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Himachal Special Road Tax: बाहरी गाड़ियों पर एसआरटी लगने से हिमाचल का पर्यटन प्रभावित, सीएम सुक्खू ने टैक्स घटाने का लिया फैसला - CM Sukhu on reduce SRT tax

हिमाचल में बाहरी राज्यों के गाड़ियों पर एसआरटी टैक्स लगाने के बाद से पंजाब, हरियाणा सहित अन्य स्टेट की गाड़ियों का आना कम हो गया है. जिससे हिमाचल का पर्यटन कारोबारी प्रभावित हुआ है. ऐसे में होटल एंड टूरिज्म स्टेकहोल्डर्ज एसोसिएशन ने सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू से मुलाकात की. जिसके बाद सीएम ने टैक्स करने का आश्वासन दिया है. (Himachal Special Road Tax) (CM Sukhvinder Sukhu on reduce SRT tax)

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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Oct 20, 2023, 2:41 PM IST

शिमला: हिमाचल में पर्यटक बस, टेम्पो ट्रेवलर और कमर्शियल गाड़ियों पर लगने वाले विशेष पथ कर (एसआरटी) व अन्य करों को पंजाब-हरियाणा सहित अन्य राज्यों के टैक्सी ट्रेवलर्स यूनियन विरोध कर रहे हैं. जिसको लेकर शिमला में होटल एंड टूरिज्म स्टेकहोल्डर्ज एसोसिएशन के प्रतिनिधिमंडल ने सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू से मुलाकात की. इस दौरान प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने सीएम सुक्खू को अपनी समस्या से अवगत कराया. जिसके बाद सीएम सुक्खू ने प्रदेश में पर्यटक बसों, टेम्पो ट्रेवलर्स और वाणिज्यिक वाहनों पर लगने वाले एसआरटी सहित अन्य करों को कम करने का आश्वासन दिया है.

बता दें कि हिमाचल सरकार ने बाहरी राज्यों से आने वाले पर्यटक बस, टेम्पो ट्रेवलर और कमर्शियल गाड़ियों पर 3000 से 6000 रुपए तक टैक्स लगाया है. आपदा से जूझ रही हिमाचल सरकार ने खजाना को भरने के लिए यह कर लगाया है, लेकिन बाहरी राज्यों के टैक्सी-गाड़ी चालक विरोध कर रहे हैं. वहीं, इसकी वजह से राज्य के पर्यटन कारोबार पर भी असर पर रहा है.

  • आज शिमला में होटल्ज़ एंड टूरिज्म स्टेकहोल्डर्ज एसोसिएशन के प्रतिनिधिमंडल ने भेंट की। इस मौके पर उन्होंने अपनी समस्याओं से अवगत करवाया। हम प्रदेश में पर्यटक बसों, टैम्पो ट्रेवलर व वाणिज्यिक पर्यटक वाहनों पर लगने वाले विशेष पथ कर (एसआरटी) व अन्य करों को कम करेंगे। प्रदेश में पर्यटन… pic.twitter.com/4ZK5ZsL6nH

    — Sukhvinder Singh Sukhu (@SukhuSukhvinder) October 19, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

पंजाब-हरियाणा टैक्सी यूनियन द्वारा हिमाचल में लगने वाले स्पेशल रोड टैक्स का विरोध किया जा रहा था. इसको लेकर यूनियन ने हिमाचल की सीमाएं सील करने की चेतावनी दी थी. वहीं, पंजाब-हरियाणा टैक्सी यूनियन ने इस मुद्दे को लेकर पिछले दिनों डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री से मुलाकात की थी. जिसमें अग्निहोत्री ने यूनियन की मांगों पर विचार करने और टैक्स को कम करने का आश्वासन दिया था. जिसके बाद टैक्सी यूनियन ने 15 अक्टूबर को हिमाचल की सीमाएं सील करने के फैसले को वापस ले लिया था.

वहीं, इसको लेकर बीते दिन सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू से होटल एंड टूरिज्म स्टेकहोल्डर्ज एसोसिएशन के प्रतिनिधिमंडल ने मुलाकात की. जिसमें सीएम ने हिमाचल में लगने वाले एसआरटी सहित अन्य टैक्स को कम करने का आश्वासन दिया. इस दौरान सीएम ने कहा हिमाचल प्रदेश में पर्यटन की आधारभूत संरचना को सुदृढ़ किया जा रहा है. सैलानियों की सुविधा के लिए जल्द ही टूरिस्ट हेल्पलाइन शुरू की जाएगी. साथ ही इसे 1100 हेल्पलाइन से जोड़ने पर भी विचार किया जाएगा.

बता दें कि हिमाचल में बाहरी राज्यों की टैक्सी पर अतिरिक्त टैक्स लगाने के सुक्खू सरकार के फैसले का पंजाब, हरियाणा और दिल्ली सहित कई राज्यों के टैक्सी यूनियन ने विरोध जताया था. इन लोगों का कहना था कि वह पहले से ही ऑल इंडिया परमिट को लेकर टैक्स दे रहे हैं. रोड टैक्स दे रहे हैं. ऐसे में हिमाचल में फिर से नया टैक्स देने का क्या मतलब है. वहीं. टैक्सी यूनियन ने उनकी मांग नहीं माने जाने पर हिमाचल की सीमाएं सील करने की चेतावनी भी दी थी.

टैक्सी चालकों का कहना है कि ट्रैवलर रोजाना 4500 से 5000 रुपये तक कमाता है, ऐसे में एक ही दिन का टैक्स ₹5000 टेंपो ट्रैवलर और टैक्सी ऑपरेटर को देना पड़े तो, उनका घर कैसे चलेगा? ऐसे में हिमाचल सरकार को इस फैसले पर विचार करना चाहिए.

ये भी पढ़ें: Himachal Tourism: मनाली से रोहतांग के लिए लग्जरी बस शुरू, सिर्फ ₹700 में करें खूबसूरत वादियों का दीदार, जानें क्या रहेगी टाइमिंग

शिमला: हिमाचल में पर्यटक बस, टेम्पो ट्रेवलर और कमर्शियल गाड़ियों पर लगने वाले विशेष पथ कर (एसआरटी) व अन्य करों को पंजाब-हरियाणा सहित अन्य राज्यों के टैक्सी ट्रेवलर्स यूनियन विरोध कर रहे हैं. जिसको लेकर शिमला में होटल एंड टूरिज्म स्टेकहोल्डर्ज एसोसिएशन के प्रतिनिधिमंडल ने सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू से मुलाकात की. इस दौरान प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने सीएम सुक्खू को अपनी समस्या से अवगत कराया. जिसके बाद सीएम सुक्खू ने प्रदेश में पर्यटक बसों, टेम्पो ट्रेवलर्स और वाणिज्यिक वाहनों पर लगने वाले एसआरटी सहित अन्य करों को कम करने का आश्वासन दिया है.

बता दें कि हिमाचल सरकार ने बाहरी राज्यों से आने वाले पर्यटक बस, टेम्पो ट्रेवलर और कमर्शियल गाड़ियों पर 3000 से 6000 रुपए तक टैक्स लगाया है. आपदा से जूझ रही हिमाचल सरकार ने खजाना को भरने के लिए यह कर लगाया है, लेकिन बाहरी राज्यों के टैक्सी-गाड़ी चालक विरोध कर रहे हैं. वहीं, इसकी वजह से राज्य के पर्यटन कारोबार पर भी असर पर रहा है.

  • आज शिमला में होटल्ज़ एंड टूरिज्म स्टेकहोल्डर्ज एसोसिएशन के प्रतिनिधिमंडल ने भेंट की। इस मौके पर उन्होंने अपनी समस्याओं से अवगत करवाया। हम प्रदेश में पर्यटक बसों, टैम्पो ट्रेवलर व वाणिज्यिक पर्यटक वाहनों पर लगने वाले विशेष पथ कर (एसआरटी) व अन्य करों को कम करेंगे। प्रदेश में पर्यटन… pic.twitter.com/4ZK5ZsL6nH

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पंजाब-हरियाणा टैक्सी यूनियन द्वारा हिमाचल में लगने वाले स्पेशल रोड टैक्स का विरोध किया जा रहा था. इसको लेकर यूनियन ने हिमाचल की सीमाएं सील करने की चेतावनी दी थी. वहीं, पंजाब-हरियाणा टैक्सी यूनियन ने इस मुद्दे को लेकर पिछले दिनों डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री से मुलाकात की थी. जिसमें अग्निहोत्री ने यूनियन की मांगों पर विचार करने और टैक्स को कम करने का आश्वासन दिया था. जिसके बाद टैक्सी यूनियन ने 15 अक्टूबर को हिमाचल की सीमाएं सील करने के फैसले को वापस ले लिया था.

वहीं, इसको लेकर बीते दिन सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू से होटल एंड टूरिज्म स्टेकहोल्डर्ज एसोसिएशन के प्रतिनिधिमंडल ने मुलाकात की. जिसमें सीएम ने हिमाचल में लगने वाले एसआरटी सहित अन्य टैक्स को कम करने का आश्वासन दिया. इस दौरान सीएम ने कहा हिमाचल प्रदेश में पर्यटन की आधारभूत संरचना को सुदृढ़ किया जा रहा है. सैलानियों की सुविधा के लिए जल्द ही टूरिस्ट हेल्पलाइन शुरू की जाएगी. साथ ही इसे 1100 हेल्पलाइन से जोड़ने पर भी विचार किया जाएगा.

बता दें कि हिमाचल में बाहरी राज्यों की टैक्सी पर अतिरिक्त टैक्स लगाने के सुक्खू सरकार के फैसले का पंजाब, हरियाणा और दिल्ली सहित कई राज्यों के टैक्सी यूनियन ने विरोध जताया था. इन लोगों का कहना था कि वह पहले से ही ऑल इंडिया परमिट को लेकर टैक्स दे रहे हैं. रोड टैक्स दे रहे हैं. ऐसे में हिमाचल में फिर से नया टैक्स देने का क्या मतलब है. वहीं. टैक्सी यूनियन ने उनकी मांग नहीं माने जाने पर हिमाचल की सीमाएं सील करने की चेतावनी भी दी थी.

टैक्सी चालकों का कहना है कि ट्रैवलर रोजाना 4500 से 5000 रुपये तक कमाता है, ऐसे में एक ही दिन का टैक्स ₹5000 टेंपो ट्रैवलर और टैक्सी ऑपरेटर को देना पड़े तो, उनका घर कैसे चलेगा? ऐसे में हिमाचल सरकार को इस फैसले पर विचार करना चाहिए.

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