शिमला: हिमाचल प्रदेश के निजी विश्वविद्यालय की जांच के लिए निजी शिक्षण संस्थान विनियामक आयोग की ओर से गठित कमेटियां 15 अप्रैल से काम करना शुरू कर देंगी. इसमें विश्वविद्यालय द्वारा छात्रों को किस तरह की मूलभूत सुविधाए उपलब्ध करवाई जा रही हैं और स्टाफ को समय पर वेतन दिया जा रहा है या नहीं. इसके लिए दो अलग-अलग कमेटियों को जिम्मा सौंपा गया है. दोनो कमेटियां 15 अप्रैल से काम करना शुरू कर देंगी.
अलग-अलग कमेटियां गठित
निजी शिक्षण संस्थान विनियामक आयोग के अनुसार आयोग के पास संस्थानों के संबध में आई शिकायतों को देखते हुए ये कदम उठाया गया है. आयोग द्वारा गठित ये कमेटियां निजी विश्वविद्यालय में जाकर वहां की व्यवस्था देखेगी और इस बारे में रिपोर्ट लेंगी, जिसके बाद कमेटियों द्वारा जांच रिपोर्ट नियामक आयोग को सौंपी जाएगी.
आयोग द्वारा निजी विश्वविद्यालयों को लेकर अलग-अलग कमेटियां गठित की गई हैं, इसमें एक कमेटी ये जांच करेगी की विश्वविद्यालयों में किस तरह का इंफ्रास्ट्रक्चर है और छात्रों को किस तरह की सुविधा दी जा रही हैं व प्रोस्पेक्टस के मुताबिक और फीस के अनुसार छात्रों को मूलभूत सुविधाओं की जांच करेगी.
फैक्लटी की योग्यता की जाचं भी होगी
दूसरी कमेटी विश्वविद्यालयों के शिक्षक और गैर शिक्षकों व अन्य स्टाफ के वेतन संबंधी जांच करेगी. इसमें स्टाफ के सैलरी, प्रति माह दिया जाने वाले वेतन के बारे में जांच करेगी, जबकि प्रदेश के एक निजी विश्वविद्यालय में डिग्री वेरिफिकेशन को लेकर भी एक अन्य कमेटी को इसका जिम्मा सौंपा गया है. उन्होंने बताया कि निजी विश्वविद्यालय के प्रधानाचार्यों के बाद अब फैक्लटी की योग्यता की जाचं भी की जा रही है. इसके लिए पहले से गठित कमेटी ने काम करना शुरू कर दिया है. निजी शिक्षण संस्थान विनियामक आयोग के अध्यक्ष मेजर जनरल सेवानिवृत्त अतुल कौशिक ने जानकारी की पुष्टि है.
ये भी पढ़ें- कौन जीतेगा 2022 का 'सेमीफाइनल'! MC चुनाव के लिए थमा चुनाव प्रचार, अब जनता करेगी फैसला