शिमला: होटल वाइल्ड फ्लावर हॉल पर सरकार के कब्जे को लेकर चल रहे विवाद में मंगलवार को हाइकोर्ट में सुनवाई हुई. जहां सरकार की ओर से अदालत में लिखित में अपना जवाब पेश किया. अब मामले की अगली सुनवाई शुक्रवार 24 नवंबर को होगी.
हिमाचल के एडवोकेट जनरल अनूप रतन ने बताया कि हिमाचल सरकार जो बात अब तक मौखिक रूप से कर रही थी वही बात लिखित में सरकार ने कोर्ट को बताया है कि प्रदेश सरकार इस प्रॉपर्टी को रिज्यूम करना चाहती है. उन्होंने बताया कि ये जवाब सरकार के एग्जिक्यूटिव ऑर्डर पर स्टे लगाने वाले ऑर्डर के जवाब में ही सरकार की ओर से जवाब दायर किया गया है.
"सरकार ने कोर्ट को बताया कि अवार्ड की शर्तों और डायरेक्शन को कंपनी ने पूरा नहीं किया. इसलिये हिमाचल सरकार आज की स्थिति में इस प्रॉपर्टी को रिज्यूम करना चाहती है और सरकार कोई भी ऑप्शन के बारे में नहीं सोच रही है"- अनूप रतन, एडवोकेट जनरल
क्या है मामला- दरअसल शनिवार 19 नवंबर को हिमाचल की राजधानी शिमला के पास होटल वाइल्ड फ्लावर हॉल को सरकार ने कब्जे में लेने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया था. 18 नवंबर को सरकार की ओर से इस संदर्भ में एक एग्जीक्यूटिव ऑर्डर भी जारी किया था. सरकार के प्रतिनिधि कब्जे की प्रक्रिया को लेकर होटल पहुंचे थे लेकिन उसी दिन हाइकोर्ट ने सरकार के आदेश पर रोक लगा दी थी. जिसपर कोर्ट ने 21 नवंबर को सुनवाई की तारीख रखी थी.
मुख्यमंत्री ने क्या कहा था- इससे पहले मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने भी इस मामले पर सरकार का मजबूत पक्ष रखते हुए कहा था कि सरकार अपना हक लेकर रहेगी, चाहे इसके लिए कोई भी कदम उठाने पड़ें.
"सरकार अपना हक लेकर रहेगी. बीते 22 साल से होटल को लेकर कोर्ट में लड़ाई लड़ी जा रही है. बीते इतने सालों में लीज का एक भी पैसा हिमाचल को नहीं मिला है, हम अपनी संपदा को ऐसे नहीं लुटने देंगे और अपने हक के लिए कानूनी लड़ाई भी लड़ेंगे और राजनीतिक मोर्चे पर भी लड़ेंगे". - सुखविंदर सिंह सुक्खू, मुख्यमंत्री, हिमाचल प्रदेश
ईस्ट इंडिया होटल कंपनी के साथ हिमाचल सरकार का ज्वाइंट वेंचर साइन किया था. यहां एक पांच सितारा होटल का निर्माण होना था. दोनों पक्षों के बीच हिस्सेदारी भी तय हो गई थी लेकिन मामला सालों से कोर्ट में लटका है. वाइल्ड फ्लावर हॉल होटल मामला जानने के लिए नीचे दिए लिंक पर क्लिक करें.
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