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विशेष न्यायाधीश के फैसले पर हाईकोर्ट की मुहर, तस्कर को भुगतना पड़ेगा 10 साल का कठोर कारावास

विशेष न्यायाधीश किन्नौर स्थित रामपुर बुशहर के फैसले को प्रदेश हाईकोर्ट ने सही ठहराया है. हाईकोर्ट ने अपील खारिज करते हुए दोषी को 10 साल के कठोर कारावास व एक लाख रुपये जुर्माने की सजा पर अपनी मुहर लगा दी.

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट (फाइल फोटो).
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Published : Aug 29, 2019, 3:02 AM IST

शिमला: प्रदेश हाईकोर्ट ने चरस तस्करी के दोषी के लिए विशेष न्यायाधीश किन्नौर स्थित रामपुर बुशहर द्वारा सुनाए गए फैसले को सही ठहराया है. प्रदेश हाईकोर्ट ने 2 किलो चरस के साथ पकड़े रामनगर गड़रिया मुहल्ला जिला करनाल हरियाणा के संदीप कुमार को सुनाई गई 10 साल के कठोर कारावास व एक लाख रुपये जुर्माने की सजा पर अपनी मुहर लगा दी.

न्यायाधीश धर्म चंद चौधरी व न्यायाधीश ज्योत्स्ना रिवाल दुआ की खण्डपीठ ने विशेष न्यायाधीश किन्नौर स्थित रामपुर बुशहर के 31 मार्च 2017 के फैसले को जायज ठहराते हुए उसकी अपील खारिज कर दी. मामले के अनुसार 24 फरवरी 2010 को कुल्लू पुलिस निरमंड तहसील के तहत पिपलधार के पास नाकाबंदी कर रही थी. पुलिस की टीम द्वारा शाम सात बजे दोषी को रोकने पर वो घबरा गया और मौके से भागने की नाकाम कोशिश भी की.

तलाशी लेने पर संदीप कुमार के बैग से दो किलो चरस बरामद की गई. पुलिस द्वारा एनडीपीएस अधिनियम की धारा 20 के तहत मामला दर्ज कर संदीप कुमार उर्फ सोनू के खिलाफ मुकदमा चलाया गया. निचली अदालत ने अभियोजन पक्ष की दलीलों और मामले के साक्ष्यों को दोष साबित करने के लिए पर्याप्त मानते हुए उसे 10 साल के कठोर कारावास व एक लाख रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई, जिसे अब हाईकोर्ट ने भी सही ठहराया है.

शिमला: प्रदेश हाईकोर्ट ने चरस तस्करी के दोषी के लिए विशेष न्यायाधीश किन्नौर स्थित रामपुर बुशहर द्वारा सुनाए गए फैसले को सही ठहराया है. प्रदेश हाईकोर्ट ने 2 किलो चरस के साथ पकड़े रामनगर गड़रिया मुहल्ला जिला करनाल हरियाणा के संदीप कुमार को सुनाई गई 10 साल के कठोर कारावास व एक लाख रुपये जुर्माने की सजा पर अपनी मुहर लगा दी.

न्यायाधीश धर्म चंद चौधरी व न्यायाधीश ज्योत्स्ना रिवाल दुआ की खण्डपीठ ने विशेष न्यायाधीश किन्नौर स्थित रामपुर बुशहर के 31 मार्च 2017 के फैसले को जायज ठहराते हुए उसकी अपील खारिज कर दी. मामले के अनुसार 24 फरवरी 2010 को कुल्लू पुलिस निरमंड तहसील के तहत पिपलधार के पास नाकाबंदी कर रही थी. पुलिस की टीम द्वारा शाम सात बजे दोषी को रोकने पर वो घबरा गया और मौके से भागने की नाकाम कोशिश भी की.

तलाशी लेने पर संदीप कुमार के बैग से दो किलो चरस बरामद की गई. पुलिस द्वारा एनडीपीएस अधिनियम की धारा 20 के तहत मामला दर्ज कर संदीप कुमार उर्फ सोनू के खिलाफ मुकदमा चलाया गया. निचली अदालत ने अभियोजन पक्ष की दलीलों और मामले के साक्ष्यों को दोष साबित करने के लिए पर्याप्त मानते हुए उसे 10 साल के कठोर कारावास व एक लाख रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई, जिसे अब हाईकोर्ट ने भी सही ठहराया है.

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himachal pradesh highcourt dismisses appeal of Charas smuggler


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