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मौसम की मार! बर्फबारी कम होने से कुफरी में घोड़ा संचालकों का काम ठप, ट्रैक पर घुला कीचड़, पर्यटक निराश

हिमाचल प्रदेश में इस सीजन में कम बर्फबारी होने से पर्यटन कारोबार पर 'ग्रहण' लग गया है. कुफरी में घोड़ा संचालकों की अगर बात करें तो वे खासे परेशान हैं. पढ़ें पूरी खबर... (Shimla Tourism Business) (Himachal Pradesh Tourism) (horse riding in shimla kufri) (tourists in shimla)

Himachal Pradesh Tourism
कुफरी में घोड़ा संचालकों का काम ठप.
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Published : Feb 25, 2023, 4:48 PM IST

कुफरी में घोड़ा संचालकों का काम ठप.

शिमला: हिमाचल प्रदेश में लाखों पर्यटक हर साल घूमने के लिए पहुंचते हैं. खासकर आस-पास के राज्यों के लोगों की घूमने के लिए पहली पसंद शिमला होती है. शिमला आकर लोग मौसम का आनंद तो लेते ही हैं साथ ही में घुड़सवारी का आनंद लेना भी पर्यटक नहीं भूलते. बता दें कि शिमला को अंग्रेजों ने अपनी ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित किया था. शिमला पहाड़ी इलाका भी है ऐसे में रिज तक पहुंचना हो या फिर जाखू मंदिर तक आपको चढ़ाई तो चढ़नी पड़ेगी. ऐसे में थकावट होना भी लाजिमी है. इस थकावट से बचने के लिए अंग्रेज ज्यादातर घोड़ों का इस्तेमाल करते थे. यही चलन आज भी है. अब पर्यटक आते हैं तो घोड़ों पर बैठकर रिज पर घूमना हो या फिर कुफरी में ट्रैक को चढ़ना हो लोग घोड़ों पर बैठना शान समझते हैं.

शिमला और कुफरी आने वाले पर्यटक घोड़े की सवारी जरूर करते हैं. लेकिन इन दिनों कुफरी आ रहे पर्यटक घुड़सवारी करने में ज्यादा रुचि नहीं दिखा रहे. जिसका सीधा असर यहां घुड़सवारी कराने वाले लोगों की जेब पर पड़ रहा है. घुड़सवारी से कई लोगों के घर चलते हैं. इस बार ये मार मौसम की वजह से पड़ी है. दरअसल इस बार शिमला और आस-पास के इलाकों में बर्फबारी कम हुई है जिसके कारण पर्यटक शिमला-कुफरी में ठहरने से ज्यादा ऊपरी इलाकों का रुख कर रहे हैं. बर्फ का दीदार करने वाले पर्यटकों के हाथ यहां मायूसी लग रही है और वो कुल्लू-मनाली जैसे इलाकों में जाना पसंद कर रहे हैं. जिसकी सबसे ज्यादा मार कुफरी के घोड़े वालों पर पड़ी है.

घोड़ा संचालक निराश: स्थानीय घोड़ा संचालकों का कहना है कि इस सीजन में बर्फबारी बहुत कम हुई है ऐसे में टूरिस्ट कुफरी से लौट रहे हैं. क्योंकि सभी पर्यटक बर्फबारी में मजे करने के लिए यहां पहुंचते हैं. लेकिन इस बार बर्फबारी नहीं हुई जिससे पर्यटक भी निराश हैं जिसका सारा असर उनके कारोबार पर पड़ रहा है. घोड़ा संचालकों का कहना है कि पिछले साल के मुकाबले इस सर्दी में कारोबार बिल्कुल ना के बराबर है. हल्की फुल्की बारिश के कारण कुफरी में बर्फ की जगह कीचड़ ने ले ली है जो पर्यटकों को पसंद नहीं आ रहा है.

पर्यटक भी मायूस: वहीं, गुजरात से आए पर्यटकों ने कहा कि हमें पता चला था कि कुफरी में बर्फबारी हो रही है, लेकिन जब यहां पहंचे तो देखा कि इतनी बर्फ नहीं है. ऊपर से पूरे ट्रैक पर गंदगी घुल रखी है. कीचड़ की वजह से साफ सफाई भी नहीं हो रही है. पर्यटकों का कहना है कि शिमला से तो बर्फ नहीं है ऐसे में वे कुल्लू, मनाली घूमने का भी प्लान बना रहे हैं. दरअसल हल्की फुल्की बर्फबारी और बारिश के कारण कुफरी में घोड़ों के ट्रैक पर कीचड़ ही कीचड़ हो गया है. इस कीचड़ से भी पर्यटक परहेज कर रहे हैं और कुछ ही लोग घुड़सवारी का मजा ले रहे हैं. ज्यादातर पर्यटक बर्फ देखने की उम्मीद में यहां आ रहे हैं, उन्हें सर्दी का अहसास तो हो रहा है लेकिन बर्फ की सफेद चादर नहीं है जिसके लिए वो सैंकड़ों किलोमीटर का सफर करके हिमाचल पहुंचे है. ऐसे में ज्यादातर पर्यटक एक दिन शिमला कुफरी में बिताकर उन ऊपरी इलाकों का रुख कर रहे हैं जहां बर्फबारी हो रही है.

मौसम विभाग का अनुमान: मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के निदेशक सुरेंद्र पाल का कहना है कि इस सीजन में बारिश और बर्फबारी की संभावना बेहद कम है. ऐसे में पर्यटकों को शिमला में ज्यादा बर्फबारी देखने को नहीं मिलेगी. पर्यटक ठंडे मौसम का आनंद लेने के लिए शिमला का रुख कर सकते हैं, लेकिन शिमला में इस बार तापमान भी सामान्य से थोड़ा ज्यादा है. मौसम विभाग अनुसार आमतौर पर फरवरी में काफी मजबूत Western Disturbance देखने को मिलते थे, जिस कारण देश के अधिकतर राज्यों में बारिश देखने को मिलती थी, लेकिन इस बार कोई भी मजबूत की जगह कमजोर पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हो रहे हैं. जिसकी वजह से भी तापमान में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. इस कारण न तो मैदानी क्षेत्र में बारिश हुई और न ही पहाड़ों में स्नोफॉल देखने को मिली है.

ये भी पढ़ें- हिमाचल प्रदेश में फरवरी के महीने में ही तपे पहाड़, न्यूनतम Temperature में बढ़ोतरी, मौसम विभाग ने कही ये बात

कुफरी में घोड़ा संचालकों का काम ठप.

शिमला: हिमाचल प्रदेश में लाखों पर्यटक हर साल घूमने के लिए पहुंचते हैं. खासकर आस-पास के राज्यों के लोगों की घूमने के लिए पहली पसंद शिमला होती है. शिमला आकर लोग मौसम का आनंद तो लेते ही हैं साथ ही में घुड़सवारी का आनंद लेना भी पर्यटक नहीं भूलते. बता दें कि शिमला को अंग्रेजों ने अपनी ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित किया था. शिमला पहाड़ी इलाका भी है ऐसे में रिज तक पहुंचना हो या फिर जाखू मंदिर तक आपको चढ़ाई तो चढ़नी पड़ेगी. ऐसे में थकावट होना भी लाजिमी है. इस थकावट से बचने के लिए अंग्रेज ज्यादातर घोड़ों का इस्तेमाल करते थे. यही चलन आज भी है. अब पर्यटक आते हैं तो घोड़ों पर बैठकर रिज पर घूमना हो या फिर कुफरी में ट्रैक को चढ़ना हो लोग घोड़ों पर बैठना शान समझते हैं.

शिमला और कुफरी आने वाले पर्यटक घोड़े की सवारी जरूर करते हैं. लेकिन इन दिनों कुफरी आ रहे पर्यटक घुड़सवारी करने में ज्यादा रुचि नहीं दिखा रहे. जिसका सीधा असर यहां घुड़सवारी कराने वाले लोगों की जेब पर पड़ रहा है. घुड़सवारी से कई लोगों के घर चलते हैं. इस बार ये मार मौसम की वजह से पड़ी है. दरअसल इस बार शिमला और आस-पास के इलाकों में बर्फबारी कम हुई है जिसके कारण पर्यटक शिमला-कुफरी में ठहरने से ज्यादा ऊपरी इलाकों का रुख कर रहे हैं. बर्फ का दीदार करने वाले पर्यटकों के हाथ यहां मायूसी लग रही है और वो कुल्लू-मनाली जैसे इलाकों में जाना पसंद कर रहे हैं. जिसकी सबसे ज्यादा मार कुफरी के घोड़े वालों पर पड़ी है.

घोड़ा संचालक निराश: स्थानीय घोड़ा संचालकों का कहना है कि इस सीजन में बर्फबारी बहुत कम हुई है ऐसे में टूरिस्ट कुफरी से लौट रहे हैं. क्योंकि सभी पर्यटक बर्फबारी में मजे करने के लिए यहां पहुंचते हैं. लेकिन इस बार बर्फबारी नहीं हुई जिससे पर्यटक भी निराश हैं जिसका सारा असर उनके कारोबार पर पड़ रहा है. घोड़ा संचालकों का कहना है कि पिछले साल के मुकाबले इस सर्दी में कारोबार बिल्कुल ना के बराबर है. हल्की फुल्की बारिश के कारण कुफरी में बर्फ की जगह कीचड़ ने ले ली है जो पर्यटकों को पसंद नहीं आ रहा है.

पर्यटक भी मायूस: वहीं, गुजरात से आए पर्यटकों ने कहा कि हमें पता चला था कि कुफरी में बर्फबारी हो रही है, लेकिन जब यहां पहंचे तो देखा कि इतनी बर्फ नहीं है. ऊपर से पूरे ट्रैक पर गंदगी घुल रखी है. कीचड़ की वजह से साफ सफाई भी नहीं हो रही है. पर्यटकों का कहना है कि शिमला से तो बर्फ नहीं है ऐसे में वे कुल्लू, मनाली घूमने का भी प्लान बना रहे हैं. दरअसल हल्की फुल्की बर्फबारी और बारिश के कारण कुफरी में घोड़ों के ट्रैक पर कीचड़ ही कीचड़ हो गया है. इस कीचड़ से भी पर्यटक परहेज कर रहे हैं और कुछ ही लोग घुड़सवारी का मजा ले रहे हैं. ज्यादातर पर्यटक बर्फ देखने की उम्मीद में यहां आ रहे हैं, उन्हें सर्दी का अहसास तो हो रहा है लेकिन बर्फ की सफेद चादर नहीं है जिसके लिए वो सैंकड़ों किलोमीटर का सफर करके हिमाचल पहुंचे है. ऐसे में ज्यादातर पर्यटक एक दिन शिमला कुफरी में बिताकर उन ऊपरी इलाकों का रुख कर रहे हैं जहां बर्फबारी हो रही है.

मौसम विभाग का अनुमान: मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के निदेशक सुरेंद्र पाल का कहना है कि इस सीजन में बारिश और बर्फबारी की संभावना बेहद कम है. ऐसे में पर्यटकों को शिमला में ज्यादा बर्फबारी देखने को नहीं मिलेगी. पर्यटक ठंडे मौसम का आनंद लेने के लिए शिमला का रुख कर सकते हैं, लेकिन शिमला में इस बार तापमान भी सामान्य से थोड़ा ज्यादा है. मौसम विभाग अनुसार आमतौर पर फरवरी में काफी मजबूत Western Disturbance देखने को मिलते थे, जिस कारण देश के अधिकतर राज्यों में बारिश देखने को मिलती थी, लेकिन इस बार कोई भी मजबूत की जगह कमजोर पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हो रहे हैं. जिसकी वजह से भी तापमान में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. इस कारण न तो मैदानी क्षेत्र में बारिश हुई और न ही पहाड़ों में स्नोफॉल देखने को मिली है.

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