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आईजीएमसी प्रशासन ब्लैक फंगस को लेकर सतर्क, 4 डॉक्टरों की कमेटी की गठित

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Published : May 19, 2021, 10:49 PM IST

आईजीएमसी प्रशासन भी ब्लैक फंगस को लेकर अलर्ट हो गया है. अस्पताल प्रशासन ने 4 डॉक्टर की कमेटी भी इसके लिए बना दी गई है और एहतियात के तौर पर प्रशासन ने पहले ही तैयारी करनी शुरू कर दी है. आईजीएमसी के वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षक डॉ. जनक राज ने बताया कि आईजीएमसी प्रशासन ने ब्लैक फंगस को ध्यान में रखते हुए 4 डॉक्टर जिसमें आंख, ईएनटी, डेंटल और माइकोलॉजी विभाग के डॉक्टर की कमेटी बनाई है ताकि इस तरह के मरीजों का समय पर इलाज किया जा सके.

igmc shimla
फोटो

शिमलाः देश के कई राज्य में कोरोना के बाद ब्लैक फंगस के मामले सामने आने लगे हैं. हिमाचल में अभी तक इस तरह का कोई मामला सामने नहीं आया है, लेकिन आईजीएमसी प्रशासन भी ब्लैक फंगस को लेकर अलर्ट हो गया है. आईजीएमसी प्रशासन ने 4 डॉक्टर की कमेटी भी इसके लिए बना दी गई है और एहतियात के तौर पर प्रशासन ने पहले ही तैयारी करनी शुरू कर दी है.

इन विभाग के डॉक्टरों की बनाई कमेटी

आईजीएमसी शिमला के वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षक जनक राज ने बताया कि आईजीएमसी प्रशासन ने ब्लैक फंगस को ध्यान में रखते हुए 4 डॉक्टर जिसमें आंख, ईएनटी, डेंटल और माइकोलॉजी विभाग के डॉक्टर की कमेटी बनाई है ताकि इस तरह के मरीजों का समय पर इलाज किया जा सके.

गौरतलब है कि ब्लैक फंगस पोस्ट कोविड बीमारी है जिसमें 4 से 6 सप्ताह बाद दांत के नीचे या आंख के पिछड़े काले निशान पड़ने लगते है. वहीं, अगर ये बीमारी बढ़ जाए तो छाती में भी चली जाती है और थूक के साथ खून आने लगता है.

ये भी पढ़ें- हरियाणा पुलिस की गिरफ्त में आए आरोपी का बड़ा खुलासा, बोला: हिमाचल के बद्दी में है नकली रेमडेसिविर की फैक्टरी

शिमलाः देश के कई राज्य में कोरोना के बाद ब्लैक फंगस के मामले सामने आने लगे हैं. हिमाचल में अभी तक इस तरह का कोई मामला सामने नहीं आया है, लेकिन आईजीएमसी प्रशासन भी ब्लैक फंगस को लेकर अलर्ट हो गया है. आईजीएमसी प्रशासन ने 4 डॉक्टर की कमेटी भी इसके लिए बना दी गई है और एहतियात के तौर पर प्रशासन ने पहले ही तैयारी करनी शुरू कर दी है.

इन विभाग के डॉक्टरों की बनाई कमेटी

आईजीएमसी शिमला के वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षक जनक राज ने बताया कि आईजीएमसी प्रशासन ने ब्लैक फंगस को ध्यान में रखते हुए 4 डॉक्टर जिसमें आंख, ईएनटी, डेंटल और माइकोलॉजी विभाग के डॉक्टर की कमेटी बनाई है ताकि इस तरह के मरीजों का समय पर इलाज किया जा सके.

गौरतलब है कि ब्लैक फंगस पोस्ट कोविड बीमारी है जिसमें 4 से 6 सप्ताह बाद दांत के नीचे या आंख के पिछड़े काले निशान पड़ने लगते है. वहीं, अगर ये बीमारी बढ़ जाए तो छाती में भी चली जाती है और थूक के साथ खून आने लगता है.

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