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सचिवालय कर्मचारी संगठन के नवनिर्वाचित पदाधिकारियों ने ली शपथ, कार्यक्रम में सीएम सुक्खू हुए शामिल

Himachal Secretariat Employees Organization: शिमला में आयोजित सचिवालय कर्मचारी संगठन के शपथ ग्रहण समारोह में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने सरकार की नीतियों-कार्यक्रमों को कार्यान्वित करने में कर्मचारियों की महत्त्वपूर्ण भूमिका के बारे में चर्चा की.

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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Nov 22, 2023, 5:51 PM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश सचिवालय सेवाएं कर्मचारी संगठन के नवनिर्वाचित पदाधिकारियों का आज शपथ ग्रहण समारोह हुआ. इस दौरान कार्यक्रम में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू भी मौजूद रहे. इस मौके पर उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की नीतियों व कार्यक्रमों को धरातल पर उतारने में सचिवालय कर्मचारियों की महत्त्वपूर्ण भूमिका है. वर्तमान राज्य सरकार कर्मचारी, महिला और किसानों की हितैषी है. सरकार के गठन के बाद से प्रदेश में जनकल्याण के लिए अनेक निर्णय लिए गए हैं. प्रदेश के 1.36 लाख कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना को लागू किया गया है.

सीएम ने कहा ओपीएस लागू करना हमारी सरकार का संवेदनशील फैसला है. यह निर्णय किसी राजनीतिक लाभ को ध्यान में रखते हुए नहीं लिया गया है. उन्होंने कहा कि अधिकारियों और कर्मचारियों की राज्य के विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका है. लंबे समय तक सेवाएं देने के बाद यदि कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति होने पर निश्चित आय का साधन न हो तो वे सम्मान से जीवनयापन नहीं कर सकते हैं.

सुक्खू ने कहा राज्य सचिवालय मिनी हिमाचल है, जहां सभी जिलों की झलक देखने को मिलती है. सचिवालय में कार्यरत सभी कर्मचारी हमारे परिवार के सदस्य हैं. उन्हें हिमाचल की जनता की आशाओं के अनुरूप कार्य करना होगा. उन्होंने कहा कि सीएम पद संभालने के बाद वह बालिका आश्रम टूटीकंडी गए और अनाथ बच्चों के लिए मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना आरंभ करने का निर्णय लिया. 11 माह के कार्यकाल में वर्तमान सरकार की यह पहली प्रमुख योजना है. इस योजना के तहत अनाथ बच्चों को ‘चिल्ड्रन ऑफ स्टेट’ का दर्जा दिया गया है, जिसमें 27 वर्ष की आयु तक उनकी देख-रेख, उच्च शिक्षा, उन्हें आत्मनिर्भर बनाने तथा गृह निर्माण आदि के लिए राज्य सरकार सहायता प्रदान कर रही है.

वहीं, हिमाचल प्रदेश सचिवालय सेवाएं कर्मचारी संगठन के अध्यक्ष संजीव शर्मा ने सीएम को कर्मचारियों की ओर से हरसंभव सहयोग देने का आश्वासन दिया. साथ ही आपदा के दौरान उनके दृढ़ प्रयासों की सराहना की. उन्होंने कहा मुख्यमंत्री ने लोगों के बीच जाकर उनके दर्द को बांटा और उनकी सेवा की जो पूरे देश के लिए एक मिसाल है. मुख्यमंत्री ने अपनी बचत से 51 लाख रुपये की राशि आपदा राहत कोष में प्रभावितों की मदद के लिए दान में दी.

ये भी पढ़ें: DA के लिए इंतजार करना होगा, कुछ ना कुछ जरूर दूंगा- सीएम सुक्खू

शिमला: हिमाचल प्रदेश सचिवालय सेवाएं कर्मचारी संगठन के नवनिर्वाचित पदाधिकारियों का आज शपथ ग्रहण समारोह हुआ. इस दौरान कार्यक्रम में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू भी मौजूद रहे. इस मौके पर उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की नीतियों व कार्यक्रमों को धरातल पर उतारने में सचिवालय कर्मचारियों की महत्त्वपूर्ण भूमिका है. वर्तमान राज्य सरकार कर्मचारी, महिला और किसानों की हितैषी है. सरकार के गठन के बाद से प्रदेश में जनकल्याण के लिए अनेक निर्णय लिए गए हैं. प्रदेश के 1.36 लाख कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना को लागू किया गया है.

सीएम ने कहा ओपीएस लागू करना हमारी सरकार का संवेदनशील फैसला है. यह निर्णय किसी राजनीतिक लाभ को ध्यान में रखते हुए नहीं लिया गया है. उन्होंने कहा कि अधिकारियों और कर्मचारियों की राज्य के विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका है. लंबे समय तक सेवाएं देने के बाद यदि कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति होने पर निश्चित आय का साधन न हो तो वे सम्मान से जीवनयापन नहीं कर सकते हैं.

सुक्खू ने कहा राज्य सचिवालय मिनी हिमाचल है, जहां सभी जिलों की झलक देखने को मिलती है. सचिवालय में कार्यरत सभी कर्मचारी हमारे परिवार के सदस्य हैं. उन्हें हिमाचल की जनता की आशाओं के अनुरूप कार्य करना होगा. उन्होंने कहा कि सीएम पद संभालने के बाद वह बालिका आश्रम टूटीकंडी गए और अनाथ बच्चों के लिए मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना आरंभ करने का निर्णय लिया. 11 माह के कार्यकाल में वर्तमान सरकार की यह पहली प्रमुख योजना है. इस योजना के तहत अनाथ बच्चों को ‘चिल्ड्रन ऑफ स्टेट’ का दर्जा दिया गया है, जिसमें 27 वर्ष की आयु तक उनकी देख-रेख, उच्च शिक्षा, उन्हें आत्मनिर्भर बनाने तथा गृह निर्माण आदि के लिए राज्य सरकार सहायता प्रदान कर रही है.

वहीं, हिमाचल प्रदेश सचिवालय सेवाएं कर्मचारी संगठन के अध्यक्ष संजीव शर्मा ने सीएम को कर्मचारियों की ओर से हरसंभव सहयोग देने का आश्वासन दिया. साथ ही आपदा के दौरान उनके दृढ़ प्रयासों की सराहना की. उन्होंने कहा मुख्यमंत्री ने लोगों के बीच जाकर उनके दर्द को बांटा और उनकी सेवा की जो पूरे देश के लिए एक मिसाल है. मुख्यमंत्री ने अपनी बचत से 51 लाख रुपये की राशि आपदा राहत कोष में प्रभावितों की मदद के लिए दान में दी.

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