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रेजिडेंट डॉक्टरों के समर्थन में उतरा एचएमओए, अस्पतालों में किया काले बिल्ले लगाकर काम

सरकार द्वारा रेजिडेंटस डाक्टर की मांगे पूरी न करने पर अब एचएमओए भी उनके समर्थन में उतर गई है. सोमवार को मेडिकल एसोसिएशन के सभी डाक्टरों ने भी रेजिडेंटस डाक्टरों के साथ प्रदेश भर में काले बिल्ले लगाकर काम किया और सरकार के प्रति रोष जताया.

काले बिल्ले लगाकर रोष प्रकट करते डॉक्टर
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Published : Feb 5, 2019, 4:09 AM IST

शिमलाः सरकार द्वारा रेजिडेंटस डाक्टर की मांगे पूरी न करने पर अब एचएमओए भी उनके समर्थन में उतर गई है. सोमवार को मेडिकल एसोसिएशन के सभी डाक्टरों ने भी रेजिडेंटस डाक्टरों के साथ प्रदेश भर में काले बिल्ले लगाकर काम किया और सरकार के प्रति रोष जताया.

काले बिल्ले लगाकर रोष प्रकट करते डॉक्टर
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दोनों एसोसिएशन ने सरकार को चेतावनी दी है कि शीघ्र अगर मांगे पूरी नहीं की तो प्रदेश में बहुत बड़ा आंदोलन शुरू किया जाएगा. इस आंदोलन की पूरी जिम्मेवारी प्रदेश सरकार की होगी. रेजिडेंटस डाक्टर ने बैंक गांरटी को खत्म करने और उनका वेतन रोकने को लेकर मोर्चा खोला है. इस बारे कई बार डाक्टरों ने प्रदेश सरकार को बताया है, बावजूद इसके सरकार डाक्टरों की मांगों को लेकर गंभीर नजर नहीं आ रही है.

रेजिडैंट डॉक्टर काफी समय पहले से प्रदेश सरकार से मांग कर रहे हैं कि रेजिडेंटस डाक्टरों के लिए बैंक गारंटी को खत्म किया जाए, क्योंकि गरीब तपके के पीजी डाक्टर इतना पैसा नहीं दे सकते हैं. बीते कुछ माह पहले एक पीजी डाक्टर ने सुसाईड तक करने को कह दिया था, लेकिन बावजूद इसके सरकार कोई कदम नहीं उठा रही है. डॉक्टरों का कहना है कि सरकार को 10 लाख की बैंक गारंटी को खत्म करना चाहिए, ताकि पीजी डाक्टर को परेशानियों का सामना न करना पड़े.

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काले बिल्ले लगाकर रोष प्रकट करते डॉक्टर
काले बिल्ले लगाकर रोष प्रकट करते डॉक्टर
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उन्होंने कहा कि 24 घंटे अस्पताल में ड्यूटी देने के बावजूद उन्हें काफी सारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. यही कारण है कि डॉक्टर नौकरियां छोड़कर जा रहे हैं. इसका मुख्य कारण यह भी है कि डॉक्टर जब बैंक गारंटी को नहीं दे पाते हैं, तो उन्हें मजबूरन नौकरी छोड़नी पड़ती है. उन्होंने कहा कि प्रदेश के अस्पतालों में पूरी जिम्मेवारी रेडिडेंट डॉक्टर पर है, लेकिन उन्हें यह सुविधा नहीं मिल पाती है. डॉक्टरों ने चेतावनी दै है कि सरकार बैंक गारंटी को लेकर निर्णय नहीं लेती है तो आरडीए व एचएमओए दोनों एसोसिएशन आंदोलन करेगी.

एएमओए के महासचिव डॉ.पुष्पेंद्र वर्मा ने कहा कि एसोसिएशन रेजिडेंट डॉक्टरों के समर्थन में उतर गई है, सरकार को बैंक गारंटी खत्म करनी चाहिए व वेतन को नहीं रोकना चाहिए. उन्होंने कहा कि रेजिडेंट डॉक्टरों के साथ सरकार बिल्कुल भी सही नहीं कर रही है. रेजिडेंट डॉक्टरों के लिए 10 लाख की बैंक गारंटी दे पाना मुश्किल है. इससे गरीब रेजिडेंट डॉक्टर तो कभी भी डॉक्टर नहीं बन पाएगा. सरकार को शीघ्र ही मांगें पूरी करनी चाहिए.

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वहीं आरडीए अध्यक्ष डॉ.जरियाल ने कहा कि अगर सरकार मांगे पूरी नहीं करती है तो रेजिडेंट डॉक्टर आगामी रणनीति तैयार करेंगे. उन्होंने कहा कि बार-बार सरकार से यही मांग की जा रही कि रेजिडेंट की मांगें शीघ्र पूरी की जाए नहीं तो डॉक्टरों को मजबूरन हड़ताल का रास्ता अपनाना पड़ेगा.

शिमलाः सरकार द्वारा रेजिडेंटस डाक्टर की मांगे पूरी न करने पर अब एचएमओए भी उनके समर्थन में उतर गई है. सोमवार को मेडिकल एसोसिएशन के सभी डाक्टरों ने भी रेजिडेंटस डाक्टरों के साथ प्रदेश भर में काले बिल्ले लगाकर काम किया और सरकार के प्रति रोष जताया.

काले बिल्ले लगाकर रोष प्रकट करते डॉक्टर
काले बिल्ले लगाकर रोष प्रकट करते डॉक्टर
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दोनों एसोसिएशन ने सरकार को चेतावनी दी है कि शीघ्र अगर मांगे पूरी नहीं की तो प्रदेश में बहुत बड़ा आंदोलन शुरू किया जाएगा. इस आंदोलन की पूरी जिम्मेवारी प्रदेश सरकार की होगी. रेजिडेंटस डाक्टर ने बैंक गांरटी को खत्म करने और उनका वेतन रोकने को लेकर मोर्चा खोला है. इस बारे कई बार डाक्टरों ने प्रदेश सरकार को बताया है, बावजूद इसके सरकार डाक्टरों की मांगों को लेकर गंभीर नजर नहीं आ रही है.

रेजिडैंट डॉक्टर काफी समय पहले से प्रदेश सरकार से मांग कर रहे हैं कि रेजिडेंटस डाक्टरों के लिए बैंक गारंटी को खत्म किया जाए, क्योंकि गरीब तपके के पीजी डाक्टर इतना पैसा नहीं दे सकते हैं. बीते कुछ माह पहले एक पीजी डाक्टर ने सुसाईड तक करने को कह दिया था, लेकिन बावजूद इसके सरकार कोई कदम नहीं उठा रही है. डॉक्टरों का कहना है कि सरकार को 10 लाख की बैंक गारंटी को खत्म करना चाहिए, ताकि पीजी डाक्टर को परेशानियों का सामना न करना पड़े.

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काले बिल्ले लगाकर रोष प्रकट करते डॉक्टर
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उन्होंने कहा कि 24 घंटे अस्पताल में ड्यूटी देने के बावजूद उन्हें काफी सारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. यही कारण है कि डॉक्टर नौकरियां छोड़कर जा रहे हैं. इसका मुख्य कारण यह भी है कि डॉक्टर जब बैंक गारंटी को नहीं दे पाते हैं, तो उन्हें मजबूरन नौकरी छोड़नी पड़ती है. उन्होंने कहा कि प्रदेश के अस्पतालों में पूरी जिम्मेवारी रेडिडेंट डॉक्टर पर है, लेकिन उन्हें यह सुविधा नहीं मिल पाती है. डॉक्टरों ने चेतावनी दै है कि सरकार बैंक गारंटी को लेकर निर्णय नहीं लेती है तो आरडीए व एचएमओए दोनों एसोसिएशन आंदोलन करेगी.

एएमओए के महासचिव डॉ.पुष्पेंद्र वर्मा ने कहा कि एसोसिएशन रेजिडेंट डॉक्टरों के समर्थन में उतर गई है, सरकार को बैंक गारंटी खत्म करनी चाहिए व वेतन को नहीं रोकना चाहिए. उन्होंने कहा कि रेजिडेंट डॉक्टरों के साथ सरकार बिल्कुल भी सही नहीं कर रही है. रेजिडेंट डॉक्टरों के लिए 10 लाख की बैंक गारंटी दे पाना मुश्किल है. इससे गरीब रेजिडेंट डॉक्टर तो कभी भी डॉक्टर नहीं बन पाएगा. सरकार को शीघ्र ही मांगें पूरी करनी चाहिए.

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वहीं आरडीए अध्यक्ष डॉ.जरियाल ने कहा कि अगर सरकार मांगे पूरी नहीं करती है तो रेजिडेंट डॉक्टर आगामी रणनीति तैयार करेंगे. उन्होंने कहा कि बार-बार सरकार से यही मांग की जा रही कि रेजिडेंट की मांगें शीघ्र पूरी की जाए नहीं तो डॉक्टरों को मजबूरन हड़ताल का रास्ता अपनाना पड़ेगा.

रेजिडेंट डॉक्टरों के समर्थन में उतरा एचएमओए 

अस्पतालों में किया काले बिल्ले लगाकर काम 

शिमला। 

सरकार द्वारा रैजिडैंटस डाक्टर की मांगे पूरी न करने पर अब एचएमओए   भी उनके  समर्थ में उतर गई है। सोमवार को मैडिकल एसोसिएशन के सभी डाक्टरों ने भी रैजिडैंटस डाक्टरों के साथ प्रदेश भर में काले बिल्ले लगाकर काम किया और सरकार के प्रति रोष जताया। दोनों एसोसिएशन ने सरकार को चेतावनी दी है कि शीघ्र अति शीघ्र अगर मांगे पूरी नहीं होती तो प्रदेश में बहुत बड़ा आंदोलन शुरू किया जायेगा । जिसकी पूरी जिमेंबारी प्रदेश सरकार की होगी। रैजिडैंटस डाक्टर ने बैंक गांरटी को खत्म करने और उका वेतन राकने को लेकर मोर्चा खोला है। कई बार डाक्टरों ने प्रदेश मुखयमंत्री को इस बारे में अवगत करवाया है बावजूद इसके सरकार डाक्टरों की मांगो को लेकर गंभीर होती नजर नहीं आ रही है। रैजिडैंट डॉक्टर काफी समय पहले से प्रदेश सरकार से मांग कर रहे कि रैजिडैंटस डज्ञक्टरों के लिए बैंक गारंटी को खत्म किया जाए, क्योंकि गरीब तपके के पी.जी. डाक्टर इतना पैसा नहीं दे सकते है। बिते कुछ माह पहले एक पीजी  डाक्टर ने अपने आप को सुसाईड करने तक को कह दिया था, लेकिन इसके बावजूद भी सरकार कोई कदम नहीं उठा रही है। सरकार को 10 लाख की बैंक गारंटी को खत्म करना चाहिए, ताकि पीजी डाक्टर को परेशानियों का सामना न करना पड़े। डॉक्टरों का कहना है कि 24 घंटे अस्पताल में ड्यूटी देने के बावजूद भी उन्हें काफी सारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। जो डाक्टर नौकरयां छोड़कर जा रहे है। इसका मुखय कारण भी यही है कि डाक्टर जब बैंक गारंटी को नहीं दे पाते है, तो उन्हें मजबूरन  नौकरी को छोडऩा पड़ता है। प्रदेश के अस्पतालों में पूरी जिमेंबारी रैजिडैंटस डाक्टर पर है। बावजूद इसके उन्हें को सुविधा नहीं मिल पाती है। डाक्टरों ने चेतावनी दी है कि सरकार बैंक गारंटी को लेकर निर्णय नहीं लेती तो आर.डी.ए. और एच.एम.ओ.ए. दोनों एसोशिएशन आंदोलन करेंगे।

एच.एम.ओ.ए. रैजिडैंटस डाक्टरों के सर्मान में उतर गई है। सरकार को बैंक गारंटी खत्म करनी चाहिए। वेतन को नहीं रोकना चाहिए। रैजिडैंटस डाक्टरों के साथ सरकार बिल्कुल भी सही नहीं कर रही है। रैजिडैंटस डाक्टरों के लिए 10 लाख की बैंक गारंटी दे पाना मुश्किल है। इससे गरीब रैजिडैंटस डाक्टर तो बिल्कुल भी डाक्टर नहीं बन पाएगा। वह तो नौकरी छोड़कर चला जाएगा। सरकार को शीघ्र ही मांगे पूरी करनी चाहिए।

- पुषपेंद्र वर्मा महासचिव एच.एम.ओ.ए.।  

अगर सरकार द्वारा मांगे पूरी नहीं की गई तो रैजिडैंटस डाक्टर आगामी रणनीति तैयार करेंगी। डाक्टर हड़ताल पर भी जा सकते है। सरकार से बार-बार यही मांग की जा रही है कि रैजिडैंटस की मांगे शीघ्र ही पूरी की जाए। मजबूरन डाक्टरों को हड़ताल पर जाने का रास्ता अपनाना पड़ेगा।

-डा. जरियाल अध्यक्ष आर.डी.ए.।

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