शिमला: हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय जंग का अखाड़ा बन गया है. यूनिवर्सिटी में छात्र संगठनों का खूनी संघर्ष जारी है. आए दिन कॉलेज व यूनिवर्सिटी में छात्र संगठन द्वारा मारपीट के मामले सामने आ रहे हैं. ताजा मामले में एचपीयू में एक बार फिर से एसएफआई और एनएसयूआई कार्यकर्ताओं में झड़प हुई है. इस झड़प के दौरान कुछ छात्रों को चोटें भी आई हैं. जिसके बाद से ही कैंपस में माहौल तनावपूर्ण बना हुआ है. वहीं, एसएफआई कार्यकर्ताओं ने इस खूनी संघर्ष को लेकर कैंपस में प्रदर्शन किया.
NEP को लेकर झड़प: मिली जानकारी के मुताबिक एनएसयूआई और एसएफआई के कुछ कार्यकर्ता कैंपस में मौजूद थे. इसी बीच नेशनल एजुकेशन पॉलिसी को लेकर छात्रों में बहस शुरू हो गई. बहस इतनी ज्यादा बढ़ गई कि हाथापाई में बदल गई. जिसके बाद पुलिस कर्मियों ने मौके पर पहुंचकर मामला शांत करवाया. एसएफआई के कैंपस अध्यक्ष संतोष कुमार का कहना है कि अगर एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं पर कार्यवाही नहीं की जाती है तो वह सभी छात्रों को लामबंद करते हुए घेराव करेगी. जिसका जिम्मेदार विवि प्रशासन और प्रदेश सरकार होगी. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार शिक्षा का व्यापारीकरण करने का प्रयास कर रही है. न्यू एजुकेशन पॉलिसी के जरिए छात्रों पर रूसा को थोपा जा रहा है. रूसा के तहत छात्रों को ऐसे विषय पढ़ने पढ़ रहे हैं, जिनका कोई औचित्य नहीं है, न ही इनका छात्रों के भविष्य में रोजगार की दृष्टि से कुछ लाभ है.
क्रॉस FIR दर्ज: एचपीयू में खूनी संघर्ष के इस मामले को लेकर बालूगंज थाना में क्रॉस एफआईआर दर्ज की गई है. एसएफआई पार्टी के विद्यार्थी नेता शहबाज खान ने दर्ज कराया कि पिंक पटल चौक पर एनएसयूआई पार्टी के विद्यार्थी नेता नितिन देष्टा व चंदन ने इसके व इसके दोस्तों के साथ मारपीट की है. वहीं, थाना बालूगंज में एनएसयूआई पार्टी के विद्यार्थी नेता नितिन देष्टा ने दर्ज कराया कि विश्वविद्यालय परिसर में एसएफआई के कार्यकर्ताओं ने डंडे लाठियों और तेजधार हथियार के साथ इन पर हमला करके मारपीट की और उसे चोटिल किया है. एसपी संजीव गांधी ने मामले की पुष्टि करते हुए कहा कि एफआईआर दर्ज कर ली गई है. पुलिस मामले की तहकीकात कर रही है.
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