शिमला: हिमाचल सरकार ने फिर आयुर्वेद विभाग में खरीद घोटाला सामने आने के बाद हाल ही में रामसुभग सिंह को अतिरिक्त मुख्य सचिव (एसीएस) आयुर्वेद लगाया था. मंगलवार को राज्य सरकार ने रामसुभग सिंह से आयुर्वेद विभाग के एसीएस का पदभार वापिस ले लिया.
अब आईएएस अमिताभ अवस्थी को ये कार्यभार दिया है. फिलहाल, ये खुलासा नहीं हो पाया है कि रामसुभग सिंह से आयुर्वेद विभाग का कार्यभार वापिस क्यों लिया. यहां बता दें कि रामसुभग सिंह पर पहले भी इन्वेस्टर्स मीट के लिए बनाए गए पोर्टल राइजिंग हिमाचल में पर्यटन विभाग की तरफ से विवादित डॉक्यूमेंट अपलोड होने के मामले में एक्शन हो चुका है.
विधानसभा में तब इस मामले में खूब हंगामा मचा था तब भी रामसुभग सिंह को पर्यटन विभाग में अतिरिक्त मुख्य सचिव के पद से हटाया गया था. अब आयुर्वेद घोटाला सामने आया है तो उच्च स्तर पर अफसरशाही में उठापटक का दौर जारी है.
मंगलवार को अमिताभ अवस्थी को आयुर्वेद विभाग का कार्यभार दिया गया. वर्तमान में वे खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के साथ-साथ बागवानी विभाग के सचिव का कार्यभार भी देख रहे हैं. नए आदेश के बाद अब वे आयुर्वेद विभाग में अतिरिक्त मुख्य सचिव का कार्यभार भी संभालेंगे.
मौजूदा दौर में आयुर्वेद विभाग में फेरबदल सवालों के घेरे में है. आला अधिकारी विवादित खरीद की वजह से आयुर्वेद विभाग का कार्यभार संभालने को तैयार नहीं है. पूर्व सरकारों की बात करें तो वीरभद्र सिंह के नेतृत्व वाली सरकार के दौर में 1988 बैच के सीनियर आईएएस अधिकारी संजय गुप्ता के पास ही आयुर्वेद विभाग का कार्यभार था.
आईएएस निशा सिंह के केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से लौटने के बाद 2016 में उन्हें इस विभाग का जिम्मा सौंपा गया था. इसके बाद सरकार ने 2018 में एक मर्तबा फिर संजय गुप्ता को ही आयुर्वेद विभाग के सचिव का कार्यभार सौंपा.
हाल ही में 24 अक्टूबर को अतिरिक्त मुख्य सचिव संजय गुप्ता से आयुर्वेद विभाग वापस लिया गया था. उनसे यह विभाग वापस लेने के बाद अतिरिक्त मुख्य सचिव रामसुभग सिंह को दिया गया था. अब पांच दिन बाद फिर से इसका जिम्मा अमिताभ अवस्थी को दिया गया है.
राज्य सरकार ने आयुर्वेद खरीद घोटाले में अब तक तत्कालीन निदेशक को चार्जशीट करने के अलावा तीन अधिकारियों को निलंबित किया है. निलंबित अधिकारियों में उप-निदेशक, जिला आयुर्वेद अधिकारी और उपमंडल आयुर्वेद अधिकारी शामिल हैं.