शिमला: हिमाचल प्रदेश में बीते 3 दिन से हो रही बारिश ने बारी तबाही मचाई है. हर तरफ पानी ही पानी है. नदी नाले उफान पर हैं तो पेय जल योजनाएं पूरी तरह से जलमग्न हो गई हैं. जिसके कारण पीने के पानी की किल्लत हो गई है. राजधानी शिमला के लोगों को भी बारिश के बाद इस मुश्किल का सामना करना पड़ राह है.
डूब गए पंपिंग स्टेशन- शिमला की प्यास बुझाने वाली परियोजनाएं भी पूरी तरह पानी में डूब गई हैं. चाबा पेयजल परियोजना का पम्प हाउस पूरी तरह से जलमग्न हो गया है. जिसके चलते इस परियोजना से शिमला के लिए पानी की सप्लाई पूरी तरह से ठप हो गई है इसके अलावा गिरी गुम्मा पेयजल परियोजना में भी गाद आने से पंपिंग ठप हो गई है जिसके कारण शिमला शहर में पानी का संकट पैदा हो गया है.
सोमवार को नहीं आया पानी- लगातार हो रही बारिश के बाद सोमवार को राजधानी शिमला के कई इलाकों में पानी की सप्लाई नहीं हो पाई. जल निगम के मुताबिक सोमवार सुबह सभी परियोजनाओं से केवल 11 एमएलडी पानी ही शिमला में पहुंच पाया था. वही शाम 5 बजे शिमला शहर में किसी भी परियोजना से पानी की सप्लाई नहीं हो पाई, जिसके कारण सोमवार को शहर में कहीं भी लोगों के घरों में पानी नहीं आया. जिसके चलते शहर में लोग पानी के लिए तरस रहे हैं.
अब टैंकरों का सहारा- शिमला शहर को अब एक बार फिर पानी के टैंकरों का ही सहारा है. जल निगम द्वारा पानी के टैंकरों से रिज टैंक से पानी की सप्लाई की जा रही है. उपायुक्त शिमला जल निगम के अधिकारियों के साथ देर शाम पेयजल परियोजनाओं की स्थिति का जायजा लेने के लिए पहुंचे. जल निगम के अधिकारियों का कहना है कि पेयजल परियोजनाओं में गाद और चाबा परियोजना का पंप हाउस जलमग्न होने के चलते शिमला शहर में पानी की सप्लाई नहीं पहुंच पाई है परियोजनाओं में काफी ज्यादा गाद आ गई जिससे पंपिंग प्रभावित हुई है. उनका कहना है कि मंगलवार तक कुछ परियोजनाओं से शिमला के लिए पानी की सप्लाई की जाएगी आज कई क्षेत्रों में टैंकर के माध्यम से ही लोगों को पानी मुहैया करवाया जा रहा है.
गौरतलब है कि ऐसा ही हाल लगभग पूरे प्रदेश का है. क्योंकि लगातार हो रही बारिश के कारण पेयजल परियोजनाओं को नुकसान हुआ है. हिमाचल सरकार के मुताबिक बीते 48 घंटों में हुई तेज बारिश के कारण प्रदेशभर में लगभग 5 हजार पेयजल योजनाएं प्रभावित हुई है. जिससे साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि भारी बारिश के बाद एक तरफ तो हर ओर पानी ही पानी है लेकिन दूसरी तरफ पीने के पानी की किल्लत होने लगी है. जो आने वाले एक या दो दिन और रह सकती है.
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