शिमला: हिमाचल प्रदेश स्वास्थ्य विभाग 25 नवंबर से 27 दिसंबर के बीच कोरोना वायरस, तपेदिक, कुष्ठ रोग, शुगर और उच्च रक्तचाप के रोगियों की पहचान करने के लिए घर-घर सर्वेक्षण करेगा. प्रदेश सरकार ने इसके लिए 8,000 टीमों का गठन किया है. टीम में दो सदस्य होंगे जो घर-घर जाकर कोरोना मरीजों की पहचान करेंगे. अभियान का शुभारंभ 24 नवंबर को शिमला के रिज मैदान से होगा. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर भी कार्यक्रम में मौजूद रहेंगे.
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण सचिव अमिताभ अवस्थी ने बताया कि कोरोना महामारी से निपटने के लिए प्रदेश सरकार सभी आवश्यक निवारक एवं उपचारात्मक कदम उठा रही है और अब प्रदेश में जांच क्षमता बढ़ाई गई है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में अब तक 4,87,284 मामलों की जांच की गई है. जिनमें से 33,951 मामलों की रिपोर्ट पाॅजिटिव पाई गई है. प्रदेश में पाॅजिटिव मामलों की दर 6.5 प्रतिशत है.
लोगों से रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए नियमित सुरक्षित व्यवहार को अपनाने और कोई भी लक्षण प्रकट होने पर भम्रित अथवा घबराए बगैर कोविड-19 की जल्द से जल्द जांच सुनिश्चित करवाने का आग्रह किया ताकि संक्रमण की संभावनाओं को नियंत्रित किया जा सके और जांच रिपोर्ट पाॅजिटिव आने की स्थिति में स्वयं को आइसोलेट किया जा सके. उन्होंने बुखार, खांसी, जुकाम या सांस की समस्या में हेल्पलाइन नम्बर 104 से संपर्क करने या ई-संजीवनी ओपीडी सेवा का लाभ उठाने के लिए कहा.
हिमाचल में कोरोना का हाल
हिमाचल में अब तक कुल संक्रमितों का आंकड़ा 33,951 हो गया है. मौजूदा समय में हिमाचल प्रदेश में एक्टिव केस की संख्या 6,662 है, जबकि कोरोना से 524 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. प्रदेश में कोरोना को लेकर स्थिति खराब होती जा रही है. हर रोज मामलों में बढ़ोतरी ही दर्ज की जा रही है. सूबे के लिए अगले दो महीने चुनौती भरे रहने वाले हैं. डॉक्टरों का भी मानना है कि दिसंबर और जनवरी में कोरोना को लेकर हालात और खराब हो सकते हैं.
अब एक बार फिर घर-घर जाकर कोरोना मरीजों की पहचान करना कोरोना पर रोकथाम के लिए मददगार साबित हो सकता है. इससे पहले भी सरकार ने एक्टिव केस फाइंडिंग अभियान चलाया था, जिसके परिणाम काफी अच्छे रहे थे.
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