शिमला: हिमाचल प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र आगामी 18 से 25 सितंबर तक होगा. हालांकि आमतौर पर यह सत्र अगस्त माह में होता आया है, लेकिन अबकी बार प्रदेश में भारी आपदा के चलते इसको देरी से किया जा रहा है. प्रदेश सरकार ने विधानसभा सत्र 18 सितंबर से बुलाने का फैसला लिया है. मानसून सत्र 25 सितंबर तक होगा. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि सरकार ने 18 से 25 सितंबर तक विधानसभा का मानसून सत्र बुलाने का फैसला किया है.
सीएम की विपक्ष को सलाह: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि अबकी बार विधानसभा का मानसून सत्र आपदा के कारण देरी से करना पड़ रहा है. इस आपदा से निपटने में सारी सरकारी मशीनरी लगी हुई है. भाजपा नेताओं के विधानसभा सत्र बुलाने की बयानों का जिक्र करते हुए सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि उन्हें यह समझना चाहिए कि अगर मानसून सत्र बुलाया जाता हो तो सारा प्रशासन इसी काम में लग जाता. सारा सचिवालय, सभी निदेशालय, डीसी ऑफिस और कमिशनर के ऑफिस विधानसभा में लगे प्रश्नों का जवाब देने में लग जाते हैं.
18 सितंबर को होगा विधानसभा सत्र: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि पुलिस के करीब 2 हजार कर्मचारी विधानसभा सत्र में ही लग जाते तो फिर राहत व बचाव कार्य कौन करता. उन्होंने कहा कि आगे मौसम साफ रहने की संभावना है, इसको देखते 18 सितंबर से करने का फैसला लिया गया है.
मुख्यमंत्री ने राज्यपाल से की भेंट: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज राजभवन में राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल से शिष्टाचार भेंट की. मुख्यमंत्री ने राज्यपाल को प्रदेश में भारी बारिश, बाढ़, बादल फटने और लैंडस्लाइड के कारण हुई जान-माल की क्षति से अवगत करवाया. उन्होंने प्रभावित क्षेत्रों में राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे राहत कार्यों और प्रभावितों के पुनर्वास के लिए किए गए कार्यों के बारे में भी जानकारी दी. राज्यपाल ने कहा कि इस प्राकृतिक आपदा में पूरा प्रदेश प्रभावित परिवारों के साथ है. उन्होंने संकट की इस घड़ी में राज्य सरकार द्वारा उठाए गए विभिन्न कदमों की सराहना करते हुए कहा कि बचाव एवं राहत कार्य युद्ध स्तर पर चलाए गए, जिससे लोगों को काफी राहत मिली है.
राज्यपाल ने दिए सुझाव: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि उन्होंने राज्यपाल से प्रदेश में हुए नुकसान के बारे में चर्चा की और आपदा से निपटने के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी दी. राज्यपाल ने सरकार को आपदा से निपटने के बारे में कुछ अहम सुझाव दिए हैं. सरकार उन पर अमल करेगी. प्रदेश में स्थिति धीरे-धीरे सामान्य हो रही है और सड़क एवं परिवहन व्यवस्था को सुचारू किया जा रहा है. मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने आपदा के बाद राहत व बचाव कार्यों के बारे में अधिकारियों से बैठक भी की है.
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