शिमला: यदि किसी कंडक्टर को बुकिंग क्लर्क के पद पर भेजा जाता है तो इससे कंडक्टर की इंस्पेक्टर के रूप में प्रमोशन का हक खत्म नहीं होता है. हाई कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति विवेक सिंह ठाकुर ने इस संदर्भ में एक अहम व्यवस्था दी है. न्यायमूर्ति विवेक सिंह ठाकुर ने कंडक्टर प्रताप चंद व अन्य प्रार्थियों की तरफ से दाखिल की गई याचिकाओं का निपटारा करते हुए हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम प्रबंधन को आदेश जारी किए हैं कि वो प्रार्थियों को कंडक्र्स की सीनियोरिटी लिस्ट पुन: शामिल कर तमाम सेवा लाभ दिए जाएं.
याचिका में दिए तथ्यों के अनुसार प्रार्थीगण जो कंडक्टर्स के पद पर कार्य कर रहे थे, उन्हें बुकिंग क्लर्क के पद पर स्थानांतरित कर दिया गया. बाद में उन्हें इंस्पेक्टर के पद पर प्रमोशन के लाभ से उन्हें केवल इस कारण वंचित कर दिया गया कि बुकिंग क्लर्क के लिए प्रमोशन का कोई प्रावधान नहीं रखा गया है. प्रार्थियों की दलील थी कि उनका कंडक्टर के पद पर पुन आने का अधिकारी है, क्योंकि बुकिंग क्लर्क के पद पर उनकी प्रमोशन नहीं हुई है और उन्हें ताजा नियुक्ति की श्रेणी में शामिल नहीं किया जा सकता है. कुछ प्रार्थियों ने तो बुकिंग क्लर्क के पद पर दिए गए विकल्प को भी वापस ले लिया था और उन्हें सीनियर कंडक्टर के पद पर पुन: समायोजित कर लिया गया था.
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प्रार्थियों ने उन्हीं की तरह स्थानन्तरित बुकिंग क्लर्क के कई मामलों का हवाला देते हुए उन्हें इंस्पेक्टर के पद पर प्रमोशन देने की गुहार लगाई थी जिन्होंने कंडक्टर के पद पर वापस जाने का विकल्प दिया था. अदालत ने प्रार्थियों की दलीलों से सहमति जताते हुए उन्हें कंडक्टर की सीनियोरिटी लिस्ट में समायोजित करने के बाद उन्हें उनकी वरिष्ठता के आधार पर इंस्पेक्टर के पद पर तय तारीख से प्रमोशन लाभ दिए जाने के आदेश पारित कर दिए. कोर्ट ने प्रदेश पथ परिवहन निगम को यह भी आदेश जारी किया कि वह भर्ती एवं प्रमोशन नियमों में संशोधन करे. साथ ही बुकिंग क्लर्क व अड्डा कंडक्टरों को भी इंस्पेक्टर के पद पर प्रमोशन का लाभ दिए जाने का प्रावधान बनाए, जिनका वेतनमान कंडक्टरों के समान होने के बावजूद भी उन्हें प्रमोशन के लाभ से वंचित किया गया है.
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