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50 फीसदी सवारियाें की शर्त के बाद अधिकतर रूटों पर नही दौड़ेगी HRTC, घाटे के चलते लिया फैसला - himachal news

सरकार के 50 फीसदी सवारियाें के साथ बसें चलाने के निर्देश के बाद आने वाले दिनाें में एचआरटीसी भी खर्च को पूरा करने के लिए बसाें के रूट कम करेगा. एचआरटीसी काे पहले ही खासा नुकसान झेलना पड़ रहा है. क्याेंकि, 50 फीसदी सवारियाें काे बैठाने से अब न ताे डीजल का खर्च पूरा हाेगा और न ही निगम काे किसी तरह की काेई कमाई हाेगी. कई रूट ताे निगम के ऐसे हैं, जहां पर एक हजार रुपए का डीजल लग रहा है. जबकि किराया महज 300 रुपए ही मिल रहा है.

HRTC will not run on most routes
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Published : Apr 21, 2021, 6:35 PM IST

शिमलाः सरकार के 50 फीसदी सवारियाें के साथ बसें चलाने के निर्देश के बाद आने वाले दिनाें में एचआरटीसी भी खर्च को पूरा करने के लिए बसाें के रूट कम करेगा.

एचआरटीसी ने निर्णय लिया है कि जिन रूटाें पर तीन बसें चलती हैं, अब वहां सिर्फ एक ही बस चलेगी. अधिकतर रूटों को अब मर्ज किया जाएगा. कुछ ग्रामीण रूटाें पर इसका असर पड़ेगा. ऐसे में यात्रियाें काे परेशानी का सामना करना पड़ सकता है.

नुकसान में चल रही एचआरटीसी

एचआरटीसी काे पहले ही खासा नुकसान झेलना पड़ रहा है. क्याेंकि, 50 फीसदी सवारियाें काे बैठाने से अब न ताे डीजल का खर्च पूरा हाेगा और न ही निगम काे किसी तरह की काेई कमाई हाेगी. कई रूट ताे निगम के ऐसे हैं, जहां पर एक हजार रुपए का डीजल लग रहा है, जबकि किराया महज 300 रुपए ही मिल रहा है. ऐसे में 700 रुपए का सीधा नुकसान हाे रहा है. एचआरटीसी के आरएम देवासेन नेगी का कहना है कि हम स्थिति पर पूरी नजर बनाए हुए हैं. आने वाले दिनाें में रूटों काे कम करने पर निर्णय हाे सकता है.

कुछ रूट हो सकते हैं बंद

आरएम देवासेन नेगी ने बताया की सरकार के निर्देश जिसमें 50 फीसदी सवारी करने के निर्देश दिए हैं ऐसे में एचआरटीसी अपने रूट पर चलने वाली बसों की संख्या में कटौती करेगा और कई रूट बंद भी हो सकते हैं.

लांग रूट पर जाने वाली बसाें की ये स्थिति

एचआरटीसी के करीब 400 रूट हैं, इनमें लगभग सभी रूटाें पर अभी बसें चल रही हैं. फिलहाल जिस रूट पर एक बस जाती है वह चलती रहेगी, जबकि जिस रूट पर दाे या तीन बसें जाती हैं, अब वहां एक ही बस जाने का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है. सबसे ज्यादा दिक्कत लंबे रूट पर हाे रही है. लंबे रूट पर एचआरटीसी काे सवारियां ही नहीं मिल रही हैं. राेहड़ू, रामपुर, चाैपाल और नारकंडा से दिल्ली, चंडीगढ़, धर्मशाला और कुल्लू मनाली के लिए हर आधे घंटें के बाद रूट हैं.

प्राइवेट बसें भी कम चल रही

प्राइवेट ऑपरेटरों ने शिमला में अपनी बसें सड़कों से हटाना शुरू कर दिया है. ऐसे में दाेपहर 12 बजे से तीन बजे तक लाेगाें काे शहर में ही रूटाें पर बसें नहीं मिल रही हैं. जहां पांच मिनट के अंतराल के बाद लाेगाें काे बसें मिलती थीं वहीं 20 से 25 मिनट के बाद लाेगाें काे शहर में बसें मिली. जतोग, टुटू, संजौली, समरहिल के कुछ ऐसे रूट हैं, जहां देर शाम बसें नहीं जा रही हैं.

ये भी पढ़ें- भ्रष्टाचार पर प्रहार: राज्य बिजली बोर्ड के चार अफसरों पर दर्ज होगी FIR

शिमलाः सरकार के 50 फीसदी सवारियाें के साथ बसें चलाने के निर्देश के बाद आने वाले दिनाें में एचआरटीसी भी खर्च को पूरा करने के लिए बसाें के रूट कम करेगा.

एचआरटीसी ने निर्णय लिया है कि जिन रूटाें पर तीन बसें चलती हैं, अब वहां सिर्फ एक ही बस चलेगी. अधिकतर रूटों को अब मर्ज किया जाएगा. कुछ ग्रामीण रूटाें पर इसका असर पड़ेगा. ऐसे में यात्रियाें काे परेशानी का सामना करना पड़ सकता है.

नुकसान में चल रही एचआरटीसी

एचआरटीसी काे पहले ही खासा नुकसान झेलना पड़ रहा है. क्याेंकि, 50 फीसदी सवारियाें काे बैठाने से अब न ताे डीजल का खर्च पूरा हाेगा और न ही निगम काे किसी तरह की काेई कमाई हाेगी. कई रूट ताे निगम के ऐसे हैं, जहां पर एक हजार रुपए का डीजल लग रहा है, जबकि किराया महज 300 रुपए ही मिल रहा है. ऐसे में 700 रुपए का सीधा नुकसान हाे रहा है. एचआरटीसी के आरएम देवासेन नेगी का कहना है कि हम स्थिति पर पूरी नजर बनाए हुए हैं. आने वाले दिनाें में रूटों काे कम करने पर निर्णय हाे सकता है.

कुछ रूट हो सकते हैं बंद

आरएम देवासेन नेगी ने बताया की सरकार के निर्देश जिसमें 50 फीसदी सवारी करने के निर्देश दिए हैं ऐसे में एचआरटीसी अपने रूट पर चलने वाली बसों की संख्या में कटौती करेगा और कई रूट बंद भी हो सकते हैं.

लांग रूट पर जाने वाली बसाें की ये स्थिति

एचआरटीसी के करीब 400 रूट हैं, इनमें लगभग सभी रूटाें पर अभी बसें चल रही हैं. फिलहाल जिस रूट पर एक बस जाती है वह चलती रहेगी, जबकि जिस रूट पर दाे या तीन बसें जाती हैं, अब वहां एक ही बस जाने का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है. सबसे ज्यादा दिक्कत लंबे रूट पर हाे रही है. लंबे रूट पर एचआरटीसी काे सवारियां ही नहीं मिल रही हैं. राेहड़ू, रामपुर, चाैपाल और नारकंडा से दिल्ली, चंडीगढ़, धर्मशाला और कुल्लू मनाली के लिए हर आधे घंटें के बाद रूट हैं.

प्राइवेट बसें भी कम चल रही

प्राइवेट ऑपरेटरों ने शिमला में अपनी बसें सड़कों से हटाना शुरू कर दिया है. ऐसे में दाेपहर 12 बजे से तीन बजे तक लाेगाें काे शहर में ही रूटाें पर बसें नहीं मिल रही हैं. जहां पांच मिनट के अंतराल के बाद लाेगाें काे बसें मिलती थीं वहीं 20 से 25 मिनट के बाद लाेगाें काे शहर में बसें मिली. जतोग, टुटू, संजौली, समरहिल के कुछ ऐसे रूट हैं, जहां देर शाम बसें नहीं जा रही हैं.

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