शिमला: हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में छात्र गुटों के बीच हुई खूनी हिंसा की रिपोर्ट एचपीयू प्रशासन ने यूनिवर्सिटी के कुलाधिपति राज्यपाल आचार्य देवव्रत को सौंप दी है. अब विवि प्रशासन को आगामी कार्रवाई के लिए राज्यपाल के निर्देशों का इंतजार है.
एचपीयू कुलपति सिकंदर कुमार ने ये रिपोर्ट राज्यपाल को सौंपी. राज्यपाल से आदेश मिलने के बाद ही एचपीयू प्रशासन रिपोर्ट में दोषी पाए गए दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करेगा. एचपीयू कुलपति सिकंदर ने बताया कि विवि कुलाधिपति के निर्देशों के तहत एचपीयू प्रशासन ने विवि छात्रावासों में छात्र संगठनों के बीच हुई हिंसा की रिपोर्ट को राज्यपाल को सौंप दिया है. हालांकि कुलपति ने रिपोर्ट के तथ्यों को जागरूक नहीं किया और कहा कि रिपोर्ट गोपनीय है और इसे सील बंद लिफाफे में ही राज्यपाल को सौंपा गया है.
गौर हो कि एचपीयू ने छात्र गुटों के बीच खूनी झड़प की जांच के लिए एक कमेटी का गठन किया था. कमेटी ने छात्र गुटों के बीच हुए खूनी झड़प की जांच के लिए हॉस्टल्स में लगे सीसीटीवी कैमरा की मदद ली है. सीसीटीवी फुटेज से कई छात्रों की पहचान की गई है जो इस हिंसा की घटना में शामिल हैं. ब्वॉयज छात्रावासों के साथ ही गर्ल्स छात्रावासों की सीसीटीवी फुटेज खंगालने के बाद दो-दो डीवीडी तैयार की गई है. साथ ही आम छात्रों से भी घटना को लेकर बात की गई है. इन सभी तथ्यों के आधार पर रिपोर्ट तैयार कर एचपीयू ने राज्यपाल को सौंप दिया है.
कुलपति ने कहा कि अब राज्यपाल की ओर से जो भी आदेश रिपोर्ट के आधार पर दिए जाएंगे, एचपीयू उसी के तहत कार्रवाई करेगा. हालांकि इस हिंसक घटना के बाद एचपीयू ने छात्र सगठनों की गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए किसी भी छात्र संगठन के बैज पहनने, कैंपस में धरना प्रदर्शन करने, हॉस्टल्स में अवैध एंट्री समेत कॉमन रूम में भी छात्र संगठनों की गतिविधियों पर रोक लगा दी गई है. वहीं, कई छात्र निर्देशों के बाद भी एचपीयू के कैंपस में बैज लगा कर घूम रहे हैं, उन्हें भी निष्काषित किया जा रहा है. सोमवार को भी दो छात्रों को एचपीयू ने निष्काषित किया.
28 मार्च को दिए थे राज्यपाल ने एचपीयू को रिपोर्ट सौंपने के निर्देश
एचपीयू में छात्र संगठनों के बीच हुई खूनी झड़प की घटना पर राज्यपाल ने संज्ञान लेते हुए 28 मार्च को एचपीयू को पूरी घटना पर रिपोर्ट राजभवन भेजने के निर्देश जारी किए थे. तीन दिन के भीतर घटना की पूरी रिपोर्ट राजयपाल ने मांगी थी, लेकिन एचपीयू ने रिपोर्ट को तैयार करने के लिए समय मांगा था. जिसके बाद ये रिपोर्ट 8 अप्रैल को एचपीयू ने राज्यपाल को सौंपी है.