शिमला: एचपीयू प्रशासन हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के पुस्तकालय का ऑटोमेशन करने जा रहा है. ऑटोमेशन के तहत पुस्तकालय की दशा और दिशा को सुधारा जा रहा है. वहीं, लाइब्रेरी को पूरी तरह से कंप्यूटरीकृत किया जा रहा है.
एचपीयू की ओर से पुस्तकालय के ऑटोमेशन के लिए टेंडर प्रक्रिया की जा रही है, जिसके तहत इस कार्य को पूरा किया जाएगा. एचपीयू में पुस्तकालय को सेंट्रल लाइब्रेरी रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन मैनेजमेंट सिस्टम से जोड़ा जा रहा है. इस पूरे सिस्टम से लाइब्रेरी का ऑटोमेशन किया जाएगा.
इस सिस्टम के लगने के बाद पुस्तकालय में रखी गई लाखों किताबों की टैगिंग होगी. किताबों को रिटर्न करवाने की प्रक्रिया भी हाई टेक तकनीकी से की जाएगी. वहीं, कोई किताब लाइब्रेरी से बिना इशू किए बाहर जाती है, तो इसकी जानकारी भी लाइब्रेरियन को अलार्म बजने से मिल जाएगी.
ऑनलाइन सिस्टम के तहत किताब रिटर्न करने के बाद एक मैसेज लाइब्रेरी के सदस्यों को फोन के माध्यम से मिलेगा और यह जानकारी उन्हें ईमेल के माध्यम से दी जाएगी. लाइब्रेरी ऑटोमेशन की पूरी प्रक्रिया में लाइब्रेरी को इस तरह से नए सिरे से तैयार किया जाएगा कि लाइब्रेरी मेंबर ही लाइब्रेरी के अंदर प्रवेश कर सकेंगे.
इसके लिए लाइब्रेरी के हर सदस्य को वह शिक्षक हो छात्र हो या कर्मचारी स्मार्ट कार्ड उपलब्ध करवाया जाएगा और गेट पर स्मार्ट कार्ड स्वाइप करने के बाद ही लाइब्रेरी में सदस्यों को प्रवेश मिल पाएगा. लाइब्रेरी ऑटोमेशन होने के बाद छात्रों को जहां एक क्लिंक पर ही किताबों की सारी जानकारी उपलब्ध होगी, वहीं किसी भी किताब को छात्र ऑनलाइन भी पढ़ सकेंगे.
इससे जहां लाइब्रेरी में कोई भी बिना सदस्यता के प्रवेश नहीं कर पाएगा. वहीं लाइब्रेरी के अंदर जो किताबें रखी गई है, वह भी सुरक्षित रहेंगी. किताबों की टैगिंग होने से कौन सी किताब इशू की गई है इसका भी पूरा रिकॉर्ड रहेगा और बिना इशू किए कोई भी किताब लाइब्रेरी से बाहर नहीं जा पाएगी.
एच क्यू कुलपति प्रोफ़ेसर सिकंदर कुमार ने कहा कि दिसंबर माह तक लाइब्रेरी ऑटोमेशन का काम पूरा कर लिया जाएगा. लाइब्रेरी को पूरी तरह से कंप्यूटरीकृत कर, उसमें हाईटेक सिस्टम लगाया जाएगा जिससे कि लाइब्रेरी की सुरक्षा बढ़ेगी, वहीं छात्रों को भी इसकी सुविधा मिलेगी.
ड्राप बॉक्स में डाल कर रिटर्न कर सकेंगे किताब
एचपीयू पुस्तकालय से जो किताब इशू करवाई गई होगी उस रिटर्न करवाने के लिए लाइब्रेरी ऑफिशियल आवर का इंतजार नहीं करना होगा. इसके लिए लाइब्रेरी में ड्रॉप बॉक्स लगाए जाएंगे जिसमें ड्रॉपबॉक्स में डाल कर भी किताब रिटर्न करवाई जा सकेगी और इसकी जानकारी पुस्तकालय स्टाफ तक पहुंच जाएगी.