शिमला: हिमाचल प्रदेश में नशे के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. खासकर युवा वर्ग नशे के चंगुर में फंस रहे हैं. वहीं, स्कूली बच्चे भी नशीले पदार्थों का सेवन करने में पीछे नहीं हैं. ऐसे में नशे के इस काले कारोबार को रोकने के लिए हिमाचल पुलिस ने प्रधाव् अभियान शुरू किया है. इसी कड़ी में हिमाचल प्रदेश पुलिस के राज्य गुप्तचर विभाग ने पुलिस मुख्यालय में शनिवार को एक सेमिनार का आयोजन किया. जिसमें नशे से छुटकारा पाने और उसके दुष्प्रभाव पर चर्चा की गई. इस कार्यक्रम में हिमाचल के शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की. वहीं, डीजीपी संजय कुंडू भी इस दौरान उनके साथ मौजूद रहे.
आयोजन में राज्य के प्रमुख शिक्षण संस्थानों के छात्रों की भागीदारी भी रही. जिनमें आईआईटी मंडी, आईआईएम सिरमौर, शूलिनी विश्वविद्यालय, चितकारा विश्वविद्यालय, राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय, डिग्री कॉलेज संजौली, आरकेएमवी, कोटशेरा कॉलेज, सेंट बीड्स कॉलेज, हिमाचल प्रदेश विशवविद्यालय के समाजशास्त्र, मनोविज्ञान और कानून विभाग के प्रतिभागियों ने भाग लिया. प्रतिभागियों ने उद्देश्यों को प्राप्त करने के सर्वोत्तम तरीकों पर विचार किया और रणनीतियां प्रदान की जिन्हें परिष्कृत करने और उनकी प्रयोज्यता का आकलन करने के लिए खुली चर्चा के लिए रखा गया.
इस दौरान अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक, राज्य गुप्तचर विभाग, सतवंत अटवाल त्रिवेदी ने युवाओं से नशीली दवाओं के दुरुपयोग पर सत्र के दौरान अपने विचारों के बारे में 'खुला और स्पष्ट रहने का आग्रह किया. उन्होंने पूरे अभियान की रूपरेखा के बारे में भी सभी को बताया. वहीं, डीजीपी संजय कुंडू ने कहा कि प्रदेश के युवाओं में मादक पदार्थ विशेष रूप से कृत्रिम नशीले पदार्थ जैसे हेरोइन, चिट्टा आदि के नशे की बढ़ती प्रवृति के को लेकर राज्य सरकार चिंतित है. जिसके लिए हिमाचल पुलिस ने एक अभियान शुरू किया है, जिसे प्रधाव् 'Wipe Out Drugs' नाम दिया गया है.
उन्होंने कहा कि "भारत सरकार के एक सर्वेक्षण के अनुसार, 2019 में देश में 7 करोड़ नशे से पीड़ित व्यक्ति थे. यह संख्या आने वाले वर्षों में काफी बढ़ सकती है, जो देश के विकास के लिए हानिकारक होगी. उन्होंने व्यक्तिगत प्रयासों पर ध्यान केंद्रित करने के बजाये समस्या से लड़ने के लिए एक प्रणालीगत तंत्र के महत्व पर बल दिया. उन्होंने उम्मीद जताई कि हिमाचल प्रदेश पंजाब की तरह अपनी एक युवा पीड़ी को खोने नहीं देगी. उन्होंने कहा कि नशे से छुटकारा पाने के लिए एक ऑनलाइन पोर्टल खुलेगा. जिसमें युवा अपने सुझाव दे सकेंगे.
वहीं, इस दौरान शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने "प्रधाव्" के आधिकारिक LOGO का उद्धघाटन किया और इस अभियान की घोषणा की. उन्होंने नशीली दवाओं के दुरुपयोग से लड़ने के लिए एक ठोस नीति बनाने के महत्व पर प्रकाश डाला और समाज के हर वर्ग को इस समस्या को जड़ से खत्म करने के लिए उत्साह के साथ काम करने के लिए आग्रह किया. उन्होंने नशे के प्रति सरकार की 'जीरो टॉलरेंस नीति' को दोहराया. उन्होंने कहा कि नशे से दुरुपयोग से लड़ने की जिम्मेदारी केवल एक विभाग को नहीं दी जा सकती है, बल्कि इसके लिए विभिन्न विभागों को ठोस प्रयास करने होंगे.
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