शिमलाः किसान आंदोलन के समर्थन में हिमाचल के विख्यात कवि अवतार एनगिल ने अकादमी सम्मान लौटाने का ऐलान किया है. उन्होंने इस बारे में कला संस्कृति और भाषा अकादमी के सचिव को पत्र भी लिखा है. इस विषय पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने जवाब दिया है.
उन्होंने कहा कि अकादमी सम्मान लौटाने को लेकर अभी उनके पास जानकारी नहीं आई है. ईटीवी से ही उन्हें यह सूचना मिल रही है. सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि वह पूरी बात का पता लगाएंगे और उसके बाद ही इस विषय पर कुछ कहा जा सकता है.
हिमाचल कला संस्कृति व भाषा अकादमी से अकादमी मिला है सम्मान
उल्लेखनीय है कि हिंदी के विख्यात कवि अवतार एनगिल को उनकी रचनाओं पर दो बार हिमाचल कला संस्कृति व भाषा अकादमी से अकादमी सम्मान मिल चुका है. बुजुर्ग कवि अवतार एनगिल इन दिनों विदेश में हैं.
उन्होंने अमेरिका से एक संक्षिप्त पत्र में अकादमी सचिव को पत्र लिखा है कि केंद्र सरकार और किसानों के बीच गतिरोध जारी है. जिस तरह से जनता की आवाज को दबाया जा रहा है, उसके विरोध में दोनों अकादमी सम्मान वह लौटाते हैं.
1 जनवरी को अमेरिका से लिखा पत्र
अवतार एनगिल ने पहली जनवरी को अमेरिका से यह पत्र लिखा है. उन्होंने इसे अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर भी पोस्ट किया है. अवतार एनगिल अध्यापक रह चुके हैं और हिमाचल में उन्होंने विभिन्न कॉलेजों में अंग्रेजी प्राध्यापक के तौर पर सेवाएं दी. उन्हें हिंदी कविता के लिए दो बार हिमाचल अकादमी पुरस्कार मिला है.
ईटीवी ने सीधे मुख्यमंत्री से ली प्रतिक्रिया
बता दें कि मुख्यमंत्री हिमाचल कला संस्कृति वह भाषा अकादमी के चेयरमैन होते हैं. ऐसे में ईटीवी ने सीधे मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से ही इस बारे में बातचीत की थी. फिलहाल मुख्यमंत्री ने बताया कि उनके संज्ञान में अभी ऐसी जानकारी नहीं आई है. इस बारे में पता लगाया जाएगा.
विभाजन के बाद पेशावर से भारत आए थे गिल के पूर्वज
अवतार गिल ने विभाजन का दर्द सहा है. बंटवारे के वक्त यह 7 साल के थे. गिल ने स्कूली शिक्षा शिमला के लालपानी से हासिल की. बाद में उन्होंने इंग्लिश में एमए की. 80 वर्षीय अवतार एनगिल कुछ समय से अपने बेटों के साथ विदेश में है.
दो बार मिला है अकादमी पुरस्कार
उन्होंने पंजाबी में भी कविताएं लिखी हैं. उनका अंतिम कविता संग्रह बाघ की वापसी शीर्षक से है. वह साहित्य साधना के लिए कई बार सम्मानित भी हुए. जिसमें दो बार उन्हें अकादमी पुरस्कार मिला है.
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