शिमला: हिमाचल प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल आईजीएमसी शिमला में सुरक्षा कर्मियों और अस्पताल प्रशासन के बीच विवाद बढ़ गया है. आईजीएमसी में सिक्योरिटी को लेकर हुए नए टेंडर में 24 सुरक्षा गार्ड्स को निकाल दिया गया है. शनिवार देर रात जारी की गई लिस्ट में 24 सुरक्षा गार्ड्स को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है. जिसके बाद से आईजीएमसी शिमला में माहौल गरमा गया है.
सिक्योरिटी गार्ड्स ने ठप किया काम: आज सुबह से ही आईजीएमसी शिमला में सुरक्षा गार्ड्स ने अस्पताल प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और काम ठप कर दिया है. कोई भी सुरक्षा गार्ड किसी भी वार्ड में ड्यूटी पर नहीं गया है और अपने ऑफिस के बाहर खड़े होकर सुरक्षा कर्मियों द्वारा प्रदर्शन किया जा रहा है. बताया जा रहा है कि यह विवाद और बढ़ सकता है, क्योंकि अस्पताल से निकाले गए गार्डों के समर्थन में सीटू भी उतर आया है.
सिक्योरिटी गार्ड्स का विरोध प्रदर्शन: आईजीएमसी सिक्योरिटी यूनियन के प्रधान बबलू ने बताया कि उनके 24 गार्ड को अस्पताल प्रशासन ने नए टेंडर के तहत निकाल दिया गया है, क्योंकि वह सच का साथ देते थे और गलत चीजों का विरोध करते थे. जिसके अस्पताल प्रशासन ने उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया. बबलू ने कहा कि वह अपनी लड़ाई लड़ेंगे और बिना कारण बताएं निकाले गए सुरक्षा कर्मियों के साथ में खड़े रहेंगे.
लंबे समय से चल रही तनातनी: गौरतलब है कि सुरक्षा कर्मियों और प्रशासन के बीच काफी लंबे समय से तनातनी चल रही है. प्रशासन सुरक्षा कर्मियों की मांग को दरकिनार करते आया है और सुरक्षाकर्मी अपनी मांग को लेकर कई बार प्रदर्शन भी कर चुके हैं, लेकिन अब 24 सुरक्षा कर्मियों को निकाल दिया गया है. वहीं, आईजीएमसी के डिप्टी एमएस डॉ. अमन ने बताया कि कि किसी गार्ड को रखना है या किसको नहीं रखना है, ये फैसला सुरक्षा कंपनी का है. उन्हें इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है.
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