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हिमाचल को जल्द मिलेंगी 100 नई इलेक्ट्रिक बसें, सरकार ने केंद्र से मांगी और छूट

प्रदेश वन एवं परिवहन मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने ईटीवी भारत के साथ हुई विशेष बातचीत में बताया कि जल्द ही हिमाचल को 100 नई इलेक्ट्रिक बसें मिलने वाली हैं. यह बसें केंद्र से ई-वाहनों की खरीद के लिए प्रदेश को 60:40 के वित्तीय मदद के आधार पर मिलेंगी. हालांकि सरकार ये मांग कर रही है कि केंद्र इसमें और छूट दे ताकि वित्तीय बोझ को कम किया जा सके.

Himachal will get 100 new electric buses
Himachal will get 100 new electric buses
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Published : Feb 14, 2020, 1:58 PM IST

शिमला: प्रदेश को जल्द ही 100 नई इलेक्ट्रिक बसें मिलने वाली हैं. यह बसें केंद्र से ई-वाहनों की खरीद के लिए प्रदेश को 60:40 के वित्तीय मदद के आधार पर मिलेंगी, लेकिन प्रदेश सरकार की मांग है कि हिमाचल को और अधिक छूट मिले जिससे वित्तीय बोझ कम हो सके.

ईटीवी भारत के साथ हुई विशेष बातचीत में परिवहन मंत्री गोविंद ठाकुर ने कहा कि परिवहन निति के तहत प्रदेश में ई-वाहनों को चलाने के लिए हिमाचल को केंद्र सरकार से मदद की दरकार है. प्रदेश के शहरी इलाकों में रह रहे लोगों को प्रदूषण से निजात दिलाने के लिए परिवहन विभाग ने ई-परिवहन नीति के तहत केंद्र से उदार वित्तीय मदद की गुहार लगाई है.

हिमाचल सरकार ने वर्ष 2019 में ई-वाहन नीति को तैयार किया था. नीति के अनुसार सरकार 2030 तक प्रदेश की सड़कों पर तमाम ई-वाहनों को दौड़ाएगी, यानी डीजल और पेट्रोल से चलने वाले वाहन सड़कों से बाहर होंगे.

वीडियो.

इसके लिए चार्जिंग स्टेशन लगाने की बात भी सरकार ने कही है. ई-वाहन नीति बनने के बाद प्रदेश की सड़कों पर वर्तमान में 75 इलेक्ट्रिक बसें हैं. इनमें से 50 वाहन शिमला और 25 मनाली की सड़कों पर दौड़ रहे हैं.

प्रदेश में स्थापित होंगे 10 नए चार्जिंग स्टेशन

गोविंद ठाकुर ने कहा कि सरकार राज्य को प्रदूषण मुक्त रखने के उद्देश्य से केंद्र की ई-वाहन नीति का अनुसरण करते हुए सड़कों पर बड़ी संख्या में ई-वाहन चलाने पर विचार कर रही है. 10 चार्जिंग स्टेशन भी केंद्र सरकार ने प्रदेश के लिए मंजूर किए हैं. प्रदेश में उन जिलों में ये नए चार्जिंग स्टेशन लगेंगे जहां पहले से चार्जिंग स्टेशन नहीं है. इन चार्जिंग स्टेशन का लाभ निजी वाहन मालिक भी उठा सकेंगे.

एचआरटीसी बीओडी की बैठक 17 फरवरी से पहले

परिवहन मजदूरों की समस्याओं के समाधान के लिए एचआरटीसी बीओडी की बैठक जल्द ही होने वाली है. परिवहन मंत्री ने कहा कि बीओडी की बैठक, कैबिनेट बैठक से पहले करने का निर्णय लिया गया है, ताकि बीओडी के निर्णय को कैबिनेट से मंजूरी दिलाई जा सके. हिमाचल कैबिनेट की बैठक 17 फरवरी को तय की गई है.

पढ़ेंः हिमाचल में अब बंदरों को मारना गैरकानूनी, पशु क्रूरता अधिनियम के तहत होगी कार्रवाई

गोविंद ठाकुर ने कहा कि एचआरटीसी बीओडी की बैठक के लिए जल्द ही तिथि निर्धारित की जाएगी. जिसमें एचआरटीसी कर्मचारियों की मांगों और विभिन्न मुद्दों को रखा जाएगा. फिलहाल कर्मचारियों की विभिन्न मांगें उनके समक्ष आई हैं. ऐसे में बैठक में कर्मचारियों की मांगों पर चर्चा की जाएगी.

वहीं, एचआरटीसी के अन्य कई कार्य भी हैं जिन पर चर्चा कर और कर्मचारियों की मांगों को कैबिनेट में ले जाया जाएगा. उन्होंने एचआरटीसी चालकों-परिचालकों के डयूटी टाइम को लेकर कहा कि इस पर मुख्यमंत्री से विचार विर्मश किया जाएगा.

गौरतलब हो कि एचआरटीसी कर्मचारी पिछले कई महीनों से बीओडी का इंतजार कर रहे हैं, ताकि उनकी मांगों पर चर्चा हो सके. कर्मचारियों की मांगों में पीसी मील कर्मचारियों के लिए जो पॉलिसी बन कर आई है उसे बीओडी में अप्रूवल मिलनी है.

वहीं, तकनीकी कर्मचारियों की भर्ती एवं पदोन्नति नियमों पर मंजूरी दी जानी है. इसके अलावा कर्मचारियों के डीए की किशत जो पेंडिंग है और 13 प्रतिशत आईआर नहीं दिया है उसे भी जारी किया जाना है.

ये भी पढ़ेंः पुलवामा शहीद तिलक राज: देवभूमि का सपूत जो अपने बेटे का नामकरण तक नहीं कर पाया

शिमला: प्रदेश को जल्द ही 100 नई इलेक्ट्रिक बसें मिलने वाली हैं. यह बसें केंद्र से ई-वाहनों की खरीद के लिए प्रदेश को 60:40 के वित्तीय मदद के आधार पर मिलेंगी, लेकिन प्रदेश सरकार की मांग है कि हिमाचल को और अधिक छूट मिले जिससे वित्तीय बोझ कम हो सके.

ईटीवी भारत के साथ हुई विशेष बातचीत में परिवहन मंत्री गोविंद ठाकुर ने कहा कि परिवहन निति के तहत प्रदेश में ई-वाहनों को चलाने के लिए हिमाचल को केंद्र सरकार से मदद की दरकार है. प्रदेश के शहरी इलाकों में रह रहे लोगों को प्रदूषण से निजात दिलाने के लिए परिवहन विभाग ने ई-परिवहन नीति के तहत केंद्र से उदार वित्तीय मदद की गुहार लगाई है.

हिमाचल सरकार ने वर्ष 2019 में ई-वाहन नीति को तैयार किया था. नीति के अनुसार सरकार 2030 तक प्रदेश की सड़कों पर तमाम ई-वाहनों को दौड़ाएगी, यानी डीजल और पेट्रोल से चलने वाले वाहन सड़कों से बाहर होंगे.

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इसके लिए चार्जिंग स्टेशन लगाने की बात भी सरकार ने कही है. ई-वाहन नीति बनने के बाद प्रदेश की सड़कों पर वर्तमान में 75 इलेक्ट्रिक बसें हैं. इनमें से 50 वाहन शिमला और 25 मनाली की सड़कों पर दौड़ रहे हैं.

प्रदेश में स्थापित होंगे 10 नए चार्जिंग स्टेशन

गोविंद ठाकुर ने कहा कि सरकार राज्य को प्रदूषण मुक्त रखने के उद्देश्य से केंद्र की ई-वाहन नीति का अनुसरण करते हुए सड़कों पर बड़ी संख्या में ई-वाहन चलाने पर विचार कर रही है. 10 चार्जिंग स्टेशन भी केंद्र सरकार ने प्रदेश के लिए मंजूर किए हैं. प्रदेश में उन जिलों में ये नए चार्जिंग स्टेशन लगेंगे जहां पहले से चार्जिंग स्टेशन नहीं है. इन चार्जिंग स्टेशन का लाभ निजी वाहन मालिक भी उठा सकेंगे.

एचआरटीसी बीओडी की बैठक 17 फरवरी से पहले

परिवहन मजदूरों की समस्याओं के समाधान के लिए एचआरटीसी बीओडी की बैठक जल्द ही होने वाली है. परिवहन मंत्री ने कहा कि बीओडी की बैठक, कैबिनेट बैठक से पहले करने का निर्णय लिया गया है, ताकि बीओडी के निर्णय को कैबिनेट से मंजूरी दिलाई जा सके. हिमाचल कैबिनेट की बैठक 17 फरवरी को तय की गई है.

पढ़ेंः हिमाचल में अब बंदरों को मारना गैरकानूनी, पशु क्रूरता अधिनियम के तहत होगी कार्रवाई

गोविंद ठाकुर ने कहा कि एचआरटीसी बीओडी की बैठक के लिए जल्द ही तिथि निर्धारित की जाएगी. जिसमें एचआरटीसी कर्मचारियों की मांगों और विभिन्न मुद्दों को रखा जाएगा. फिलहाल कर्मचारियों की विभिन्न मांगें उनके समक्ष आई हैं. ऐसे में बैठक में कर्मचारियों की मांगों पर चर्चा की जाएगी.

वहीं, एचआरटीसी के अन्य कई कार्य भी हैं जिन पर चर्चा कर और कर्मचारियों की मांगों को कैबिनेट में ले जाया जाएगा. उन्होंने एचआरटीसी चालकों-परिचालकों के डयूटी टाइम को लेकर कहा कि इस पर मुख्यमंत्री से विचार विर्मश किया जाएगा.

गौरतलब हो कि एचआरटीसी कर्मचारी पिछले कई महीनों से बीओडी का इंतजार कर रहे हैं, ताकि उनकी मांगों पर चर्चा हो सके. कर्मचारियों की मांगों में पीसी मील कर्मचारियों के लिए जो पॉलिसी बन कर आई है उसे बीओडी में अप्रूवल मिलनी है.

वहीं, तकनीकी कर्मचारियों की भर्ती एवं पदोन्नति नियमों पर मंजूरी दी जानी है. इसके अलावा कर्मचारियों के डीए की किशत जो पेंडिंग है और 13 प्रतिशत आईआर नहीं दिया है उसे भी जारी किया जाना है.

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