ. लक्ष्मीधर बेहरा ने यह बयान दिया था कि हिमाचल प्रदेश में लैंडस्लाइड और बादल फटने जैसी घटनाएं जानवरों पर क्रूरता का प्रभाव है. जो लोग मांस खाते हैं, वह हिमाचल में निर्दोष जानवरों को काट रहे हैं.

साइंटिफिक विजन पर उठाए सवाल: इस बारे में सीपीआईएम के राज्य सचिव ओंकार शाद ने कहा कि मांस खाने पर आईआईटी मंडी के निदेशक के विचार बिना किसी संदेह के साबित हो गए हैं कि इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि एक विशिष्ट प्रौद्योगिकी संस्थान में रहने वाले व्यक्ति के पास साइंटिफिक विजन है. उन्होंने कहा कि डॉ. लक्ष्मीधर बेहरा के विचार अवैज्ञानिक हैं और उनके प्रोफेशनल वैल्यू और एथिकल वैल्यू में बहुत बड़ा विरोधाभास है. स्टूडेंट्स पर अपने व्यक्तिगत विचार थोपना और उन्हें मांस न खाने के लिए कहना नॉन प्रोफेशनल बिहेव है.

इस्तीफे की मांग: सीपीआईएम के राज्य सचिव ओंकार शाद द्वारा आईआईटी मंडी के निदेशक डॉ. लक्ष्मीधर बेहरा को पत्र लिख कर मांगी और इस्तीफे की मांग की. जिसकी एक प्रति केंद्रीय मंत्री और हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को भी भेजी गई. सीपीआईएम नेता ने बेहरा के बयान पर सवाल किया कि क्या वह प्राकृतिक आपदाओं को रोकने की परियोजनाओं को छोड़ देंगे, फंडिंग एजेंसियों को ग्रांट राशि वापस कर देंगे और अपने अवैज्ञानिक विचारों के साथ प्राकृतिक आपदाओं से लड़ेंगे।

विवाद का कारण: बता दें की ये विवाद तब खड़ा हुआ, जब डॉ. लक्ष्मीधर बेहरा ने छात्रों से मांस न खाने की शपथ लेने को कहा और ये दावा किया कि हिमाचल प्रदेश में लैंडस्लाइड और बादल फटने की घटनाएं, जानवरों पर हो रही क्रूरता के कारण हो रही है. उन्होंने छात्रों से कहा कि अगर हमने जानवरों को काटना बंद नहीं किया तो हिमाचल प्रदेश का बहुत बड़ा नुकसान होगा. अच्छा इंसान बनने के लिए मांस खाना बंद करना होगा. जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है.

CPIM नेता का सवाल: सीपीआईएम ने आईआईटी मंडी के निदेशक के बयान पर सवाल उठाते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश के लोग सदियों से मांस खा रहे हैं, वर्तमान में बादल फटने और लैंडस्लाइड की घटनाएं सदियों से क्यों नहीं हुई. उन्होंने कहा कि निर्देशक ने जानबूझकर क्लाइमेट चेंज, मूसलाधार बारिश, हिमालय की नाजुक स्थिति और हिमाचल आपदा के पीछे मानव जनित कारणों के मुद्दे को टाल दिया है.

हिमाचल वासियों से माफी की मांग: ओंकार शाद ने पत्र में बेहरा से पूछा कि क्या आपको फोरलेन रोड के लिए पहाड़ियों की अंधाधुंध कटाई, पनबिजली बांधों के प्रतिकूल प्रभाव, पहाड़ों पर शहरों के अनुचित विस्तार और अनियोजित विकास के कारण पहाड़ियों की घटती वहन क्षमता नजर नहीं आ रही है. उन्होंने कहा कि लोगों की खान-पान की आदतों, सांस्कृतिक मूल्यों, जीवनशैली पर हमला करना और उनकी भावनाओं को ठेस पहुंचाना राज्य के लोगों का अपमान है. शाद ने कहा कि आईआईटी मंडी के निदेशक को हिमाचल प्रदेश के 80 लाख लोगों से बिना शर्त माफी मांगनी चाहिए.

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