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स्टार्स प्रोजेक्ट के तहत हिमाचल को मिलेगा 600 करोड़, शिक्षा की गुणवत्ता पर होगा खर्च

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Published : Oct 16, 2020, 11:17 AM IST

प्रदेश में शिक्षा की गुणवत्ता में जल्द ही सुधार होगा. शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार से 600 करोड़ का बजट मिलेगा और बजट प्रदेश में शिक्षा के क्षेत्र पर नए नवाचार ओर सुधार करने के लिए खर्च किया जाएगा.

Education will improve in Himachal
सर्व शिक्षा अभियान

शिमला : प्रदेश में शिक्षा के क्षेत्र में सुधार की कवायद तेज हो गई है. इसके लिए केंद्र सरकार से 600 करोड़ का बजट मिलेगा. यह राशि भारत सरकार की स्ट्रेंथनिंग टीचिंग लर्निंग एंड रिजल्ट्स फॉर स्टेट्स योजना के तहत दी जाएगी. जिसके लिए हिमाचल का चयन भी किया गया है. केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस योजना को मंजूरी दी गई.

बजट की पहली किश्त होगी जारी

अब जल्द ही प्रदेश समग्र शिक्षा को इस योजना के तहत मंजूर बजट की पहली किस्त जारी हो सकती है. इस राशि से प्रदेश में शिक्षा की गुणवत्ता को और अधिक सुधारने के साथ ही बच्चों को बेहतर शिक्षा देने और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए तैयार करने के लिए कार्य किया जाएगा. यह सब कार्य वर्ल्ड बैंक की ओर से दी जाने वाली फंडिंग के तहत किया जाएगा. देश भर से 6 राज्य जो शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर कार्य कर रहे हैं उन्हें वर्ल्ड बैंक की ओर से अपने इस नए प्रोजेक्ट के लिए चुना गया है.

यह प्रदेश शामिल

इस प्रोजेक्ट के लिए राजस्थान, मध्य प्रदेश, केरल, उड़ीसा, महाराष्ट्र के साथ ही हिमाचल को चुना गया है. इस प्रोजेक्ट के तहत छात्रों के लर्निंग आउटकम पर काम किया जाएगा और बेहतर से बेहतर सुविधाएं स्कूलों में देकर छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए तैयार किया जाएगा. पहले सरकारी स्कूलों में लर्निंग आउटकम का लेवल और छात्रों की इनरोलमेंट के साथ ही टीचर एजुकेशन को लेकर प्लान तैयार किया जाएगा.

वहीं, प्रदेश स्कूलों में चल रही प्री-प्राइमरी की शिक्षा व्यवस्था को जांचने के साथ ही इसके स्तर में सुधार भी किया जाएगा. प्राइमरी से मिडिल स्तर तक ऑनलाइन शिक्षा, आईसीटी लैब का निर्माण, बच्चों की शिक्षा स्तर में सुधार कर उन्हें पीसा में भाग लेने के लिए तैयार करने का कार्य भी इस प्रोजेक्ट के तहत होगा.

स्कूलों में इन्फ्रास्ट्रक्चर से लेकर शिक्षा तक में सुधार

प्रोजेक्ट के तहत सभी प्राइमरी स्कूलों में बायोमेट्रिक मशीनें डिजिटल बोर्ड कंप्यूटर की डिमांड के साथ ही योजना के तहत मिलने वाली फंडिंग से प्रदेश के डाइट केंद्रों को भी स्ट्रैंथ किया जाएगा. इस योजना से ना केवल छात्रों, बल्कि प्रदेश के शिक्षकों के स्तर में भी सुधार किया जाएगा.

स्कूलों में इन्फ्रास्ट्रक्चर से लेकर शिक्षा तक में सुधार होगा. इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य निजी स्कूलों की तर्ज पर सरकारी स्कूलों में सुविधाएं मुहैया करवाना है. जिसके तहत शिक्षकों के प्रशिक्षण केंद्र को भी इस प्रोजेक्ट के तहत आधुनिक किया जाएगा और शिक्षक ट्रेनिंग में भी बदलाव किया जाएगा.

प्रोजेक्ट के तहत 6 सालों के लिए 100-100 करोड़ का बजट वर्ल्ड बैंक की ओर से जारी किया जाएगा. 100 करोड़ के बजट का यूटिलाइजेशन सर्टिफिकेट देने के बाद ही अगली किस्त वर्ल्ड बैंक की ओर से जारी की जाएगी. प्रदेश में शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए यह प्रोजेक्ट काफी मददगार साबित हो सकता है. अभी तक शिक्षा विभाग के पास शिक्षा से जुड़ी योजनाओं को सिरे चढ़ाने के लिए बजट की कमी रहती थी, वह इस प्रोजेक्ट से पूरी होगी.

शिमला : प्रदेश में शिक्षा के क्षेत्र में सुधार की कवायद तेज हो गई है. इसके लिए केंद्र सरकार से 600 करोड़ का बजट मिलेगा. यह राशि भारत सरकार की स्ट्रेंथनिंग टीचिंग लर्निंग एंड रिजल्ट्स फॉर स्टेट्स योजना के तहत दी जाएगी. जिसके लिए हिमाचल का चयन भी किया गया है. केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस योजना को मंजूरी दी गई.

बजट की पहली किश्त होगी जारी

अब जल्द ही प्रदेश समग्र शिक्षा को इस योजना के तहत मंजूर बजट की पहली किस्त जारी हो सकती है. इस राशि से प्रदेश में शिक्षा की गुणवत्ता को और अधिक सुधारने के साथ ही बच्चों को बेहतर शिक्षा देने और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए तैयार करने के लिए कार्य किया जाएगा. यह सब कार्य वर्ल्ड बैंक की ओर से दी जाने वाली फंडिंग के तहत किया जाएगा. देश भर से 6 राज्य जो शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर कार्य कर रहे हैं उन्हें वर्ल्ड बैंक की ओर से अपने इस नए प्रोजेक्ट के लिए चुना गया है.

यह प्रदेश शामिल

इस प्रोजेक्ट के लिए राजस्थान, मध्य प्रदेश, केरल, उड़ीसा, महाराष्ट्र के साथ ही हिमाचल को चुना गया है. इस प्रोजेक्ट के तहत छात्रों के लर्निंग आउटकम पर काम किया जाएगा और बेहतर से बेहतर सुविधाएं स्कूलों में देकर छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए तैयार किया जाएगा. पहले सरकारी स्कूलों में लर्निंग आउटकम का लेवल और छात्रों की इनरोलमेंट के साथ ही टीचर एजुकेशन को लेकर प्लान तैयार किया जाएगा.

वहीं, प्रदेश स्कूलों में चल रही प्री-प्राइमरी की शिक्षा व्यवस्था को जांचने के साथ ही इसके स्तर में सुधार भी किया जाएगा. प्राइमरी से मिडिल स्तर तक ऑनलाइन शिक्षा, आईसीटी लैब का निर्माण, बच्चों की शिक्षा स्तर में सुधार कर उन्हें पीसा में भाग लेने के लिए तैयार करने का कार्य भी इस प्रोजेक्ट के तहत होगा.

स्कूलों में इन्फ्रास्ट्रक्चर से लेकर शिक्षा तक में सुधार

प्रोजेक्ट के तहत सभी प्राइमरी स्कूलों में बायोमेट्रिक मशीनें डिजिटल बोर्ड कंप्यूटर की डिमांड के साथ ही योजना के तहत मिलने वाली फंडिंग से प्रदेश के डाइट केंद्रों को भी स्ट्रैंथ किया जाएगा. इस योजना से ना केवल छात्रों, बल्कि प्रदेश के शिक्षकों के स्तर में भी सुधार किया जाएगा.

स्कूलों में इन्फ्रास्ट्रक्चर से लेकर शिक्षा तक में सुधार होगा. इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य निजी स्कूलों की तर्ज पर सरकारी स्कूलों में सुविधाएं मुहैया करवाना है. जिसके तहत शिक्षकों के प्रशिक्षण केंद्र को भी इस प्रोजेक्ट के तहत आधुनिक किया जाएगा और शिक्षक ट्रेनिंग में भी बदलाव किया जाएगा.

प्रोजेक्ट के तहत 6 सालों के लिए 100-100 करोड़ का बजट वर्ल्ड बैंक की ओर से जारी किया जाएगा. 100 करोड़ के बजट का यूटिलाइजेशन सर्टिफिकेट देने के बाद ही अगली किस्त वर्ल्ड बैंक की ओर से जारी की जाएगी. प्रदेश में शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए यह प्रोजेक्ट काफी मददगार साबित हो सकता है. अभी तक शिक्षा विभाग के पास शिक्षा से जुड़ी योजनाओं को सिरे चढ़ाने के लिए बजट की कमी रहती थी, वह इस प्रोजेक्ट से पूरी होगी.

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