शिमला: हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय की ओर से बीएससी गणित विषय की उत्तरपुस्तिका को दोबारा से जांचा जाएगा. एचपीयू ने अपनी गलती को माना है की छात्रा की उत्तरपुस्तिका के मूल्यांकन के समय यह बड़ी चूक हुई है. इस वजह से छात्रा को शून्य अंक मिले हैं. अब दोबारा से एचपीयू इस उत्तरपुस्तिका का मूल्यांकन करवाएगा.
उत्तरपुस्तिका का मूल्यांकन दोबारा से करवा कर एचपीयू अपनी गलती की भरपाई करना चाह रहा है. जिससे की छात्रा का भविष्य भी खराब होने से बच सके. इस मामले को एबीवीपी ने प्रमुखता से उठाया था और उसके बाद मीडिया में मामला आने के बाद एचपीयू कुलपति की ओर से यह निर्णय लिया गया है.
एबीवीपी की ओर से एचपीयू की मूल्याकंन प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए आरटीआई के माध्यम से बीएससी की छात्रा की गणित विषय की उत्तरपुस्तिका निकलवाई थी. उत्तरपुस्तिका को जांचने वाले शिक्षक की ओर से हर एक पेज पर काट लगाया गया था और छात्रा को शून्य अंक दिए गए थे. लेकिन जब एबीवीपी ने इस उत्तरपुस्तिका को विषय विशेषज्ञों को दिखाया तो उन्होंने कहा कि जो उत्तर छात्रा की ओर से लिखे गए हैं, उसके हिसाब से छात्रा को 40 से 45 अंक जरूर मिलने चाहिए थे.
ऐसे में यह स्पष्ट हुआ कि जिस शिक्षक ने इस उत्तरपुस्तिका को जांचा उसने लापरवाही दिखाई. जिसके चलते छात्रा को इस विषय में जीरो अंक मिले हैं. अब एचपीयू कुलपति प्रो. सिकन्दर कुमार ने कहा है कि इस उत्तरपुस्तिका का दोबारा से मूल्यांकन करवाया जाएगा.
जानकारी के अनुसार उत्तर पुस्तिका को जांचने वाले शिक्षक पर भी एचपीयू की ओर से कार्रवाई की जाएगी. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की ओर से भी ऐसे शिक्षक पर एचपीयू से कार्रवाई की मांग की गई थी. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का कहना है कि उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन की प्रक्रिया को भी सुदृढ़ करना चाहिए, जिससे कि छात्रों के भविष्य के साथ इस तरह का खिलवाड़ न हो.
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