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HPU घनाहट्टी कैंपस का डिजिटल रोडमैप होगा तैयार, प्रदेश सरकार को सौंपी जाएगी रिपोर्ट - HPU news

घनाहट्टी में सरकार की ओर से एचपीयू को दी गई जमीन की पूरी निशानदेही का कार्य ऑनलाइन पूरा किया जाएगा. इस कार्य को पूरा करने के लिए एचपीयू कुलपति की ओर से कमेटी का गठन भी कर दिया गया है. कमेटी को जल्द से जल्द जमीन का डिजिटल रोडमैप तैयार कर भेजने के निर्देश जारी किए गए हैं.

एचपीयू
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Published : Oct 15, 2019, 9:45 PM IST

Updated : Oct 16, 2019, 4:42 AM IST

शिमला: प्रदेश विश्वविद्यालय के नए कैंपस के लिए प्रशासन नए सिरे से काम शुरू करने जा रहा है. एचपीयू को जो जमीन नए कैंपस के निर्माण के लिए घनाहट्टी में दी गई है अब उस जमीन की डिजिटल मैपिंग एचपीयू करेगा.

घनाहट्टी में सरकार की ओर से एचपीयू को दी गई जमीन की पूरी निशानदेही का कार्य ऑनलाइन पूरा किया जाएगा. इस कार्य को पूरा करने के लिए एचपीयू कुलपति की ओर से कमेटी का गठन भी कर दिया गया है. कमेटी को जल्द से जल्द जमीन का डिजिटल रोडमैप तैयार कर भेजने के निर्देश जारी किए गए हैं.

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जल्द ही अब ये टीम घनाहट्टी जाएगी और जमीन के डिजिटल रोड मैप को तैयार करने का काम पूरा किया जाएगा. एचपीयू इस कार्य को जल्द से जल्द पूरा करने का प्रयास कर रहा है ताकि इसके बाद ये रिपोर्ट प्रदेश सरकार को भेजी जा सके.

एचपीयू कुलपति प्रोफेसर सिकंदर कुमार का कहना है कि एचपीयू को नए कैंपस के लिए घनाहट्टी में जो जमीन सरकार की ओर से मुहैया करवाई गई है, उस पर नए सिरे से पूरा प्रोजेक्ट दोबारा से बनाना होगा. इसके लिए अब ये तय किया गया है इस जमीन की डिजिटल मैपिंग करवा कर इसका पूरा रोडमैप तैयार कर इसकी पूरी रिपोर्ट तैयार की जाएगी.

डिजिटल मैपिंग के बाद जो प्रपोजल तैयार होगा उसमें यह दर्शाया जाएगा कि किस तरह से इस जमीन पर निर्माण कार्य किया जाएगा और किस तरह का कैंपस एचपीयू यहां नई जमीन पर बनाना चाह रहा है. जब ये डिजिटल रोड मैप पूरी तरह से तैयार हो जाएगा तो इसकी रिपोर्ट सरकार को भेजी जाएगी, जिससे कि सरकार इस जमीन पर फॉरेस्ट क्लीयरेंस का जो मामला अभी तक लटका पड़ा है उसे जल्द से जल्द सुलझा सके.

एचपीयू को आज से तकरीबन छह साल पहले नए कैंपस के निर्माण के लिए घनाहट्टी में जमीन उपलब्ध करवा दी गई थी, लेकिन जमीन पर अभी तक फॉरेस्ट क्लीयरेंस नहीं मिल पाई है. यही वजह है कि इस जमीन पर नए कैंपस का निर्माण का कार्य भी शुरू नहीं हो पाया है.

एचपीयू कुलपति की ओर से एक नया प्रयास किया जा रहा है, जिससे कि इस मामले को फिर से सरकार के समक्ष उठाया जा सके. एचपीयू को कैंपस की जमीन मिल सके. बता दें कि घनाहट्टी में बनने वाले नए कैंपस में एचपीयू ओर से बीएएलएलबी, बीसीए, एमसीए कोर्स के साथ हैं छात्रों के लिए हॉस्टल और कैंटीन की सुविधा मुहैया करवाई जाएगी। एचपीयू का जो प्लान है उसके तहत नए कैंपस का निर्माण प्रोफेशनल कोर्स को चलाने के लिए किया जाएगा जिससे कि छात्रों को रोजगार परक कोर्स एचपीयू से करने का मौका मिल सके और एचपीयू अपने कैंपस का विस्तार भी कर सके।

शिमला: प्रदेश विश्वविद्यालय के नए कैंपस के लिए प्रशासन नए सिरे से काम शुरू करने जा रहा है. एचपीयू को जो जमीन नए कैंपस के निर्माण के लिए घनाहट्टी में दी गई है अब उस जमीन की डिजिटल मैपिंग एचपीयू करेगा.

घनाहट्टी में सरकार की ओर से एचपीयू को दी गई जमीन की पूरी निशानदेही का कार्य ऑनलाइन पूरा किया जाएगा. इस कार्य को पूरा करने के लिए एचपीयू कुलपति की ओर से कमेटी का गठन भी कर दिया गया है. कमेटी को जल्द से जल्द जमीन का डिजिटल रोडमैप तैयार कर भेजने के निर्देश जारी किए गए हैं.

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जल्द ही अब ये टीम घनाहट्टी जाएगी और जमीन के डिजिटल रोड मैप को तैयार करने का काम पूरा किया जाएगा. एचपीयू इस कार्य को जल्द से जल्द पूरा करने का प्रयास कर रहा है ताकि इसके बाद ये रिपोर्ट प्रदेश सरकार को भेजी जा सके.

एचपीयू कुलपति प्रोफेसर सिकंदर कुमार का कहना है कि एचपीयू को नए कैंपस के लिए घनाहट्टी में जो जमीन सरकार की ओर से मुहैया करवाई गई है, उस पर नए सिरे से पूरा प्रोजेक्ट दोबारा से बनाना होगा. इसके लिए अब ये तय किया गया है इस जमीन की डिजिटल मैपिंग करवा कर इसका पूरा रोडमैप तैयार कर इसकी पूरी रिपोर्ट तैयार की जाएगी.

डिजिटल मैपिंग के बाद जो प्रपोजल तैयार होगा उसमें यह दर्शाया जाएगा कि किस तरह से इस जमीन पर निर्माण कार्य किया जाएगा और किस तरह का कैंपस एचपीयू यहां नई जमीन पर बनाना चाह रहा है. जब ये डिजिटल रोड मैप पूरी तरह से तैयार हो जाएगा तो इसकी रिपोर्ट सरकार को भेजी जाएगी, जिससे कि सरकार इस जमीन पर फॉरेस्ट क्लीयरेंस का जो मामला अभी तक लटका पड़ा है उसे जल्द से जल्द सुलझा सके.

एचपीयू को आज से तकरीबन छह साल पहले नए कैंपस के निर्माण के लिए घनाहट्टी में जमीन उपलब्ध करवा दी गई थी, लेकिन जमीन पर अभी तक फॉरेस्ट क्लीयरेंस नहीं मिल पाई है. यही वजह है कि इस जमीन पर नए कैंपस का निर्माण का कार्य भी शुरू नहीं हो पाया है.

एचपीयू कुलपति की ओर से एक नया प्रयास किया जा रहा है, जिससे कि इस मामले को फिर से सरकार के समक्ष उठाया जा सके. एचपीयू को कैंपस की जमीन मिल सके. बता दें कि घनाहट्टी में बनने वाले नए कैंपस में एचपीयू ओर से बीएएलएलबी, बीसीए, एमसीए कोर्स के साथ हैं छात्रों के लिए हॉस्टल और कैंटीन की सुविधा मुहैया करवाई जाएगी। एचपीयू का जो प्लान है उसके तहत नए कैंपस का निर्माण प्रोफेशनल कोर्स को चलाने के लिए किया जाएगा जिससे कि छात्रों को रोजगार परक कोर्स एचपीयू से करने का मौका मिल सके और एचपीयू अपने कैंपस का विस्तार भी कर सके।

Intro:हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के नए कैंपस के लिए प्रशासन नए सिरे से काम शुरू कर रहा है। एचपीयू को जो जमीन नए कैंपस के निर्माण के लिए घनाहट्टी में दी गई है अब उस कैंपस की डिजिटल मैपिंग एचपीयू करेगा। यानी जो जमीन एचपीयू को घनाहट्टी में सरकार की ओर से दी गई है उस जमीन की पूरी निशानदेही का कार्य ऑनलाइन ही पूरा किया जाएगा। इस कार्य को पूरा करने के लिए एचपीयू कुलपति की ओर से कमेटी का गठन भी कर दिया गया है। कमेटी को जल्द से जल्द जमीन का डिजिटल रोडमैप तैयार कर भेजने के निर्देश जारी किए गए हैं। जल्द ही अब यह टीम घनाहट्टी जाएगी और जमीन के डिजिटल रोड मैप को तैयार करने का काम पूरा किया जाएगा। एचपीयू इस कार्य को जल्द से जल्द पूरा करने का प्रयास कर रहा है ताकि इसके बाद यह रिपोर्ट प्रदेश सरकार को भेजी जा सके।


Body:एचपीयू के नए कैंपस के लिए जो जमीन सरकार की ओर से घनाहट्टी में मुहैया करवाई गई है उसका डिजिटल रोडमैप तैयार कर एचपीयू यह तय करेगा कि इस जमीन पर एचपीयू के नए कैंपस का कार्य किस तरह से होना है। कितनी जगह में कैंपस का निर्माण किया जाएगा और छात्रों को क्या-क्या सुविधाएं इस नए कैंपस में मुहैया करवाई जाएंगी। एचपीयू कुलपति प्रोफेसर सिकंदर कुमार का कहना है कि एचपीयू को नए कैंपस के लिए घनाहट्टी में जो जमीन सरकार की ओर से मुहैया करवाई गई है, उस पर नए सिरे से कार्य कर पूरा प्रोजेक्ट दोबारा से बनाना होगा। इसके लिए अब यह तय किया गया है इस जमीन की डिजिटल मैपिंग करवा कर इसका पूरा रोडमैप तैयार कर इसकी पूरी रिपोर्ट तैयार की जाएगी। डिजिटल मैपिंग के बाद जो प्रपोजल तैयार होगा उसमें यह दर्शाया जाएगा कि किस तरह से इस जमीन पर निर्माण कार्य किया जाएगा और किस तरह का कैंपस एचपीयू यहां नई जमीन पर बनाना चाह रहा है । जब यह डिजिटल रोड मैप पूरी तरह से तैयार हो जाएगा तो इसकी रिपोर्ट सरकार को भेजी जाएगी जिससे कि सरकार इस जमीन पर फॉरेस्ट क्लीयरेंस का जो मामला अभी तक अटका पड़ा है उसे जल्द से जल्द सुलझा सके।


Conclusion:एचपीयू को आज से तकरीबन 5 से 6 साल पहले नए कैंपस के निर्माण के लिए जमीन उपलब्ध करवा दी गई थी लेकिन जमीन पर अभी तक फॉरेस्टक्लीयरेंस एचपीयू को नहीं मिल पाई है। यही वजह है कि इस जमीन पर नए कैंपस का निर्माण का कार्य भी शुरू नहीं हो पाया है। एचपीयू के कुलपति की ओर से यह एक नया प्रयास किया जा रहा है जिससे कि इस मामले को फिर से सरकार के समक्ष उठाया जा सके और एचपीयू को कैंपस की जमीन मिल सके। बता दें कि घनाहट्टी में बनने वाले नए कैंपस में एचपीयू ओर से बीएएलएलबी, बीसीए, एमसीए कोर्स के साथ हैं छात्रों के लिए हॉस्टल और कैंटीन की सुविधा मुहैया करवाई जाएगी। एचपीयू का जो प्लान है उसके तहत नए कैंपस का निर्माण प्रोफेशनल कोर्स को चलाने के लिए किया जाएगा जिससे कि छात्रों को रोजगार परक कोर्स एचपीयू से करने का मौका मिल सके और एचपीयू अपने कैंपस का विस्तार भी कर सके।
Last Updated : Oct 16, 2019, 4:42 AM IST
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