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सील बंद लिफाफे में राज्यपाल के पास पहुंची HPU में खूनी संघर्ष की रिपोर्ट, कुलाधिपति लेंगे अंतिम फैसला

एचपीयू में छात्र गुटों के बीच हुई खूनी हिंसा की रिपोर्ट को विवि कुलाधिपति राज्यपाल आचार्य देवव्रत को सौंप दिया गया है. अब मामले में अंतिम फैसला राज्यपाल लेंगे.

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Published : Apr 8, 2019, 11:37 PM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में छात्र गुटों के बीच हुई खूनी हिंसा की रिपोर्ट एचपीयू प्रशासन ने यूनिवर्सिटी के कुलाधिपति राज्यपाल आचार्य देवव्रत को सौंप दी है. अब विवि प्रशासन को आगामी कार्रवाई के लिए राज्यपाल के निर्देशों का इंतजार है.

Governor Acharya Dev vrat
राज्यपाल आचार्य देवव्रत (फाइल फोटो)

एचपीयू कुलपति सिकंदर कुमार ने ये रिपोर्ट राज्यपाल को सौंपी. राज्यपाल से आदेश मिलने के बाद ही एचपीयू प्रशासन रिपोर्ट में दोषी पाए गए दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करेगा. एचपीयू कुलपति सिकंदर ने बताया कि विवि कुलाधिपति के निर्देशों के तहत एचपीयू प्रशासन ने विवि छात्रावासों में छात्र संगठनों के बीच हुई हिंसा की रिपोर्ट को राज्यपाल को सौंप दिया है. हालांकि कुलपति ने रिपोर्ट के तथ्यों को जागरूक नहीं किया और कहा कि रिपोर्ट गोपनीय है और इसे सील बंद लिफाफे में ही राज्यपाल को सौंपा गया है.

हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय

गौर हो कि एचपीयू ने छात्र गुटों के बीच खूनी झड़प की जांच के लिए एक कमेटी का गठन किया था. कमेटी ने छात्र गुटों के बीच हुए खूनी झड़प की जांच के लिए हॉस्टल्स में लगे सीसीटीवी कैमरा की मदद ली है. सीसीटीवी फुटेज से कई छात्रों की पहचान की गई है जो इस हिंसा की घटना में शामिल हैं. ब्वॉयज छात्रावासों के साथ ही गर्ल्स छात्रावासों की सीसीटीवी फुटेज खंगालने के बाद दो-दो डीवीडी तैयार की गई है. साथ ही आम छात्रों से भी घटना को लेकर बात की गई है. इन सभी तथ्यों के आधार पर रिपोर्ट तैयार कर एचपीयू ने राज्यपाल को सौंप दिया है.

student organisations banners
छात्र संगठन के बैनर्स

कुलपति ने कहा कि अब राज्यपाल की ओर से जो भी आदेश रिपोर्ट के आधार पर दिए जाएंगे, एचपीयू उसी के तहत कार्रवाई करेगा. हालांकि इस हिंसक घटना के बाद एचपीयू ने छात्र सगठनों की गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए किसी भी छात्र संगठन के बैज पहनने, कैंपस में धरना प्रदर्शन करने, हॉस्टल्स में अवैध एंट्री समेत कॉमन रूम में भी छात्र संगठनों की गतिविधियों पर रोक लगा दी गई है. वहीं, कई छात्र निर्देशों के बाद भी एचपीयू के कैंपस में बैज लगा कर घूम रहे हैं, उन्हें भी निष्काषित किया जा रहा है. सोमवार को भी दो छात्रों को एचपीयू ने निष्काषित किया.

HPU campus gate
एचपीयू कैंपस गेट

28 मार्च को दिए थे राज्यपाल ने एचपीयू को रिपोर्ट सौंपने के निर्देश
एचपीयू में छात्र संगठनों के बीच हुई खूनी झड़प की घटना पर राज्यपाल ने संज्ञान लेते हुए 28 मार्च को एचपीयू को पूरी घटना पर रिपोर्ट राजभवन भेजने के निर्देश जारी किए थे. तीन दिन के भीतर घटना की पूरी रिपोर्ट राजयपाल ने मांगी थी, लेकिन एचपीयू ने रिपोर्ट को तैयार करने के लिए समय मांगा था. जिसके बाद ये रिपोर्ट 8 अप्रैल को एचपीयू ने राज्यपाल को सौंपी है.

शिमला: हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में छात्र गुटों के बीच हुई खूनी हिंसा की रिपोर्ट एचपीयू प्रशासन ने यूनिवर्सिटी के कुलाधिपति राज्यपाल आचार्य देवव्रत को सौंप दी है. अब विवि प्रशासन को आगामी कार्रवाई के लिए राज्यपाल के निर्देशों का इंतजार है.

Governor Acharya Dev vrat
राज्यपाल आचार्य देवव्रत (फाइल फोटो)

एचपीयू कुलपति सिकंदर कुमार ने ये रिपोर्ट राज्यपाल को सौंपी. राज्यपाल से आदेश मिलने के बाद ही एचपीयू प्रशासन रिपोर्ट में दोषी पाए गए दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करेगा. एचपीयू कुलपति सिकंदर ने बताया कि विवि कुलाधिपति के निर्देशों के तहत एचपीयू प्रशासन ने विवि छात्रावासों में छात्र संगठनों के बीच हुई हिंसा की रिपोर्ट को राज्यपाल को सौंप दिया है. हालांकि कुलपति ने रिपोर्ट के तथ्यों को जागरूक नहीं किया और कहा कि रिपोर्ट गोपनीय है और इसे सील बंद लिफाफे में ही राज्यपाल को सौंपा गया है.

हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय

गौर हो कि एचपीयू ने छात्र गुटों के बीच खूनी झड़प की जांच के लिए एक कमेटी का गठन किया था. कमेटी ने छात्र गुटों के बीच हुए खूनी झड़प की जांच के लिए हॉस्टल्स में लगे सीसीटीवी कैमरा की मदद ली है. सीसीटीवी फुटेज से कई छात्रों की पहचान की गई है जो इस हिंसा की घटना में शामिल हैं. ब्वॉयज छात्रावासों के साथ ही गर्ल्स छात्रावासों की सीसीटीवी फुटेज खंगालने के बाद दो-दो डीवीडी तैयार की गई है. साथ ही आम छात्रों से भी घटना को लेकर बात की गई है. इन सभी तथ्यों के आधार पर रिपोर्ट तैयार कर एचपीयू ने राज्यपाल को सौंप दिया है.

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छात्र संगठन के बैनर्स

कुलपति ने कहा कि अब राज्यपाल की ओर से जो भी आदेश रिपोर्ट के आधार पर दिए जाएंगे, एचपीयू उसी के तहत कार्रवाई करेगा. हालांकि इस हिंसक घटना के बाद एचपीयू ने छात्र सगठनों की गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए किसी भी छात्र संगठन के बैज पहनने, कैंपस में धरना प्रदर्शन करने, हॉस्टल्स में अवैध एंट्री समेत कॉमन रूम में भी छात्र संगठनों की गतिविधियों पर रोक लगा दी गई है. वहीं, कई छात्र निर्देशों के बाद भी एचपीयू के कैंपस में बैज लगा कर घूम रहे हैं, उन्हें भी निष्काषित किया जा रहा है. सोमवार को भी दो छात्रों को एचपीयू ने निष्काषित किया.

HPU campus gate
एचपीयू कैंपस गेट

28 मार्च को दिए थे राज्यपाल ने एचपीयू को रिपोर्ट सौंपने के निर्देश
एचपीयू में छात्र संगठनों के बीच हुई खूनी झड़प की घटना पर राज्यपाल ने संज्ञान लेते हुए 28 मार्च को एचपीयू को पूरी घटना पर रिपोर्ट राजभवन भेजने के निर्देश जारी किए थे. तीन दिन के भीतर घटना की पूरी रिपोर्ट राजयपाल ने मांगी थी, लेकिन एचपीयू ने रिपोर्ट को तैयार करने के लिए समय मांगा था. जिसके बाद ये रिपोर्ट 8 अप्रैल को एचपीयू ने राज्यपाल को सौंपी है.

Intro:हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में छात्र संगठनों के बीच हुई हिंसा की रिपोर्ट एचपीयू प्रशासन ने एचपीयू के कुलाधिपति राज्यपाल आचार्य देवव्रत को सौंप दी है। एचपीयू कुलपति प्रो.सिंकदर कुमार की ओर से यह रिपोर्ट राज्यपाल को सौंपी गई है। अब जब रिपोर्ट राज्यपाल को सौंप दी गईं है तो विश्वविद्यालय प्रशासन को आगामी कार्रवाई के लिए भी राज्यपाल के निर्देशों का ही इंतजार है। राज्यपाल से आदेश मिलने के बाद ही एचपीयू प्रशासन रिपोर्ट में दोषी पाए गए दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करेगा।


Body:एचपीयू कुलपति प्रो.सिंकदर कुमार ने पुष्टि करते हुए कहा कि एचपीयू कुलाधिपति के निर्देशों के तहत एचपीयू प्रशासन ने एचपीयू के छात्रावासों में छात्र संगठनों के बीच हुई हिंसा की रिपोर्ट को राज्यपाल को सौंप दिया है। हालांकि कुलपति ने रिपोर्ट के तथ्यों को जागरूक नहीं किया और कहा कि रिपोर्ट गोपनीय है और इसे सील बंद लिफ़ाफ़े में ही राज्यपाल को सौंपा गया है। बता दे कि एचपीयू ने इस खूनी झड़प की जांच के लिए एक कमेटी का गठन किया गया था। कमेटी ने हॉस्टलों में हुई खूनी झड़प की जांच के लिए हॉस्टलों में लगे सीसीटीवी कैमरा की मदद ली है। सीसीटीवी की फुटेज से कई छात्रों की पहचान की गई है जो इस हिंसा की घटना में शामिल है। बॉयज छात्रावासों के साथ ही गर्ल्स छात्रावासों की सीसीटीवी फुटेज खंगालने के बाद दो-दो डीवीडी तैयार की है। इसके साथ ही आम छात्रों से भी बात घटना को लेकर की गई है। इन सभी तथ्यों के आधार पर रिपोर्ट तैयार कर एचपीयू के राज्यपाल को सौंपी है।


Conclusion:कुलपति ने कहा कि अब राज्यपाल के ओर से जो भी आदेश रिपोर्ट के आधार पर दिए जाएंगे एचपीयू उसी के तहत कार्रवाई करेगा। हालांकि इस हिंसक घटना के बाद एचपीयू ने छात्र सगठनों की गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए किसी भी छात्र संगठन के बैज पहनने,कैंपस में धरना प्रदर्शन करने, हॉस्टलों में अवैध एंट्री सहित कॉमन रूम में भी छात्र संगठनों की गतिविधियों पर रोक लगा दी है। इसके साथ ही को छात्र निर्देशों के बाद भी एचपीयू के कैंपस में बैज लगा कर घूम रहे है उन्हें निष्काषित किया जा रहा है। सोमवार को भी दो छात्रों को एचपीयू ने निष्काषित किया है। बाकी पूरी घटना के लिए एचपीयू प्रशासन राज्यपाल के ही निर्देशों का ही इंतजार करेगा।


28 मार्च को दिए थे राज्यपाल ने एचपीयू को रिपोर्ट सौंपने के निर्देश

एचपीयू में छात्र संगठनों के बीच हुई खूनी झड़प की घटना पर राज्यपाल ने संज्ञान लेते हुए 28 मार्च को एचपीयू को पूरी घटना पर रिपोर्ट राजभवन भेजने के निर्देश जारी किए थे। तीन दिन के भीतर घटना की पूरी रिपोर्ट राजयपाल ने माँगी थी लेकिन एचपीयू ने रिपोर्ट को तैयार करने के लिए समय मांगा था जिसके बाद यह रिपोर्ट 8 अप्रैल को एचपीयू ने राज्यपाल को सौंपी है।
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