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सीमेंट माल भाड़े पर हिमकॉन देगी रिपोर्ट, अब विधानसभा सत्र के बाद होगी बैठक - बिलासपु की सीमेंट फैक्ट्री

हिमाचल में चल रहा सीमेंट विवाद (cement crisis in Himachal) अभी तक नहीं सुलझ पाया है. अब सीमेंट माल भाड़े पर हिमकॉन अपनी रिपोर्ट देगा. राज्य सरकार की कंसल्टेंसी एजेंसी हिमकॉन की रिपोर्ट के आधार पर ही माल भाड़ा तय होगा. पढ़ें पूरी खबर...

सीमेंट माल भाड़े पर हिमकॉन देगी रिपोर्ट
सीमेंट माल भाड़े पर हिमकॉन देगी रिपोर्ट
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Published : Jan 2, 2023, 9:42 PM IST

शिमला: सीमेंट फैक्ट्रियों का माल भाड़ा राज्य सरकार की कंसल्टेंसी एजेंसी हिमकॉन की रिपोर्ट के आधार पर तय होगा. सरकार ने एजेंसी को माल भाड़े को फाइनल करने का काम दे दिया है. एजेंसी अगले चार दिनों में इसकी रिपोर्ट देगी. माल भाड़े को लेकर आज शिमला में सीविल सप्लाई कॉरपोरेशन के प्रबंध निदेशक की अध्यक्षता में बनी सब कमेटी की एक बैठक भी हुई, जिसमें सीमेटं प्लांट्स के ट्रांसपोर्टर, कंपनी प्रबंधन शामिल हुए.(cement crisis in Himachal)(cement controversy in Himachal).

कमेटी ने ट्रांसपोर्टरों और कंपनी प्रबंधन से अलग-अलग बैठक की. दोनों पक्षों ने अपनी ओर से तय किराए को रखा. बैठक में हिमकॉन को निर्देश दिए गए कि वह चार दिनों में अपनी रिपोर्ट दे. हिमकॉन दोनों पक्षों के भाड़े के बाद इसको फाइनल करेगी. ऐसे में माना जा रहा है कि विधानसभा सत्र के बाद इसकी रिपोर्ट पर कोई फैसला हो पाएगा. सीमेंट माल भाड़े का निर्धारण राज्य सरकार की कंसल्टेंसी एजेंसी हिमकॉन कर रही है.

इसी एजेंसी ने 2005 में बनी कमेटी को माल भाड़ा कैलकुलेट कर दिया था. हालांकि यह किराया 6 रुपए प्रति किलोमीटर प्रति टन के हिसाब से तय किया गया था. लेकिन इसे लागू नहीं किया गया था, क्योंकि सीमेंट कंपनी अंबुजा और ट्रांसपोर्टरों के बीच यह विवाद आपस में सुलझा लिया था और दोनों ने बढ़े हुए भाड़े को मान लिया था. लेकिन अब जबकि फिर से अदानी समूह और ट्रांसपोर्टरों के बीच माल भाड़े को लेकर विवाद पैदा हो गया है तो इस एजेंसी को ही माल भाड़ा फाइनल करने का काम दिया गया है. बताया जा रहा है कि इसकी रिपोर्ट आने में चार-पांच दिन लगेंगे. इसके बाद इसको लेकर बैठक होगी.

23 दिसंबर को शिमला में हुई थी स्टैंडिंग कमेटी की बैठक: इससे पहले सरकार की ओर से बनाई गई स्टैंडिंग कमेटी की बैठक 23 दिसंबर को शिमला में हुई थी. परिवहन विभाग के प्रधान सचिव आरडी नजीम की अध्यक्षता में हुई बैठक में दोनों कंपनियों के प्रबंधन और ट्रक यूनियनों के पदाधिकारियों के साथ सोलन और बिलासपुर के डीसी शामिल रहे. लेकिन भाड़े को लेकर दोनों में कोई सहमति नहीं बन पाई थी. इसके बाद एसडीएम अर्की में भी एक बैठक अंबुजा सीमेंट कंपनी और ट्रांसपोर्टरों के बीच भी हुई. इसके बाद आज एक बैठक शिमला में हुई, जिसमें माल भाड़े की रिपोर्ट नहीं आई. हालांकि दोनों पक्षों ने कमेटी के सामने अपना-अपना पक्ष जरूर रखा.

विवाद के बाद 14 दिसंबर से बंद है प्लांट: अदानी समूह ने हिमाचल के दो सीमेंट प्लांट्स बंद कर रखे हैं. अदानी समूह सीमेंट फैक्ट्रियों से सीमेंट ढुलाई के भाड़े को कम करने की बात कर रहा है. इसको लेकर पहले बातचीत होती रही, लेकिन जब कोई हल नहीं निकला तो फैक्ट्रियों को बंद कर दिया गया. दोनों फैक्ट्रियां बीते 14 दिसंबर से बंद पड़ी हैं. इससे हजारों परिवार का रोजगार खत्म हो गया है. बाघल लैंड लूजर ट्रांसपोर्ट सोसायटी के पूर्व अध्यक्ष रामकृष्ण शर्मा ने कहा कि आज हुई बैठक में ट्रांसपोर्टरों ने अपना पक्ष कमेटी के सामने रखा है. अब हिमकॉन की रिपोर्ट का इंतजार है. उन्होंने कहा कि सरकार ने इस मसले को लेकर गंभीर है. उम्मीद है कि जल्द ही इस मसले का हल होगा.

ये भी पढ़ें: एमसी शिमला की वोटर्स लिस्ट में बाहरी विधानसभाओं के मतदाताओं से जुड़ी याचिका पर सुनवाई टली

शिमला: सीमेंट फैक्ट्रियों का माल भाड़ा राज्य सरकार की कंसल्टेंसी एजेंसी हिमकॉन की रिपोर्ट के आधार पर तय होगा. सरकार ने एजेंसी को माल भाड़े को फाइनल करने का काम दे दिया है. एजेंसी अगले चार दिनों में इसकी रिपोर्ट देगी. माल भाड़े को लेकर आज शिमला में सीविल सप्लाई कॉरपोरेशन के प्रबंध निदेशक की अध्यक्षता में बनी सब कमेटी की एक बैठक भी हुई, जिसमें सीमेटं प्लांट्स के ट्रांसपोर्टर, कंपनी प्रबंधन शामिल हुए.(cement crisis in Himachal)(cement controversy in Himachal).

कमेटी ने ट्रांसपोर्टरों और कंपनी प्रबंधन से अलग-अलग बैठक की. दोनों पक्षों ने अपनी ओर से तय किराए को रखा. बैठक में हिमकॉन को निर्देश दिए गए कि वह चार दिनों में अपनी रिपोर्ट दे. हिमकॉन दोनों पक्षों के भाड़े के बाद इसको फाइनल करेगी. ऐसे में माना जा रहा है कि विधानसभा सत्र के बाद इसकी रिपोर्ट पर कोई फैसला हो पाएगा. सीमेंट माल भाड़े का निर्धारण राज्य सरकार की कंसल्टेंसी एजेंसी हिमकॉन कर रही है.

इसी एजेंसी ने 2005 में बनी कमेटी को माल भाड़ा कैलकुलेट कर दिया था. हालांकि यह किराया 6 रुपए प्रति किलोमीटर प्रति टन के हिसाब से तय किया गया था. लेकिन इसे लागू नहीं किया गया था, क्योंकि सीमेंट कंपनी अंबुजा और ट्रांसपोर्टरों के बीच यह विवाद आपस में सुलझा लिया था और दोनों ने बढ़े हुए भाड़े को मान लिया था. लेकिन अब जबकि फिर से अदानी समूह और ट्रांसपोर्टरों के बीच माल भाड़े को लेकर विवाद पैदा हो गया है तो इस एजेंसी को ही माल भाड़ा फाइनल करने का काम दिया गया है. बताया जा रहा है कि इसकी रिपोर्ट आने में चार-पांच दिन लगेंगे. इसके बाद इसको लेकर बैठक होगी.

23 दिसंबर को शिमला में हुई थी स्टैंडिंग कमेटी की बैठक: इससे पहले सरकार की ओर से बनाई गई स्टैंडिंग कमेटी की बैठक 23 दिसंबर को शिमला में हुई थी. परिवहन विभाग के प्रधान सचिव आरडी नजीम की अध्यक्षता में हुई बैठक में दोनों कंपनियों के प्रबंधन और ट्रक यूनियनों के पदाधिकारियों के साथ सोलन और बिलासपुर के डीसी शामिल रहे. लेकिन भाड़े को लेकर दोनों में कोई सहमति नहीं बन पाई थी. इसके बाद एसडीएम अर्की में भी एक बैठक अंबुजा सीमेंट कंपनी और ट्रांसपोर्टरों के बीच भी हुई. इसके बाद आज एक बैठक शिमला में हुई, जिसमें माल भाड़े की रिपोर्ट नहीं आई. हालांकि दोनों पक्षों ने कमेटी के सामने अपना-अपना पक्ष जरूर रखा.

विवाद के बाद 14 दिसंबर से बंद है प्लांट: अदानी समूह ने हिमाचल के दो सीमेंट प्लांट्स बंद कर रखे हैं. अदानी समूह सीमेंट फैक्ट्रियों से सीमेंट ढुलाई के भाड़े को कम करने की बात कर रहा है. इसको लेकर पहले बातचीत होती रही, लेकिन जब कोई हल नहीं निकला तो फैक्ट्रियों को बंद कर दिया गया. दोनों फैक्ट्रियां बीते 14 दिसंबर से बंद पड़ी हैं. इससे हजारों परिवार का रोजगार खत्म हो गया है. बाघल लैंड लूजर ट्रांसपोर्ट सोसायटी के पूर्व अध्यक्ष रामकृष्ण शर्मा ने कहा कि आज हुई बैठक में ट्रांसपोर्टरों ने अपना पक्ष कमेटी के सामने रखा है. अब हिमकॉन की रिपोर्ट का इंतजार है. उन्होंने कहा कि सरकार ने इस मसले को लेकर गंभीर है. उम्मीद है कि जल्द ही इस मसले का हल होगा.

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