शिमला: आईजीएमसी में बीते 4 महीनों में 50 मरीज हेपेटाइटिस सी के आए हैं. सभी मरीजों का इलाज अस्पताल में किया जा रहा है. इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में हेपेटाइटिस सी के रोगियों को महंगी दरों पर टेस्ट करवाने पड़ते थे. हेपेटाइटिस सी के मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए नेशनल हेल्थ मिशन ने अस्पताल में होने वाले इन टेस्ट और दवाइयों की पूरी फंडिंग की है.
अस्पताल प्रबंधन ने तेजी से बढ़ रहे हेपेटाइटिस सी को लेकर लोगों से सावधानी बरतने की अपील की है. प्रशासन का कहना है कि मरीजों के लिए निशुल्क दवाइयां दी जा रही हैं. आईजीएमसी के कार्यकारी एमएस डॉ राहुल गुप्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि अस्पताल में हेपेटाइटिस सी के मरीजों के लिए निशुल्क दवाइयां दी जा रही हैं और टेस्ट भी निशुल्क किए जा रहे हैं.
उन्होंने कहा कि 1 मरीज का 12 सप्ताह का कोर्स होता है जिसमें करीब 1 लाख रुपये का खर्च होता है. यही नहीं टेस्ट करवाने में भी 30,000 का खर्चा आता है, लेकिन अस्पताल में यह बिल्कुल निशुल्क है. डॉ राहुल गुप्ता ने बताया कि अगले 15 दिनों में प्रबंधन हेपेटाइटिस बी के इंजेक्शन भी निशुल्क करने जा रहा है.
डॉक्टरों के मुताबिक हेपेटाइटिस सी वायरस एचसीवी की वजह से होता है. यह लीवर को प्रभावित करता है. बीमारी ठीक न हो तो लीवर कैंसर भी हो जाता है, हालांकि 90 दिन के कोर्स ही इसका पूरा इलाज है, और देखभाल से ठीक हो जाता है.
ऐसे फैलता है वायरस
- दूषित सिरिंज का उपयोग करना
- पीड़ित गर्भवती महिला से बच्चे को होना
- दूषित रक्तदान, अंगदान या लंबे समय तक डायलिसिस द्वारा मिलना
- दूषित सूई से टैटू बनवाने से
- इंजेक्शन से नशीली दवाओं का प्रयोग करना
यह हैं लक्षण
इस बीमारी की जद्द में आने के बाद मरीज को पीलिया भी हो जाता है. यह काफी खतरनाक हो जाता है. इस दौरान एहतियात बरतने में बचा जा सकता है. डॉक्टरों के मुताबिक बीमारी के दौरान शराब के सेवन नहीं करना चाहिए. इसके अलावा नियमित जांच करवानी चाहिए.
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