शिमला: हिमाचल प्रदेश में बीते कुछ समय से राजधानी में बढ़ती भीड़ को कम करने पर चर्चा की जा रही है. जिसके लिए सार्वजनिक कार्यालयों को शिमला से बाहर स्थानांतरित करने के उपाय भी सुझाए गए. इस पर अब मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि राजधानी से भीड़ कम करने के लिए प्रदेश सरकार किसी भी सार्वजनिक कार्यालय को शिमला से बाहर ट्रांसफर नहीं करेगी.
शिमाल में बढ़ रही भीड़: कांग्रेस विधायक केवल सिंह पठानिया के एक प्रश्न के लिखित उत्तर में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने विधानसभा को बताया कि किसी भी सरकारी कार्यालय को शिमला से ट्रांसफर करने के बारे में न तो प्रदेश सरकार ने कोई फैसला लिया है और न ही किसी विभाग से ऐसा कोई सुझाव सरकार को मिला है. विधायक कुलदीप सिंह पठानिया ने पूछा था कि क्या प्रदेश सरकार राजधानी में भीड़भाड़ और मानसून के दौरान हुए जानमाल के नुकसान को देखते हुए कुछ सरकारी कार्यालयों को शिमला से बाहर ट्रांसफर करने पर विचार कर रही है? जिस पर मुख्यमंत्री ने साफ मना कर दिया.
हिमाचल में बढ़ा साइबर क्राइम: प्रदेश में साइबर क्राइम को लेकर कांग्रेस विधायक राजेंद्र राणा के सवाल का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि हिमाचल में साइबर क्राइम में बढ़ोतरी हुई है. हर महीने औसतन 8 नए मामले सामने आ रहे हैं. 1 जनवरी से 31 अगस्त 2023 तक प्रदेश में 49 साइबर क्राइम के मामले दर्ज किए गए हैं. सीएम ने कहा कि साइबर क्राइम पर अंकुश लगाने के लिए प्रदेश सरकार गंभीर है. इसके लिए शिमला, मंडी और धर्मशाला रेंज में एक-एक साइबर पुलिस स्टेशन खोला है और 1930 साइबर क्राइम हेल्पलाइन शुरू की है. इसके अलावा स्कूलों और कॉलेजों में साइबर क्राइम को लेकर जागरूकता कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं.
अब नहीं खुलेंगी शराब की नई दुकानें: शराब की दुकानों को लेकर भाजपा विधायक सतपाल सिंह सत्ती के सवाल पर सीएम ने कहा कि 2023-24 के दौरान कोई नई दुकानें नहीं खोली जाएंगी, क्योंकि नीलामी प्रक्रिया पूरी हो चुकी है. सीएम ने विधानसभा को बताया कि राजस्व बढ़ाने और अवैध शराब बिक्री पर रोक लगाने के लिए पिछले 8 महीनों में 4 उप-विक्रेताओं सहित 180 शराब की दुकानें खोली गई हैं. हालांकि लाइसेंस के लिए आवेदन करके उप-विक्रेता खोलने का प्रावधान है.
3 जिले के किसान-बागवानों को ज्यादा नुकसान: वहीं, राजस्व मंत्री जगत सिंह ने विधानसभा को बताया कि इस साल भारी बरसात से बागवानी विभाग को 126.09 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है, जिससे हिमाचल प्रदेश में 54,116 फल उत्पादक प्रभावित हुए हैं. कांग्रेस विधायक भुवनेश्वर गौड़ के सवाल का जवाब देते हुए राजस्व मंत्री ने बताया कि प्रदेश में 28,258.92 हेक्टेयर पर लगे बगीचे प्रभावित हुए हैं. शिमला जिले में उत्पादकों को सबसे अधिक 67.87 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ, इसके बाद कुल्लू में 36.10 करोड़ रुपये और मंडी में 10.76 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. प्रभावित उत्पादकों में से 47,707 किसान इन तीन जिलों से ही हैं.