शिमला: हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय अंतर्राष्ट्रीय दूरवर्ती शिक्षा एवं मुक्त अध्ययन केंद्र में इस वर्ष छात्र-छात्राओं को मास्टर ऑफ जर्नलिज्म कोर्स में प्रवेश मिलेगा. बीते 2 सालों से इक्डोल में इस कोर्स के चलते हुए भी छात्रों को प्रवेश का मौका नहीं मिल पा रहा था.
यूजीसी से मांगी मंजूरी
यही वजह थी कि जो छात्र-छात्राएं डिस्टेंस मोड के माध्यम से इस कोर्स को करने को प्राथमिकता देते थे, वह प्रदेश विश्वविद्यालय से इस कोर्स को नहीं कर पा रहे थे, लेकिन अब एचपीयू इक्डोल ने यूजीसी से इस कोर्स में प्रवेश करवाने को लेकर मंजूरी मांगी है. जैसे ही मंजूरी यूजीसी से मिलेगी उसके बाद प्रवेश की प्रक्रिया अन्य कोर्स के साथ ही इस कोर्स में भी शुरू कर दी जाएगा.
कोर्स का नाम बदलने के निर्देश हुए थे जारी
दो साल से इस कोर्स में छात्र-छात्राओं को प्रवेश न मिलने की सबसे बड़ी वजह यह थी कि यूजीसी ने विश्वविद्यालय को इस कोर्स का नाम बदलने के निर्देश जारी किए थे. एचपीयू के पत्रकारिता विभाग के साथ ही इक्डोल में यह कोर्स जर्नलिज्म ऑफ मास कम्युनिकेशन के नाम से चल रहा था. जबकि यूजीसी ने इसका नाम बदलकर मास्टर ऑफ जर्नलिज्म रखने को कहा था.
नाम बदलने की प्रक्रिया पूरी
पत्रकारिता विभाग में तो इस नाम को बदलने की प्रक्रिया को पूरा कर लिया था, लेकिन इक्डोल इस प्रक्रिया को पूरा नहीं कर पाया. इक्डोल की लापरवाही के चलते 2 सालोें तक छात्र-छात्राओं को इस कोर्स में प्रवेश से वंचित रहना पड़ा.
इस बार मिलेगा प्रवेश
इक्डोल के निदेशक प्रो. कुलवंत सिंह पठानिया का कहना है कि एचपीयू इक्डोल ने कोर्स का नाम बदलने की प्रक्रिया को पूरा कर लिया है. इस बार छात्र-छात्राओं को पत्रकारिता के मास्टर डिग्री के कोर्स में प्रवेश दिया जाएगा.
उन्होंने कहा कि यूजीसी को इक्डोल में चल रहे कोर्स में प्रवेश प्रक्रिया शुरू करने को लेकर जो प्रपोजल भेजा गया है. जैसे ही यूजीसी से मंजूरी मिलेगी प्रवेश की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी. उन्होंने यह भी माना कि 2 साल तक इस कोर्स में छात्र-छात्राओं को प्रवेश नहीं मिल पाया, लेकिन अब छात्रों को इंतजार नहीं करना होगा.
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