शिमला: हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने जेओए आईटी पेपर लीक मामले में नितिन आजाद की जमानत याचिका को खारिज कर दिया. हाई कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति सुशील कुकरेजा ने अपने निर्णय में कहा कि नितिन आजाद के खिलाफ गंभीर आरोप है, इस कारण फिलहाल उसका यूं जमानत पर छोड़ा जाना कानूनी तौर पर वाजिब नहीं होगा. अभियोजन पक्ष के अनुसार, आरोपी नितिन आजाद के खिलाफ पुलिस थाना सतर्कता हमीरपुर में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 7ए, 8, 12 और 13(1) (ए) और भारतीय दंड संहिता की धारा 420, 201 और 120बी के तहत मामला दर्ज किया गया है.
प्रश्न पत्र के लिए ढाई लाख रुपये में की गई थी सौदेबाजी: दरअसल,अभिलाष कुमार की शिकायत पर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज किया है. पुलिस को शिकायत की गई कि संजीव कुमार उर्फ संजय ने उसे जेओए (आईटी), पोस्ट कोड संख्या 965 की परीक्षा के पेपर चार लाख रुपये में बेचने की बात कही थी. उसके बाद शिकायतकर्ता ने संजीव कुमार उर्फ संजय की बातचीत रिकॉर्ड करनी शुरू कर दी. उसके बाद प्रश्न पत्र के लिए कीमत पर ढाई लाख रुपये में सौदेबाजी की गई.
जानकारी के अनुसार, प्रश्न पत्र के लिए संजीव कुमार ने शिकायतकर्ता का परिचय निखिल नाम के व्यक्ति से करवाया. इसके बाद संजीव कुमार और निखिल ने प्रश्नपत्र और उत्तर कुंजी उपलब्ध कराने की पेशकश की. पुलिस ने मामले की जांच के बाद संजीव कुमार उर्फ संजय, निलहिल, नीरज और उमा आज़ाद को गिरफ्तार किया. मामले की आगामी जांच में नितिन आरोपी पाया गया और उसके खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया.
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