शिमला: सुखविंदर सिंह सरकार ने मंगलवार को बड़ा फैसला लेते हुए हमीरपुर कर्मचारी चयन आयोग को भंग कर दिया है. पेपर बिकने का मामला सामने आने के बाद कर्मचारी चयन आयोग को जनवरी में सस्पेंड कर दिया गया था. उसके बाद जांच विजिलेंस को दी गई. विजिलेंस के साथ ही प्रशासनिक जांच की रिपोर्ट आने के बाद सरकार ने सारे मामले का अध्ययन कर अंतत: चयन आयोग को भंग कर दिया गया. नई व्यवस्था होने तक अब चयन आयोग से जुड़े सारे मामले जैसे परीक्षाएं लेना और रिजल्ट आदि निकालने का काम हिमाचल प्रदेश राज्य लोक सेवा आयोग को दिया गया है. चयन आयोग के सारे कर्मचारी सरप्लस पूल में डाल दिए गए हैं. उनसे पूछा गया है कि वे किस विभाग में जाना चाहेंगे. कर्मचारी ऑप्शन देंगे कि वे किस विभाग में जाना चाहेंगे.
मंगलवार को दोपहर को अचानक सचिवालय में मीडिया से कहा गया कि सीएम सुखविंदर सिंह प्रेस से बात करेंगे. सीएम सुखविंदर सिंह अफसरों व मंत्रियों के साथ चर्चा के बाद मीडिया से मुखातिब हुए और जानकारी दी कि सरकार ने कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर को भंग कर दिया है. सीएम ने कहा कि जब किसी संस्था पर अंगुली उठती है और उसकी विश्वसनीयता संदेह में आती है तो भरोसा कायम करना जरूरी है.
हमीरपुर कर्मचारी चयन आयोग में टॉप से लेकर बॉटम तक पेपर बेचने का काम होता था. युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ हो रहा था. ऐसे में चयन आयोग की जगह नई व्यवस्था की जरूरत थी. सीएम ने कहा कि सरकार नेशनल टैस्टिंग एजेंसी का मॉडल स्टडी कर रही है. निकट भविष्य में नई व्यवस्था की जाएगी, तब तक सारा काम राज्य लोक सेवा आयोग देखेगा. सीएम ने कहा कि पहले आयोग को निलंबित कर जांच विजिलेंस व शिक्षा सचिव को सौंपी गई थी. विजिलेंस जांच में दोषी पाए गए लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई है. तीन साल से पेपर बिक रहे थे और कुछ ही लोगों को ये बेचे जा रहे थे.
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