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चैत्र नवरात्रि: महाअष्टमी आज, इस विधि से करें भगवती महागौरी की पूजा

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Published : Apr 20, 2021, 6:48 AM IST

Updated : Apr 20, 2021, 8:38 AM IST

आज नवरात्रि का आठवां दिन है. नवरात्रि के आठवें दिन भगवती महागौरी की पूजा की जाती है. माता महागौरी की पूजा से सभी पाप और विघ्नों का नाश हो जाता है.

how to worship mata mahagauri
चैत्र नवरात्रि: महाष्टमी आज

शिमला/रायपुर: चैत्र नवरात्रि का आज आठवां दिन है. जिसे अष्टमी के रूप मे भी जाना जाता है. नवरात्रि के आठवें दिन भगवती के महागौरी रूप की पूजा की जाती है. माता महागौरी की पूजा से आरोग्य की प्राप्ति होती है. सारे कष्ट दूर होते हैं. ETV भारत पर ज्योतिषाचार्य विनीत शर्मा उनकी पूजन विधि और लाभ के बारे में बता रहे हैं.

मां महागौरी ने देवी पार्वती रूप में भगवान शिव को पति-रूप में पाने करने के लिए कठोर तपस्या की थी. एक बार भगवान भोलेनाथ ने पार्वती जी को देखकर कुछ कह देते हैं. जिससे देवी के मन आहत हो जाता है और पार्वती जी तपस्या में लीन हो जाती हैं. इस तरह सालो तक कठोर तपस्या करने पर जब पार्वती नहीं आती तो पार्वती को खोजते हुए भगवान शिव उनके पास पहुंचते हैं. वहां पहुंचे तो वहां पार्वती को देखकर आश्चर्य चकित रह जाते हैं. पार्वती जी का रंग बेहद ओजपूर्ण होता है, उनकी छटा चांदनी के सामन सफेद दिखाई पड़ती है.

वीडियो रिपोर्ट.

माता का स्वरूप

माता महागौरी की सवार वृषभ (बैल) है. इनका अस्त्र त्रिशूल है. इन्हें भी भगवान शिव की अर्धांगिनी के रूप में माना गया है. माता का रूप गौर वर्ण है. मान्यता है कि इस दिन यज्ञ (हवन) करने का विधान है. हवन करने से रोग दूर होते हैं. सारे कष्ट दूर होते हैं.

मां दुर्गा के नौ रूप

  • प्रथम दिवस मां शैलपुत्री
  • द्वितीय दिवस मां ब्रह्मचारिणी
  • तृतीय दिवस मां चंद्रघंटा
  • चतुर्थ दिवस मां कुष्मांडा
  • पंचमी के दिन मां स्कंदमाता
  • षष्ठी के दिन मां कात्यायनी
  • सप्तमी के दिन मां कालरात्रि
  • अष्टमी के दिन मां महागौरी
  • नवमी के दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है.

माता महागौरी की आराधना के लिए इस मंत्र का जाप कर सकते हैं.

मंत्र:

श्वेते वृषे समारुढा श्वेताम्बरधरा शुचिः | महागौरी शुभं दद्यान्महादेवप्रमोददा ||

स्तुति:

या देवी सर्वभू‍तेषु मां गौरी रूपेण संस्थिता।

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।

ऐसे करें पूजा

सुबह स्नान करके साफ कपड़े पहनें. मंदिर में आसन पर बैठ जाएं. फिर माता का आवाहन करें. इसके बाद माता महागौरी की षोडषोपचार (आवाहन, आसन, पाद्य, अर्घ्य, आचमन, स्नान, वस्त्र, उपवस्त्र, गंध, पुष्प, धूम, दीप, नैवेद्य, आरती, नमस्कार, पुष्पांजलि) से पूजा करें. पूजा के दौरान मंत्रों का जाप करें. अष्टमी के दिन महिलाएं अपने सुहाग के लिए देवी मां को चुनरी भेंट करती हैं.

ये भी पढ़ें- मई महीने से नए हेलिकॉप्टर में उड़ान भरेंगे सीएम जयराम, 5 लाख से अधिक है एक घंटे का किराया

शिमला/रायपुर: चैत्र नवरात्रि का आज आठवां दिन है. जिसे अष्टमी के रूप मे भी जाना जाता है. नवरात्रि के आठवें दिन भगवती के महागौरी रूप की पूजा की जाती है. माता महागौरी की पूजा से आरोग्य की प्राप्ति होती है. सारे कष्ट दूर होते हैं. ETV भारत पर ज्योतिषाचार्य विनीत शर्मा उनकी पूजन विधि और लाभ के बारे में बता रहे हैं.

मां महागौरी ने देवी पार्वती रूप में भगवान शिव को पति-रूप में पाने करने के लिए कठोर तपस्या की थी. एक बार भगवान भोलेनाथ ने पार्वती जी को देखकर कुछ कह देते हैं. जिससे देवी के मन आहत हो जाता है और पार्वती जी तपस्या में लीन हो जाती हैं. इस तरह सालो तक कठोर तपस्या करने पर जब पार्वती नहीं आती तो पार्वती को खोजते हुए भगवान शिव उनके पास पहुंचते हैं. वहां पहुंचे तो वहां पार्वती को देखकर आश्चर्य चकित रह जाते हैं. पार्वती जी का रंग बेहद ओजपूर्ण होता है, उनकी छटा चांदनी के सामन सफेद दिखाई पड़ती है.

वीडियो रिपोर्ट.

माता का स्वरूप

माता महागौरी की सवार वृषभ (बैल) है. इनका अस्त्र त्रिशूल है. इन्हें भी भगवान शिव की अर्धांगिनी के रूप में माना गया है. माता का रूप गौर वर्ण है. मान्यता है कि इस दिन यज्ञ (हवन) करने का विधान है. हवन करने से रोग दूर होते हैं. सारे कष्ट दूर होते हैं.

मां दुर्गा के नौ रूप

  • प्रथम दिवस मां शैलपुत्री
  • द्वितीय दिवस मां ब्रह्मचारिणी
  • तृतीय दिवस मां चंद्रघंटा
  • चतुर्थ दिवस मां कुष्मांडा
  • पंचमी के दिन मां स्कंदमाता
  • षष्ठी के दिन मां कात्यायनी
  • सप्तमी के दिन मां कालरात्रि
  • अष्टमी के दिन मां महागौरी
  • नवमी के दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है.

माता महागौरी की आराधना के लिए इस मंत्र का जाप कर सकते हैं.

मंत्र:

श्वेते वृषे समारुढा श्वेताम्बरधरा शुचिः | महागौरी शुभं दद्यान्महादेवप्रमोददा ||

स्तुति:

या देवी सर्वभू‍तेषु मां गौरी रूपेण संस्थिता।

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।

ऐसे करें पूजा

सुबह स्नान करके साफ कपड़े पहनें. मंदिर में आसन पर बैठ जाएं. फिर माता का आवाहन करें. इसके बाद माता महागौरी की षोडषोपचार (आवाहन, आसन, पाद्य, अर्घ्य, आचमन, स्नान, वस्त्र, उपवस्त्र, गंध, पुष्प, धूम, दीप, नैवेद्य, आरती, नमस्कार, पुष्पांजलि) से पूजा करें. पूजा के दौरान मंत्रों का जाप करें. अष्टमी के दिन महिलाएं अपने सुहाग के लिए देवी मां को चुनरी भेंट करती हैं.

ये भी पढ़ें- मई महीने से नए हेलिकॉप्टर में उड़ान भरेंगे सीएम जयराम, 5 लाख से अधिक है एक घंटे का किराया

Last Updated : Apr 20, 2021, 8:38 AM IST
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