ETV Bharat / state

यौन उत्पीड़न के आरोपी वेटरनरी डॉक्टर को अंतरिम अग्रिम जमानत, हाई कोर्ट ने सरकार से तलब की स्टेट्स रिपोर्ट

author img

By

Published : Jan 30, 2023, 9:56 PM IST

Updated : Jan 31, 2023, 6:13 AM IST

हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने यौन उत्पीड़न के आरोपी पशुपालन विभाग के वेटरनरी डॉक्टर को अंतरिम अग्रिम जमानत प्रदान कर दी है. मामले के अनुसार जिला बिलासपुर के पशु अस्पताल बरोटा में कार्यरत चिकित्सक सुमित चंदेल पर एक महिला कर्मचारी ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया गया था. महिला कर्मचारी की शिकायत पर जिला बिलासपुर के पुलिस थाना भराड़ी में भारतीय दंड संहिता की धारा 354, 366, और 341 के तहत प्राथमिकी यानी एफआईआर दर्ज की गई थी. पढ़ें पूरा मामला...

Himachal Pradesh High Court
हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट (फाइल फोटो).

शिमला: हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने यौन उत्पीड़न के आरोपी पशुपालन विभाग के वेटरनरी डॉक्टर को अंतरिम अग्रिम जमानत प्रदान कर दी है. वेटरनरी डॉक्टर पर एक महिला कर्मचारी ने यौन उत्पीड़न की आरोप लगाया था. हाई कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति सुशील कुकरेजा ने इस मामले की जांच में जुटे अधिकारी को आदेश दिए हैं कि वह 50 हजार रुपये के मुचलके पर याचिकाकर्ता को जमानत पर रिहा करे. अदालत ने राज्य सरकार को नोटिस जारी कर इस मामले में स्टेटस रिपोर्ट तलब की है. मामले की आगामी सुनवाई 9 फरवरी को निर्धारित की गई है.

मामले के अनुसार जिला बिलासपुर के पशु अस्पताल बरोटा में कार्यरत चिकित्सक सुमित चंदेल पर एक महिला कर्मचारी ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया गया था. महिला कर्मचारी की शिकायत पर जिला बिलासपुर के पुलिस थाना भराड़ी में भारतीय दंड संहिता की धारा 354, 366, और 341 के तहत प्राथमिकी यानी एफआईआर दर्ज की गई थी. वहीं, चिकित्सक ने हाई कोर्ट में अपनी याचिका में दलील दी है कि उसके खिलाफ झूठी शिकायत की गई है. शिकायतकर्ता भी उसी अस्पताल में कार्यरत है, जहां याचिकाकर्ता चिकित्सक तैनात है. बीमार पशु के उपचार को लेकर उसे देखने के लिए दोनों को कई बार एक साथ गांव जाना पड़ता है. शिकायतकर्ता अपनी ड्यूटी करने में कोताही बरतती है और बीमार पशुओं को देखने के लिए नहीं आती.

याचिकाकर्ता चिकित्सक ने बताया कि वो उसे ऐसा करने से रोकता रहा है. इसी बात का बदला लेने के लिए उसने याचिकाकर्ता के खिलाफ झूठे आरोप लगाए हैं. याचिकाकर्ता ने दलील दी कि वह स्थानीय निवासी है और पुलिस जांच में हमेशा सहयोग देगा. उसने मर्यादा में रहते हुए अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए शिकायतकर्ता को निर्देश दिए थे. वहीं, चिकित्सक ने ये भी कहा है कि उसके द्वारा महिला कर्मचारी को निर्देश देने से आहत होकर उसने याचिकाकर्ता के खिलाफ झूठे आरोप लगाए हैं. याचिकाकर्ता ने अदालत से गुहार लगाई है कि उसे जमानत पर रिहा किया जाए. अदालत ने याचिकाकर्ता को अंतरिम अग्रिम जमानत देते हुए पुलिस जांच में सहयोग देने के आदेश दिए हैं.

ये भी पढ़ें- डिप्टी सीएम के निर्देश पर पंचायत सचिव की ट्रांसफर, हिमाचल हाईकोर्ट ने लगाई रोक, मांगा जवाब

शिमला: हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने यौन उत्पीड़न के आरोपी पशुपालन विभाग के वेटरनरी डॉक्टर को अंतरिम अग्रिम जमानत प्रदान कर दी है. वेटरनरी डॉक्टर पर एक महिला कर्मचारी ने यौन उत्पीड़न की आरोप लगाया था. हाई कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति सुशील कुकरेजा ने इस मामले की जांच में जुटे अधिकारी को आदेश दिए हैं कि वह 50 हजार रुपये के मुचलके पर याचिकाकर्ता को जमानत पर रिहा करे. अदालत ने राज्य सरकार को नोटिस जारी कर इस मामले में स्टेटस रिपोर्ट तलब की है. मामले की आगामी सुनवाई 9 फरवरी को निर्धारित की गई है.

मामले के अनुसार जिला बिलासपुर के पशु अस्पताल बरोटा में कार्यरत चिकित्सक सुमित चंदेल पर एक महिला कर्मचारी ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया गया था. महिला कर्मचारी की शिकायत पर जिला बिलासपुर के पुलिस थाना भराड़ी में भारतीय दंड संहिता की धारा 354, 366, और 341 के तहत प्राथमिकी यानी एफआईआर दर्ज की गई थी. वहीं, चिकित्सक ने हाई कोर्ट में अपनी याचिका में दलील दी है कि उसके खिलाफ झूठी शिकायत की गई है. शिकायतकर्ता भी उसी अस्पताल में कार्यरत है, जहां याचिकाकर्ता चिकित्सक तैनात है. बीमार पशु के उपचार को लेकर उसे देखने के लिए दोनों को कई बार एक साथ गांव जाना पड़ता है. शिकायतकर्ता अपनी ड्यूटी करने में कोताही बरतती है और बीमार पशुओं को देखने के लिए नहीं आती.

याचिकाकर्ता चिकित्सक ने बताया कि वो उसे ऐसा करने से रोकता रहा है. इसी बात का बदला लेने के लिए उसने याचिकाकर्ता के खिलाफ झूठे आरोप लगाए हैं. याचिकाकर्ता ने दलील दी कि वह स्थानीय निवासी है और पुलिस जांच में हमेशा सहयोग देगा. उसने मर्यादा में रहते हुए अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए शिकायतकर्ता को निर्देश दिए थे. वहीं, चिकित्सक ने ये भी कहा है कि उसके द्वारा महिला कर्मचारी को निर्देश देने से आहत होकर उसने याचिकाकर्ता के खिलाफ झूठे आरोप लगाए हैं. याचिकाकर्ता ने अदालत से गुहार लगाई है कि उसे जमानत पर रिहा किया जाए. अदालत ने याचिकाकर्ता को अंतरिम अग्रिम जमानत देते हुए पुलिस जांच में सहयोग देने के आदेश दिए हैं.

ये भी पढ़ें- डिप्टी सीएम के निर्देश पर पंचायत सचिव की ट्रांसफर, हिमाचल हाईकोर्ट ने लगाई रोक, मांगा जवाब

Last Updated : Jan 31, 2023, 6:13 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.