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सचिवालय के बाहर रात भर धरने पर बैठे रहे SMC शिक्षक, CM ने दिया मिलने का समय, शिक्षकों ने कहा- आश्वासन नहीं नीति चाहिए, वरना जहर दे दे सरकार

हिमाचल प्रदेश के एसएमसी शिक्षकों अपनी मांगों को लेकर आज भी सचिवालय के बाहर धरने पर बैठे हैं. बीते दिनों शिक्षा मंत्री और शिक्षकों के बीच हुई बातचीत बेनतीजा रही. वहीं, आज सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज शाम 5 बजे एसएमसी शिक्षकों को मिलने का समय दिया है. (Himachal SMC teachers protest) (SMC teachers protest at Shimla secretariat) (CM Sukhu will meet SMC teachers).

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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Oct 4, 2023, 2:17 PM IST

Updated : Oct 4, 2023, 3:53 PM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश के स्कूलों में एसएमसी के तहत कार्यरत शिक्षकों का सचिवालय के बाहर धरना जारी है. शिक्षकों ने सरकार से नियमितीकरण के लिए नीति बनाने की मांग की है. शिक्षकों ने चेतावनी दी है कि अगर उनके लिए कोई नीति सरकार नहीं बनाती तो सचिवालय के बाहर अनशन पर बैठ जाएंगे. वहीं, अब एसएमसी शिक्षकों को सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज 5 शाम मिलने का समय दिया है. जिससे कोई हल निकलने की उम्मीद जताई जा ही है.

वहीं, एसएमसी शिक्षकों को कहना है कि हमें सरकार से सिर्फ आश्वासन नहीं चाहिए. हमारे नियमितीकरण के लिए कोई ठोस नीति चाहिए. अगर सरकार कोई नीति नहीं बना सकती है तो हमे जहर ही दे दे. उन्होंने कहा प्रदेश में बीते 12 सालों से करीब 2555 शिक्षक स्कूलों में सेवाएं दे रहे हैं. शिक्षकों के लिए कोई नीति आज तक नहीं बनाई गई. जिसको लेकर प्रदेश के स्कूलों में तैनात एसएमसी शिक्षक कल बड़ी संख्या में शिमला में राज्य सचिवालय के बाहर धरना भी प्रदर्शन किया. बीते दिन शिक्षक मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से मिलना चाह रहे थे, लेकिन उनसे मिलने का समय नहीं मिल पाया. जिससे शिक्षक वहीं धरने पर बैठ गए.

इस दौरान शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर एसएमसी शिक्षकों से बातचीत करने लिए बाहर आए. एसएमसी शिक्षक ने मांग की कि उनको नियमित करने के लिए सरकार नीति तैयार करे. इन शिक्षकों का कहना था कि शिक्षा विभाग में जब वाटर कैरियर को 11 साल बाद नियमित कर सकते हैं तो उनको 12 साल के बाद नियमित क्यों नहीं किया जा सकता?. शिक्षकों ने कहा वह मात्र सरकार से आश्वासन नहीं चाह रहे. शिक्षकों ने कहा कि वह अपने घरों से दूर सेवाएं दे रहे हैं और दूर दराज इलाकों में स्कूलों में खाली पड़े पदों पर सेवाएं दे रहे हैं. कई जगह शिक्षक अपने विषयों से अलावा अन्य विषयों को भी पढ़ा रहे हैं. एसएमसी शिक्षक पीटीए, पैट, पैरा और उर्दू-पंजाबी पीरियड आधार पर लगे शिक्षकों की तर्ज पर नियमित नीति की मांग की.

वहीं, शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा सरकार उनकी मांगों पर सहानुभूति पूर्वक विचार कर रही है. सरकार इस बारे में जल्द फैसला लेगी, लेकिन शिक्षक इस बात पर अड़े रहे कि जब तक उनको आश्वासन नहीं मिलता तब तक वे यहां से नहीं जाएंगे. शिक्षक देर रात तक राज्य सचिवालय के बाहर धरने पर बैठे रहे. गौरतलब है कि प्रदेश में करीब 2,555 एसएमसी शिक्षक दूरदराज के स्कूलों में सेवाएं दे रहे हैं. बीते 12 सालों से शिक्षक स्कूलों में तैनात है. इसी तरह 1,300 कम्प्यूटर और हिमाचल के स्कूलों में कंप्यूटर शिक्षक वर्ष 2000 से निजी कंपनी के माध्यम से सेवाएं दे रहे हैं. ये शिक्षक सरकार से नियमितीकरण के लिए नीति तैयार करने की मांग कर रहे हैं.

कम्प्यूटर और एसएमसी शिक्षकों की मांग पर उनके के लिए नीति बनाने को लेकर शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर की अध्यक्षता में कैबिनेट सब कमेटी गठित की गई है, जिसमें पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह और लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह सदस्य हैं. यह कमेटी दोनों वर्गों के शिक्षकों को नीति बनाने को लेकर रिपोर्ट तैयार कर सरकार को देगी. इसके आधार पर सरकार उनके बारे में फैसला लेगी.

हिमाचल प्रदेश एसएमसी शिक्षक संघ के अध्यक्ष सुनील शर्मा ने कहा है कि शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने उनसे मिले, लेकिन कोई ठोस आश्वासन उनकी ओर से नहीं मिला. वहीं मुख्यमंत्री से मिलने का उनको आज समय नहीं मिला. ऐसे में वे आज सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू से मिलेंगे और नियमितीकरण की मांग रखेंगे. उन्होंने कहा कि अगर सरकार ने उनके बारे में कोई फैसला नहीं लिया तो वे अनशन पर बैठेंगे.

ये भी पढ़ें: Solan Zilla Parishad Cadre: नोटिस के बावजूद भी जिला परिषद कैडर कर्मचारी हड़ताल पर बैठे, लटकी कार्रवाई की तलवार

शिमला: हिमाचल प्रदेश के स्कूलों में एसएमसी के तहत कार्यरत शिक्षकों का सचिवालय के बाहर धरना जारी है. शिक्षकों ने सरकार से नियमितीकरण के लिए नीति बनाने की मांग की है. शिक्षकों ने चेतावनी दी है कि अगर उनके लिए कोई नीति सरकार नहीं बनाती तो सचिवालय के बाहर अनशन पर बैठ जाएंगे. वहीं, अब एसएमसी शिक्षकों को सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज 5 शाम मिलने का समय दिया है. जिससे कोई हल निकलने की उम्मीद जताई जा ही है.

वहीं, एसएमसी शिक्षकों को कहना है कि हमें सरकार से सिर्फ आश्वासन नहीं चाहिए. हमारे नियमितीकरण के लिए कोई ठोस नीति चाहिए. अगर सरकार कोई नीति नहीं बना सकती है तो हमे जहर ही दे दे. उन्होंने कहा प्रदेश में बीते 12 सालों से करीब 2555 शिक्षक स्कूलों में सेवाएं दे रहे हैं. शिक्षकों के लिए कोई नीति आज तक नहीं बनाई गई. जिसको लेकर प्रदेश के स्कूलों में तैनात एसएमसी शिक्षक कल बड़ी संख्या में शिमला में राज्य सचिवालय के बाहर धरना भी प्रदर्शन किया. बीते दिन शिक्षक मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से मिलना चाह रहे थे, लेकिन उनसे मिलने का समय नहीं मिल पाया. जिससे शिक्षक वहीं धरने पर बैठ गए.

इस दौरान शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर एसएमसी शिक्षकों से बातचीत करने लिए बाहर आए. एसएमसी शिक्षक ने मांग की कि उनको नियमित करने के लिए सरकार नीति तैयार करे. इन शिक्षकों का कहना था कि शिक्षा विभाग में जब वाटर कैरियर को 11 साल बाद नियमित कर सकते हैं तो उनको 12 साल के बाद नियमित क्यों नहीं किया जा सकता?. शिक्षकों ने कहा वह मात्र सरकार से आश्वासन नहीं चाह रहे. शिक्षकों ने कहा कि वह अपने घरों से दूर सेवाएं दे रहे हैं और दूर दराज इलाकों में स्कूलों में खाली पड़े पदों पर सेवाएं दे रहे हैं. कई जगह शिक्षक अपने विषयों से अलावा अन्य विषयों को भी पढ़ा रहे हैं. एसएमसी शिक्षक पीटीए, पैट, पैरा और उर्दू-पंजाबी पीरियड आधार पर लगे शिक्षकों की तर्ज पर नियमित नीति की मांग की.

वहीं, शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा सरकार उनकी मांगों पर सहानुभूति पूर्वक विचार कर रही है. सरकार इस बारे में जल्द फैसला लेगी, लेकिन शिक्षक इस बात पर अड़े रहे कि जब तक उनको आश्वासन नहीं मिलता तब तक वे यहां से नहीं जाएंगे. शिक्षक देर रात तक राज्य सचिवालय के बाहर धरने पर बैठे रहे. गौरतलब है कि प्रदेश में करीब 2,555 एसएमसी शिक्षक दूरदराज के स्कूलों में सेवाएं दे रहे हैं. बीते 12 सालों से शिक्षक स्कूलों में तैनात है. इसी तरह 1,300 कम्प्यूटर और हिमाचल के स्कूलों में कंप्यूटर शिक्षक वर्ष 2000 से निजी कंपनी के माध्यम से सेवाएं दे रहे हैं. ये शिक्षक सरकार से नियमितीकरण के लिए नीति तैयार करने की मांग कर रहे हैं.

कम्प्यूटर और एसएमसी शिक्षकों की मांग पर उनके के लिए नीति बनाने को लेकर शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर की अध्यक्षता में कैबिनेट सब कमेटी गठित की गई है, जिसमें पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह और लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह सदस्य हैं. यह कमेटी दोनों वर्गों के शिक्षकों को नीति बनाने को लेकर रिपोर्ट तैयार कर सरकार को देगी. इसके आधार पर सरकार उनके बारे में फैसला लेगी.

हिमाचल प्रदेश एसएमसी शिक्षक संघ के अध्यक्ष सुनील शर्मा ने कहा है कि शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने उनसे मिले, लेकिन कोई ठोस आश्वासन उनकी ओर से नहीं मिला. वहीं मुख्यमंत्री से मिलने का उनको आज समय नहीं मिला. ऐसे में वे आज सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू से मिलेंगे और नियमितीकरण की मांग रखेंगे. उन्होंने कहा कि अगर सरकार ने उनके बारे में कोई फैसला नहीं लिया तो वे अनशन पर बैठेंगे.

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Last Updated : Oct 4, 2023, 3:53 PM IST
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