शिमलाः कोरोना के इस संकट के समय में पूरा विश्व एकजुट होकर लड़ रहा है. छोटे पहाड़ी राज्य हिमाचल के हिस्से भी विदेश से मदद आई है. दुनिया भर के करीब 15 देशों से आई मदद हिमाचल भी पहुंची है. इसमें ऑक्सीजन सिलेंडर, ऑक्सीजन कॉन्स्ट्रेटर, पिपीई किट, मास्क और अन्य सामान शामिल है.
शिमला के उपनगर कसुम्पटी में स्थित स्वास्थ्य निदेशालय में अधिकारी व कर्मचारी सहित श्रमिक दिन-रात सामान उतारने व आगे संस्थानों तक पहुंचाने में जुटे हैं. इस मुहिम में जिम्मेदारी नोडल अधिकारी डॉ. रमेश चंद ने ईटीवी भारत से हिमाचल को मिल रही मदद और इस सामान के सदुपयोग सहित अन्य पहलुओं पर खास बातचीत की.
विदेशों से मिलने वाली मदद होगी लाभकारी सिद्ध
नोडल अधिकारी डॉ. रमेश ने बताया कि कोरोना के इस समय में विदेशों से बहुत मदद मिल रही है जो लाभकारी सिद्ध हो रही है. उनका कहना था कि इस कोविड के दौर में विदेशों से ऑक्सीजन सिलेंडर, मास्क, वेंटिलेटर मिल रहे हैं जो बहुत महत्वपूर्ण हैं. उन्होंने बताया कि विदेशों से पूरे भारत के लिए मदद भेजी जा रही है. उनका कहना था कि हिमाचल में बेशक ऑक्सीजन की अभी कमी नहीं है, लेकिन जैसे-जैसे मामले बढ़ रहे हैं ऑक्सीजन की कमी हो सकती थी. सिलेंडर भी कम पड़ सकते थे लेकिन विदेशों से आए ऑक्सीजन सिलेंडर संजीवनी साबित हो रहे हैं.
हिमाचल को इन देशों से मिली मदद
उन्होंने कहा कि निदेशालय से पूरे हिमाचल के लिए सामान भेजा जाता है. उन्होंने कहा कि ये मदद लाभकारी सिद्ध हो रही है. इस देश से ये मिली कोरोना सामग्री फिनलैंड से 96 बड़े ऑक्सीजन सिलेंडर, 25,000 विटीएम, कजाकिस्तान से मास्क व पीपीई किट, सिंगापुर से 288 छोटे बड़े ऑक्सीजन सिलेंडर, साउथ कोरिया से 25,000 रैपिड टेस्टिंग किट्स, स्विट्जरलैंड से 50 वेंटिलेटर, स्पेन से 41 वेंटिलेटर, कनाडा से 20 वेंटिलेटर, एजिप्ट से 10 बसें आईसीयू वेंटिलेटर, इंग्लैंड से 350 बड़े ऑक्सीजन सिलेंडर,
कुवैत से 283 छोटे-बड़े ऑक्सीजन के सिलेंडर, कोरिया से 100 छोटे ऑक्सीजन सिलेंडर, ताइवान से 185 ऑक्सीजन सिलेंडर, अमेरिका से 596 रेमडेसिविर इंजेक्शन, 80,000 मास्क राजधानी शिमला पहुंचे हैं.
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