शिमला: हिमाचल प्रदेश में सुक्खू सरकार ने एचआरटीसी कर्मचारियों को भी ओपीएस लागू कर दिया है. अब एचआरटीसी कर्मचारियों को पुरानी पेंशन बहाल कर दी गई है. इस संबध में एचआरटीसी प्रबंधन ने अधिसूचना जारी कर दी है. अधिसूचना के मुताबिक एचआरटीसी में कर्मचारियों से 60 दिनों के अंदर उनकी राय मांगी गई है. यानि 60 दिनों के अंदर कर्मचारियों को अपना ऑप्शन बताना होगा कि वह एनपीएस चुनना चाहते हैं या फिर पुरानी पेंशन.
यदि कोई कर्मचारी पुरानी पेंशन बहाली को लेकर 60 दिन के भीतर विकल्प नहीं देता तो उनको एनपीएस के दायरे में माना जाएगा. एचआरटीसी कर्मचारियों की भी प्रदेश के अन्य सरकारी कर्मचारियों की तरह एनपीएस शेयर की कटौती को 1 अप्रैल, 2023 से कटना बंद होगी. इसके लिए निगम के कर्मचारियों के जीपीएफ खातों को खुलने की प्रक्रिया शुरू होगी. इससे पहले प्रदेश के कर्मचारियों के वेतन से हर माह 10 फीसदी वेतन कट रहा था, जो केंद्र सरकार के पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी के पास जमा हो रहा था. इसी तरह राज्य सरकार भी अपने हिस्से का 14 फीसदी अंशदान दे रही थी. इस तरह कुल मिलाकर 24 फीसदी अंशदान केंद्र सरकार की पी.फआरडीए के पास जमा हो रहा था. यानि केंद्र सरकार के पास इस समय प्रदेश के एनपीएस कर्मचारियों के अंशदान के 8 हजार करोड़ रुपए से अधिक जमा है.
शपथ पत्र में विकल्प लिखकर देना होगा: कर्मचारियों को पुरानी पेंशन लेने या एनपीएस में रहने के लिए अपना विकल्प संबद्ध विभाग के शपथ पत्र में को लिखकर देना होगा.
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