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Himachal Water Crisis: बरसात में पानी के लिए तरस रहे लोग, शिमला में तीसरे दिन भी वाटर सप्लाई ठप, पेयजल परियोजनाओं में जमा हुई गाद

हिमाचल प्रदेश आफत की बारिश से जरा थमी तो राजधानी में पीने के पानी का संकट खड़ा हो गया. भारी बारिश के कारण पेयजल परियोजनाओं में गाद आ गई है, जिससे शिमला शहर में पानी की सप्लाई नहीं हो पा रही है. शहर के लोग बरसात में पानी के लिए भी तरस रहे हैं. (Himachal Water Crisis) (drinking water projects siltation in Shimla)

Himachal Water Crisis.
शिमला में गहराया पानी का संकट.
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Published : Jul 11, 2023, 12:59 PM IST

शिमला में गहराने लगा पीने के पानी का संकट.

शिमला: हिमाचल प्रदेश में बारिश के कहर के बाद अब राजधानी शिमला में पानी का संकट खड़ा हो गया है. पिछले 3 दिनों से हुई भारी बारिश के चलते पेयजल परियोजनाओं में भारी गाद आ गई है. चाबा पेयजल परियोजना का पंप हाउस पानी में डूब गया है, जिसके चलते यहां पर पंपिंग ठप हो गई है. इसके अलावा गिरी और गुम्मा पेयजल परियोजना में भी भारी गाद आ गई है. जिसके चलते बरसात के दिनों में शिमला में पीने के पानी का बड़ा संकट खड़ा हो गया है.

शिमला में नहीं मिल रहा पीने को भी पानी: मिली जानकारी के अनुसार मंगलवार को शिमला में सभी परियोजनाओं से सिर्फ 6 एमएलडी पानी ही पहुंच पाया है. शहर में हर रोज 40 एमएलडी के करीब पानी की जरूरत रहती है. सोमवार को भी किसी भी पेयजल परियोजना से पानी शिमला शहर नहीं पहुंच पाया. जिसके चलते शहर में लोगों को पीने के पानी के लिए परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. शहर में पानी के लिए हाहाकार मचा है. हालांकि जल निगम द्वारा पानी के टैंकरों द्वारा पानी की सप्लाई की जा रही है.

Himachal Water Crisis.
पेयजल परियोजनाओं में जमा हुई गाद.

पानी मुहैया कराने मोर्चे पर उतरे MC मेयर: मंगलवार सुबह ही छोटा शिमला में नगर निगम शिमला के मेयर सुरेंद्र चौहान ने खुद मोर्चा संभाला और पानी के टैंकरों से लोगों को पीने का पानी मुहैया करवाया. इस दौरान सुरेंद्र चौहान खुद बाल्टियां लेकर लोगों के घरों तक पानी पहुंचाते हुए नजर आए. एक बुजुर्ग महिला पानी भरने के लिए टैंकर के पास आई तो सुरेंद्र चौहान ने उनकी बाल्टियों को उठा कर उनके घर तक पहुंचाया.

Himachal Water Crisis.
MC मेयर ने बाल्टियां उठाकर लोगों के घरों तक पहुंचाया पानी.

'मौसम साफ होते ही होगी पानी की सप्लाई': नगर निगम शिमला के मेयर सुरेंद्र चौहान ने कहा कि बीते तीन-चार दिनों से शिमला में भारी बारिश हो रही है. जिसके चलते पेयजल परियोजनाओं में भारी गाद आ गई है और पंपिंग ठप हो चुकी है. जिससे शिमला शहर में पानी की सप्लाई नहीं हो रही है. हालांकि लोगों को पानी के टैंकरों के माध्यम से जरूरत के हिसाब से पानी मुहैया करवाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि मौसम के साफ होते ही पानी की समस्या भी दूर हो जाएगी.

3 दिनों से कई क्षेत्रों में नहीं हुई पानी की सप्लाई: राजधानी शिमला के अधिकतर क्षेत्रों में 3 दिन से पीने के पानी की सप्लाई नहीं हुई है. संजौली, विकासनगर, बीसीएस, लक्कड़ बाजार सहित कई क्षेत्रों में लोग तीन दिन से पानी का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन पानी नहीं आ रहा है. जल निगम द्वारा बुधवार तक नियमित रूप से पानी देने की बात कही जा रही है, लेकिन जिस तरह से पेयजल परियोजनाओं में गाद आई है, उसे देखते हुए आगामी दो दिनों तक शहर में पानी का संकट बना रह सकता है.

Himachal Water Crisis.
शिमला में तीन दिनों से नहीं पहुंची पानी की सप्लाई.

जगह-जगह टूटी पानी की पाइपें: शिमला में हुई बारिश से पेयजल परियोजनाओं में भारी नुकसान हुआ है. जगह जगह पानी की पाइपें टूट गई है जिससे पानी की सप्लाई ठप हो गई है. जल निगम के कर्मचारियों द्वारा पाईप को जोड़ने का कार्य किया जा रहा है. अश्वनी खड़ के समीप पानी की पाइप टूट गई है. इसके अलावा गाद निकलने का कार्य भी शुरू किया गया है.

ये भी पढ़ें: Himachal Water Crisis: लगातार बारिश के बाद शिमला में पीने के पानी का संकट, टैंकरों के सहारे राजधानी, कब तक रहेगी ये किल्लत ?

शिमला में गहराने लगा पीने के पानी का संकट.

शिमला: हिमाचल प्रदेश में बारिश के कहर के बाद अब राजधानी शिमला में पानी का संकट खड़ा हो गया है. पिछले 3 दिनों से हुई भारी बारिश के चलते पेयजल परियोजनाओं में भारी गाद आ गई है. चाबा पेयजल परियोजना का पंप हाउस पानी में डूब गया है, जिसके चलते यहां पर पंपिंग ठप हो गई है. इसके अलावा गिरी और गुम्मा पेयजल परियोजना में भी भारी गाद आ गई है. जिसके चलते बरसात के दिनों में शिमला में पीने के पानी का बड़ा संकट खड़ा हो गया है.

शिमला में नहीं मिल रहा पीने को भी पानी: मिली जानकारी के अनुसार मंगलवार को शिमला में सभी परियोजनाओं से सिर्फ 6 एमएलडी पानी ही पहुंच पाया है. शहर में हर रोज 40 एमएलडी के करीब पानी की जरूरत रहती है. सोमवार को भी किसी भी पेयजल परियोजना से पानी शिमला शहर नहीं पहुंच पाया. जिसके चलते शहर में लोगों को पीने के पानी के लिए परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. शहर में पानी के लिए हाहाकार मचा है. हालांकि जल निगम द्वारा पानी के टैंकरों द्वारा पानी की सप्लाई की जा रही है.

Himachal Water Crisis.
पेयजल परियोजनाओं में जमा हुई गाद.

पानी मुहैया कराने मोर्चे पर उतरे MC मेयर: मंगलवार सुबह ही छोटा शिमला में नगर निगम शिमला के मेयर सुरेंद्र चौहान ने खुद मोर्चा संभाला और पानी के टैंकरों से लोगों को पीने का पानी मुहैया करवाया. इस दौरान सुरेंद्र चौहान खुद बाल्टियां लेकर लोगों के घरों तक पानी पहुंचाते हुए नजर आए. एक बुजुर्ग महिला पानी भरने के लिए टैंकर के पास आई तो सुरेंद्र चौहान ने उनकी बाल्टियों को उठा कर उनके घर तक पहुंचाया.

Himachal Water Crisis.
MC मेयर ने बाल्टियां उठाकर लोगों के घरों तक पहुंचाया पानी.

'मौसम साफ होते ही होगी पानी की सप्लाई': नगर निगम शिमला के मेयर सुरेंद्र चौहान ने कहा कि बीते तीन-चार दिनों से शिमला में भारी बारिश हो रही है. जिसके चलते पेयजल परियोजनाओं में भारी गाद आ गई है और पंपिंग ठप हो चुकी है. जिससे शिमला शहर में पानी की सप्लाई नहीं हो रही है. हालांकि लोगों को पानी के टैंकरों के माध्यम से जरूरत के हिसाब से पानी मुहैया करवाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि मौसम के साफ होते ही पानी की समस्या भी दूर हो जाएगी.

3 दिनों से कई क्षेत्रों में नहीं हुई पानी की सप्लाई: राजधानी शिमला के अधिकतर क्षेत्रों में 3 दिन से पीने के पानी की सप्लाई नहीं हुई है. संजौली, विकासनगर, बीसीएस, लक्कड़ बाजार सहित कई क्षेत्रों में लोग तीन दिन से पानी का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन पानी नहीं आ रहा है. जल निगम द्वारा बुधवार तक नियमित रूप से पानी देने की बात कही जा रही है, लेकिन जिस तरह से पेयजल परियोजनाओं में गाद आई है, उसे देखते हुए आगामी दो दिनों तक शहर में पानी का संकट बना रह सकता है.

Himachal Water Crisis.
शिमला में तीन दिनों से नहीं पहुंची पानी की सप्लाई.

जगह-जगह टूटी पानी की पाइपें: शिमला में हुई बारिश से पेयजल परियोजनाओं में भारी नुकसान हुआ है. जगह जगह पानी की पाइपें टूट गई है जिससे पानी की सप्लाई ठप हो गई है. जल निगम के कर्मचारियों द्वारा पाईप को जोड़ने का कार्य किया जा रहा है. अश्वनी खड़ के समीप पानी की पाइप टूट गई है. इसके अलावा गाद निकलने का कार्य भी शुरू किया गया है.

ये भी पढ़ें: Himachal Water Crisis: लगातार बारिश के बाद शिमला में पीने के पानी का संकट, टैंकरों के सहारे राजधानी, कब तक रहेगी ये किल्लत ?

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